सगाई क्या है? क्यों खास?
जब दो लोग शादी का फैसला करते हैं तो सबसे पहले सगाई होती है. यह रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत देता है. सगाई से दोनों परिवारों को भी मिलवाया जाता है और कई बार छोटी‑छोटी रस्में पूरी की जाती हैं.
आजकल सगाई सिर्फ पारम्परिक नहीं रही, सोशल मीडिया पर शेयर करना, फोटोज़ अपलोड करना और छोटे‑छोटे इवेंट प्लान करना आम बात हो गया है. इसलिए दैनिक दीया में हम सगाई से जुड़ी खबरें, रिवाज़ और टिप्स एक जगह लाते हैं.
सगाई की परम्पराएँ
भारत के हर कोने में सगाई का तरीका अलग‑अलग है. उत्तर भारत में रोहिनी या रिंग डाले जाते हैं, जबकि दक्षिण में कंगन और पिंदी लगाकर सगाई मनाते हैं. पश्चिमी हिस्से में अक्सर लाइटर फायर या फोटो शूट को मुख्य आकर्षण बनाते हैं.
परम्परा के पीछे की वजहें समझना मज़ेदार होता है. जैसे कि राजस्थान में सगाई के दौरान दुल्हन का हाथ चूड़ियों से बांधना, यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसे छोटे‑छोटे संकेतों को जानकर आप अपने इवेंट को और खास बना सकते हैं.
सगाई प्लानिंग टिप्स
अगर आप सगाई की तैयारी में हैं तो सबसे पहले बजट तय कर लें. बजट के हिसाब से लोकेशन, डेकोर और मेहमानों की संख्या तय करें. छोटे शहरों में बाग़ या घर का पिछवाड़ा भी सुंदर बन सकता है.
फोटोग्राफी को नज़रअंदाज़ मत करें. एक अच्छा फोटोग्राफर चुनें और पहले से शॉट लिस्ट बना लें, ताकि हर खास पल कैमरे में कैद हो सके. आजकल मोबाइल फ़ोन की क्वालिटी भी बहुत बढ़ गई है, लेकिन प्रोफ़ेशनल मदद बेहतर रहती है.
खाना-पीना सरल रखें. हल्का स्नैक्स और पेय पदार्थ पर्याप्त होते हैं जब तक कि आप बड़े डिनर पार्टी नहीं कर रहे हों. एक अच्छा केटरिंग सर्विस या घर में बने पकवान दोनों ही काम चलाते हैं.
परिवार की राय सुनें, लेकिन अपनी पसंद को भी याद रखें. सगाई का दिन दो लोगों का होता है, इसलिए उसे आपके अंदाज़ से सजाएँ. अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो थीम्ड ड्रेस या खास संगीत जोड़ सकते हैं.
अंत में, सबसे ज़रूरी बात – खुशी मनाना. सगाई सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि दो दिलों का मिलना है. इसलिए तनाव कम रखें और अपने रिश्ते की नई शुरुआत को पूरी ऊर्जा से सेलिब्रेट करें.