आईपीएल 2024 से बाहर होना सबसे सही निर्णय था: इंग्लैंड के खिलाफ मैच जीतने वाली प्रदर्शन के बाद एडम जेम्पा
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

5 टिप्पणि

  1. Rajesh Winter Rajesh Winter
    जून 9, 2024 AT 21:10 अपराह्न

    भाई लोग, जेम्पा ने IPL छोड़ने का जो फैसला किया वो सच में दिल से आया लगता है. परिवार के साथ टाइम बिताना अब उसकी प्राथमिकता है और इस से उसकी फॉर्म भी सही दिशा में जा रही है. मैं मानता हूँ कि लंबा IPL सीजन कभी-कभी थकान बढ़ा देता है, खासकर स्पिनरों के लिये. अब जब वो वर्ल्ड कप में फोकस कर रहा है तो ऑस्ट्रेलिया को भी फायदा होगा. मेहनत और संतुलन दोनों को साथ ले जाना ही जीत की कुंजी है

  2. Archana Sharma Archana Sharma
    जून 9, 2024 AT 21:11 अपराह्न

    जेम्पा का निर्णय बहुत प्रेरणादायक है 😊

  3. Vasumathi S Vasumathi S
    जून 9, 2024 AT 21:13 अपराह्न

    जेम्पा के इस कदम को सिर्फ व्यक्तिगत प्राथमिकता के रूप में नहीं बल्कि एक रणनीतिक निर्णय के रूप में देखना आवश्यक है।
    IPएल जैसे व्यावसायिक मंच से दूर रहना वास्तव में खिलाड़ी को मानसिक शांति प्रदान करता है।
    इस शांति का प्रत्यक्ष परिणाम उनके गेंदबाज़ी में परिलक्षित होता है, जैसा कि इंग्लैंड के खिलाफ़ मैच में स्पष्ट देखा गया।
    उनकी दो विकेट और 28 रन की आर्थिक उपयोगिता टीम की जीत को सुनिश्चित करने में निर्णायक रही।
    यह दर्शाता है कि चयनकर्ता को केवल तुरंत प्रदर्शन नहीं, बल्कि दीर्घकालिक विकास को भी तौलना चाहिए।
    जेम्पा का अनुभव और तकनीकी समझ उन्हें सीमित परिस्थितियों में भी अवसर प्रदान करती है।
    उन्होंने अपने अभ्यास सत्रों में विविधता को अपनाकर स्पिन की विभिन्न वर्गों पर महारत हासिल की है।
    इस दृष्टिकोण ने उन्हें टर्निंग पिच पर भी प्रभावी बनाय रखा।
    विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे खिलाड़ी जो मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से संतुलित हों, वे विश्व कप जैसे बड़े मंच पर अधिक मूल्य प्रदान कर सकते हैं।
    इसके अलावा, परिवार के समर्थन ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है, जिससे उनका प्रदर्शन और स्थिर रहा।
    यह पहल हमें यह भी सिखाती है कि खेल में व्यक्तिगत जीवन का सम्मान कितना आवश्यक है।
    कई बार खिलाड़ियों को अपनी निजी जरूरतों को बलिदान करना पड़ता है, पर जेम्पा ने सिद्ध किया कि संतुलन संभव है।
    इस संतुलन ने न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के सामूहिक लक्ष्य को भी सरल किया।
    भविष्य में यदि अन्य खिलाड़ी भी इस प्रकार की प्राथमिकता को अपनाएँ, तो राष्ट्रीय टीम की सामूहिक शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
    अतएव जेम्पा का निर्णय केवल एक व्यक्तिगत चयन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश के रूप में कार्य करता है।
    उसे देखते हुए, बोर्ड को चाहिए कि वे खिलाड़ियों को ऐसी लचीलापन प्रदान करने के लिए उचित नीतियां तैयार करें।

  4. Anant Pratap Singh Chauhan Anant Pratap Singh Chauhan
    जून 9, 2024 AT 21:15 अपराह्न

    बिल्कुल सही कहा, संतुलन ही असली जीत की नींव है

  5. Shailesh Jha Shailesh Jha
    जून 9, 2024 AT 21:16 अपराह्न

    मैं देखता हूँ कि इस विचारधारा को अक्सर ‘एनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट’ की धोंधली में ढका दिया जाता है; असली बात ये है कि अगर कोचेज़ और बोर्ड लचीलापन नहीं देंगे तो टैलेंट खुद ही बर्नआउट हो जाएगा. जेम्पा जैसे खिलाड़ी को समर्थन देना महज इमोशन नहीं, यह स्ट्रैटेजिक एसेट मैनेजमेंट का हिस्सा है. इसे लागू करने में क्लाइंट-सेन्ट्रिक एप्रोच अपनाया जाना चाहिए, वरना हम प्रतिभा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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