आयुष म्हात्रे ने रोहित शर्मा का 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, 18 साल में डोमेस्टिक शतक का नया मानक बनाया
28 नवंबर 2025 को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में एक ऐसा पल आया, जिसने भारतीय क्रिकेट के इतिहास को फिर से लिख दिया। आयुष म्हात्रे, जो अभी केवल 18 साल और 135 दिन के थे, ने रोहित शर्मा का 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया — डोमेस्टिक क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। इसी दिन, वहीं इंग्लैंड के खिलाफ यूथ टेस्ट में वैभव सूर्यवंशी का विश्व रिकॉर्ड भी उन्होंने तोड़ दिया। एक दिन में दो ऐतिहासिक उपलब्धियाँ। ये कोई साधारण दिन नहीं था।
रोहित का रिकॉर्ड ध्वस्त, एक नए युग की शुरुआत
रोहित शर्मा ने 2006 में 19 साल 339 दिन की उम्र में फर्स्ट-क्लास, लिस्ट ए और टी20 में शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद 19 साल तक कोई भी इस दीवार को तोड़ने में कामयाब नहीं हुआ। उन्मुक्त चंद, क्विंटन डी कॉक, अहमद शहजाद — सभी ने लगभग 20 साल की उम्र तक इंतजार किया। लेकिन आयुष म्हात्रे ने नहीं किया।
सैयद मुश्टाक अली ट्रॉफी 2025 में विदर्भ के खिलाफ मैच में, मुंबई को 193 रनों का पीछा करना था। 17.5 ओवर में जीत के लिए जरूरी था कि बल्लेबाज जल्दी रन बनाएं। और आयुष ने वही किया। 53 गेंदों में 110 रन — 8 चौके, 8 छक्के, और नाबाद। उन्होंने अपना शतक सिर्फ 49 गेंदों में पूरा किया। जब उन्होंने आखिरी रन लगाया, तो स्टेडियम चीख उठा। रोहित का रिकॉर्ड अब इतिहास बन चुका था।
यूथ टेस्ट में वैभव का रिकॉर्ड भी गया टूटे
लेकिन ये सिर्फ शुरुआत थी। उसी दिन दोपहर को, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे यूथ टेस्ट की दूसरी पारी में, आयुष ने एक और चमत्कार किया। वैभव सूर्यवंशी का रिकॉर्ड — अंडर-19 टेस्ट में 150+ स्ट्राइक रेट के साथ सबसे ज्यादा रन — अब उनके नाम पर था।
वैभव ने अक्टूबर 2024 में 62 गेंदों पर 104 रन बनाकर 167.74 की स्ट्राइक रेट दर्ज की थी। आयुष ने इंग्लैंड के गेंदबाज एलेक्स ग्रीन को 68वीं गेंद पर छक्का मारकर उसे पीछे छोड़ दिया। 80 गेंदों पर 126 रन — स्ट्राइक रेट 157.50। ये नहीं था कि उन्होंने वैभव का रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि उन्होंने एक नया मानक बनाया।
अब ये दोनों खिलाड़ी एक ही टीम में हैं — भारत की अंडर-19 टीम। आयुष कप्तान हैं, वैभव ओपनिंग करते हैं। इस जोड़ी का भविष्य बेहद उत्साहजनक है।
क्यों ये रिकॉर्ड इतना बड़ा है?
डोमेस्टिक क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में शतक बनाना आसान नहीं है। फर्स्ट-क्लास में गेंद धीमी होती है, लिस्ट ए में दबाव बना रहता है, और टी20 में रन बनाने के लिए रिस्क लेना पड़ता है। एक खिलाड़ी को इन तीनों दुनियाओं में अपनी लचीलापन दिखाना होता है।
रोहित शर्मा ने इसे 19 साल में किया था। आयुष ने 18 साल और 135 दिन में। ये अंतर सिर्फ 204 दिन का है — लेकिन इसका असर असीमित है। ये दिखाता है कि आज के युवा बल्लेबाज अब सिर्फ रन नहीं बना रहे, बल्कि रिकॉर्ड बना रहे हैं।
एशिया कप के लिए कप्तान बने, लेकिन IPL में अनसोल्ड
इसी दिन, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आयुष म्हात्रे को एसीसी मेन्स अंडर-19 एशिया कप 2025दुबई के लिए भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया। उपकप्तान बने विहान मनोज मल्होत्रा।
लेकिन एक अजीब बात है — आयुष आईपीएल 2025 की नीलामी में अनसोल्ड रहे। कोई टीम ने उन्हें खरीदा नहीं। क्या ये गलती है? या फिर टीमें अभी भी युवा बल्लेबाजों के विकास के लिए समय देने की समझ नहीं रखतीं?
कुछ विश्लेषक कहते हैं कि आयुष का खेल बहुत तेज है — वह लंबे समय तक बल्लेबाजी नहीं करता, लेकिन जब करता है, तो उसका असर बड़ा होता है। आईपीएल अक्सर अनुभव और रिस्क मैनेजमेंट को प्राथमिकता देता है। शायद आयुष को इसकी जरूरत नहीं है। शायद उसे बस समय चाहिए।
अगला कदम: वर्ल्ड कप की तैयारी
अंडर-19 वर्ल्ड कप 2026जिम्बाब्वे और नामीबिया में आयोजित होगा। एशिया कप इसके लिए एक बड़ा टेस्ट बेंचमार्क होगा। आयुष की टीम में वैभव, विहान, और अन्य युवा ताकतें हैं। अगर वे इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो भारत की अगली पीढ़ी का नेतृत्व उन्हीं के हाथों में होगा।
FAQ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आयुष म्हात्रे ने कौन-से दो विश्व रिकॉर्ड तोड़े?
आयुष म्हात्रे ने 28 नवंबर 2025 को दो रिकॉर्ड तोड़े: पहला, अंडर-19 टेस्ट में 150+ स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड — जो वैभव सूर्यवंशी के नाम था। दूसरा, डोमेस्टिक क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड — जो 19 साल पुराना रोहित शर्मा का था।
रोहित शर्मा का रिकॉर्ड कब बना था और आयुष ने इसे कैसे तोड़ा?
रोहित शर्मा ने 2006 में 19 साल 339 दिन की उम्र में तीनों फॉर्मेट्स में शतक बनाकर रिकॉर्ड बनाया था। आयुष ने 18 साल 135 दिन की उम्र में सैयद मुश्टाक अली ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ 53 गेंदों में 110 रन बनाकर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया — 204 दिन पहले।
आयुष म्हात्रे को आईपीएल में क्यों नहीं खरीदा गया?
आईपीएल नीलामी में आयुष को कोई टीम नहीं खरीद पाई, शायद उनकी बल्लेबाजी शैली — जो तेज लेकिन लंबे समय तक नहीं चलती — को टीमें अभी रिस्क के रूप में देख रही हैं। लेकिन उनका युवा टीम में प्रदर्शन दिखाता है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
अंडर-19 एशिया कप 2025 का महत्व क्या है?
यह टूर्नामेंट जिम्बाब्वे और नामीबिया में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी का अहम मंच है। आयुष की टीम के लिए यह अपनी युवा जोड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट करने का अवसर है, खासकर जब उनके पास वैभव जैसे बल्लेबाज हैं।
आयुष और वैभव की जोड़ी क्यों खतरनाक है?
आयुष तेज शुरुआत करता है और रिकॉर्ड बनाता है, वैभव उसके बाद तेज स्ट्राइक रेट से रन जोड़ता है। दोनों अंडर-19 टेस्ट में एक-दूसरे के रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। ये जोड़ी भारत के लिए एक नया ओपनिंग विकल्प बन सकती है — जो शुरुआत में ही दबाव बना दे।
आयुष म्हात्रे के बाद भारत के युवा क्रिकेट में क्या उम्मीद है?
आयुष के रिकॉर्ड ने दिखाया है कि भारत के युवा खिलाड़ी अब सिर्फ टेक्निकल नहीं, बल्कि रिकॉर्ड-बेस्ड खिलाड़ी बन रहे हैं। अगर उन्हें सही दिशा मिले, तो भारत की अगली पीढ़ी दुनिया की सबसे खतरनाक युवा टीम बन सकती है।
bhargav moparthi
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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ये बच्चा तो बस एक दिन का शोर है, अगले साल तक कोई याद नहीं रखेगा।
मुझे लगता है इस बच्चे की ऊर्जा और आत्मविश्वास देखकर दिल भर गया। भारत की भविष्य की टीम इन्हीं लोगों से बनेगी।
इस रिकॉर्ड का असली मतलब ये नहीं कि वो युवा है, बल्कि ये कि उसने तीनों फॉर्मेट्स में अलग-अलग दबावों को समझा। ये टेक्निकल एडवांसमेंट है, सिर्फ स्ट्राइक रेट नहीं।
क्या कोई बता सकता है कि आईपीएल में उन्हें क्यों नहीं खरीदा गया? क्या टीमें अभी भी सिर्फ नाम देखती हैं?
एक युवा खिलाड़ी के रिकॉर्ड तोड़ने से ज्यादा बात ये है कि उसने एक नए मानक की शुरुआत की। रोहित का रिकॉर्ड अब एक याद है, आयुष का एक नया दिशा है।
अभी तक कोई भी इतनी जल्दी बड़ा रिकॉर्ड नहीं बना पाया, लेकिन अब ये सब बच्चों के लिए दबाव बन गया है। ये खेल नहीं, बिजनेस हो गया।
रोहित ने जो किया, वो इतिहास था। आयुष ने जो किया, वो भविष्य की शुरुआत है। अंतर समझो।
मुझे लगता है ये सब बस एक शो है... और ये बच्चा इसका नया ट्रेंड है। 😔
ये बच्चे ने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि हम सबके दिमाग में एक नया सवाल खड़ा कर दिया - क्या हम अभी भी युवाओं को समय दे पा रहे हैं?
मैंने आयुष का वीडियो देखा, उसकी बल्लेबाजी का फ्लो बहुत अच्छा था। लग रहा था जैसे वो गेंद को नहीं, बल्कि वक्त को बांध रहा है।
आईपीएल ने उन्हें नहीं खरीदा? शायद उन्हें लगा कि ये बच्चा एक बार में 100 रन बनाएगा और फिर गायब हो जाएगा।
इस जोड़ी - आयुष और वैभव - का असली जादू ये है कि वो एक-दूसरे के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी टीम के लिए खेल रहे हैं। ये नहीं कि एक दूसरे को हराना है, बल्कि टीम को जीतना है।
ये बच्चा तो बस एक बार जल गया, अब देखो वो लगातार जलता रहेगा या बुझ जाएगा। लेकिन अभी तो वो बहुत तेज जल रहा है।
तुम सब इस बच्चे के बारे में बहुत ज्यादा बात कर रहे हो। लेकिन क्या तुमने उसकी बैटिंग स्टैंस देखी? वो तो गलत है। ये रिकॉर्ड भी बनेगा नहीं।
रोहित का रिकॉर्ड तोड़ना आसान है जब तुम्हारे पास एक टीम हो जो तुम्हारे लिए बल्ला घुमा रही हो। ये सब बस टीम का श्रेय है।
ये सब एक बड़ा नेटवर्क है - एसीसी, BCCI, मीडिया, और फैंस। आयुष बस एक टूल है जिससे उन्होंने लाभ उठाया। उसका नाम ट्रेंड में आया, अब उसे बेच दिया जाएगा।
तुम सब उसकी बल्लेबाजी पर खुश हो रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि वो अभी भी 18 साल का बच्चा है? उसके दिमाग में क्या चल रहा है? क्या वो जानता है कि उसे इस दुनिया में बस एक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है?
रोहित ने अपना रास्ता बनाया। आयुष को बस एक रास्ता दिया गया है। ये अंतर है।
आज वो रिकॉर्ड तोड़ रहा है, कल वो दबाव में टूट जाएगा। और फिर कोई नया बच्चा आएगा।
इस दुनिया में कोई भी नहीं जानता कि आयुष क्या चाहता है। लोग सिर्फ उसके रन देख रहे हैं।
मैं नहीं चाहता कि ये बच्चा अपनी जिंदगी के बारे में कभी भूल जाए - कि वो एक खिलाड़ी है, न कि एक नंबर।
अगर ये रिकॉर्ड उसके नाम पर लिखा गया, तो क्या उसके नाम पर उसकी नींद भी लिख दी जाएगी?
आयुष के लिए ये सिर्फ शुरुआत है। जब वो बड़ा होगा, तो उसे अपने रिकॉर्ड के बारे में नहीं, बल्कि अपने खेल के बारे में सोचना होगा।
भारत के युवा खिलाड़ियों को बस एक चीज चाहिए - समय। न कि रिकॉर्ड।