यौन दुर्व्यवहार सिर्फ शारीरिक हमला नहीं होता — यह अनचाही छेड़छाड़, आपत्तिजनक टिप्पणी, जबरन नज़रों या काम पर असुरक्षित माहौल भी हो सकता है। यह किसी भी जगह—घर, ऑफिस, कॉलेज या सार्वजनिक स्थान पर—हो सकता है। अगर आप खुद इससे गुज़र रहे हैं या किसी के साथ हुआ है, तो चुप न रहें। यहाँ आसान और त्वरित कदम दिए जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप सुरक्षित रह सकते हैं और मदद पा सकते हैं।
पहला काम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। खतरे में हों तो तुरंत 112 (इमरजेंसी) कॉल करें। सुरक्षित स्थान पर जाएँ और अगर संभव हो तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ रहें। सबूत बचाना बाद में आपकी मदद करेगा—घटनास्थल की फोटो लें, वार्तालाप का स्क्रीनशॉट रखें, कपड़े और किसी भी चोट को बिना बदले सुरक्षित रखें। मेडिकल जांच (मेडिको-लीगल) करवाना दर्दनाक लगे तो भी जरूरी है—यह कानूनी प्रक्रिया में काम आएगा।
अगर घटना कार्यस्थल पर हुई है तो घटना के तुरंत बाद लिखित नोट बनाएं—तिथि, समय, स्थान, गवाहों के नाम और जो कहा/किया गया उसका संक्षेप। ये विवरण आगे शिकायत में काम आयेंगे।
भारत में कुछ कानूनी रास्ते और संस्थाएँ हैं जो तुरंत मदद देती हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए POSH (Sexual Harassment of Women at Workplace Act, 2013) के तहत हर संस्थान में Internal Complaints Committee (ICC) होना जरूरी है—आप सीधे ICC को शिकायत कर सकती हैं। गंभीर अपराधों के लिए पुलिस में FIR दर्ज कराना एक वैध कदम है—IPC की धाराएँ जैसे 354, 354A और 376 संबंधित अपराधों पर लागू होती हैं।
इमरजेंसी में 112 कॉल करें। महिलाओं के लिए 181 जैसी हेल्पलाइन भी उपलब्ध होती हैं और बच्चों के लिए 1098। स्थानीय पुलिस स्टेशन, नजदीकी NGO या महिला आयोग (State/NCW) से संपर्क करके कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता मिल सकती है। अगर वकील चाहिए तो legal aid या लोक अदालतों में मुफ्त कानूनी सलाह उपलब्ध हो सकती है।
मानसिक सहारा बहुत मायने रखता है—काउंसलिंग लें। कई एनजीओ और अस्पताल क्राइसिस काउंसलिंग और शेल्टर प्रदान करते हैं। अपने अनुभव को किसी भरोसेमंद व्यक्ति, मित्र या परिवार के साथ साझा करना भी एक बड़ा कदम है।
याद रखें: आपकी मान्यता, निर्णय और सुरक्षाही सबसे जरूरी हैं। मदद माँगना कमजोरी नहीं, हिम्मत है। अगर आपको राज्य या शहर के संसाधनों की जानकारी चाहिए तो हम आपको स्थानीय संस्थाओं और संपर्कों की जानकारी ढूँढने में मदद कर सकते हैं।
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बंगाली फिल्म निर्माता अरिंदम सिल पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं, जिससे निर्देशक संघ ने उन्हें अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है। एक महिला अभिनेत्री ने सिल पर शूटिंग के दौरान अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्होंने माफी मांगी। संघ ने यह निर्णय गंभीर आरोपों और प्रथम दृष्टया पाई गई साक्ष्यों के आधार पर लिया है।