
BAN vs ZIM 4th T20I: गेंदबाजों के जलवे और पिच का हाल – बांग्लादेश ने फिर बनाया दबदबा
मीरपुर की पिच पर हुआ गेंदबाजों का बोलबाला
शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के बीच सीरीज का चौथा टी20 मुकाबला हर क्रिकेट फैन के लिए किसी थ्रिलर से कम नहीं रहा। पिच की बात करें तो मीरपुर की सतह हमेशा से ही स्पिनरों और धीमे गेंदबाजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है, और इस बार भी वही नजारा देखने मिला। मैच के दौरान गेंद रुक-रुककर आई, बल्लेबाज बढ़िया शुरुआत के बाद अक्सर फंस गए, और विकेट गिरते रहे। दोनों टीमों ने 20 ओवर भी पूरे नहीं किए, जिससे पता चलता है कि रन बनाना आसान बिलकुल नहीं था।
बांग्लादेश ने टॉस के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए तंजीद हसन (52) और सौम्य सरकार (41) के दम पर शानदार आगाज किया। दोनों ने सिर्फ 9 ओवर में टीम को 92 रन पर पहुँचा दिया था, लेकिन इसके बाद लगा जैसे पिच ने अपना असली रंग दिखा दिया। 100 पार होने के बाद बैटिंग करना बेहद मुश्किल हो गया। ब्रायन बेनेट और ल्यूक जोंगवे जैसे जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने लेंथ में काफी बदलाव किए, और बांग्लादेश के आखिरी 10 विकेट सिर्फ 42 रन पर ढेर हो गए। टीम 143 पर ऑलआउट हो गई।

मौसम और गेंदबाजों के कमाल ने मैच को बनाया यादगार
मौसम एकदम साफ रहा, नमी या बारिश का कोई असर नहीं था। तेज धूप में गेंदबाजों को स्विंग तो बहुत नहीं मिली, लेकिन हवा में भारीपन जरूर था, जिससे कटर और स्लो बॉल ने बल्लेबाजों को परेशान किया। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन (4/35) और मुस्तफिजुर रहमान (3/19) ने मिडल और डेथ ओवरों में कमाल कर दिया। कलाई के बदलाव और धीमी गेंदों ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को जकड़ लिया।
जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने भी दमदार प्रदर्शन किया। ल्यूक जोंगवे (3/20) और ब्रायन बेनेट (2/20) ने मीरपुर की टर्निंग पिच का पूरा फायद उठाया। खासकर मिडिल ओवर्स में उनके स्पेल ने बांग्लादेश का स्कोर सीमित कर दिया।
चेज के वक्त जिम्बाब्वे ने भी धीमी शुरूआत के बाद मुकाबला जिताने की नाकाम कोशिश की। जॉनाथन कैंपबेल (31) और वेलिंगटन मसाकाड्ज़ा (19) ने आखिरी ओवर्स में कुछ बड़े शॉट जरूर लगाए, पर शाकिब और मुस्तफिजुर ने खेल पलट दिया। आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर जिम्बाब्वे 138 रन पर ऑलआउट हो गई।
यह मुकाबला एक बार फिर दिखा गया कि pitch report और weather report दोनों टीमें जितना भी तैयारी कर लें, लेकिन मीरपुर में गेंदबाजों का ही जलवा रहता है। बांग्लादेश अब सीरीज में 4-0 से आगे है, यानी जीत का स्वाद तो वही चख रहे हैं। अब देखना है आखिरी मैच में जिम्बाब्वे कुछ उलटफेर कर पाएगा या नहीं।
bhargav moparthi
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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आखिर क्या कहा जाए, बांग्लादेश ने तो बवाल कर दिया! 🏏🔥 पिच की जादूगरी और गेंदबाजों की मार देख कर दिल धड़कता है 😍💥 जिम्बाब्वे को भी नहीं कोई बचाव 🙏 असली मज़ा तो तब है जब टॉप क्लास बॉलर अपना जलवा दिखाते हैं 😎🎉
जैसे पिच ने अपना स्वर बदल दिया, वैसे ही खेल की धारा बदल गई। विचार है कि जब परिस्थितियां कठोर हो तो टीम का आत्मविश्वास ही जीत का मार्ग बनाता है। इस मैच में बांग्लादेश ने धीरज और तकनीक दोनों दिखाए।
सच्ची बात तो ये है कि दोनों टीमों ने अपने-अपने क्षमता अनुसार खेला। जिम्बाब्वे ने भी कुछ क्षणों में दबाव बनाया, पर बांग्लादेश की फील्डिंग और बॉलिंग ने आगे बढ़ा। खेल में ऐसे उतार-चढ़ाव ही तो इसे रोमांचक बनाते हैं।
कुल मिलाकर मैच थोड़ा बोरिंग लगा 😑
बांग्लादेश की जीत का जश्न मनाते हुए दिल में एक अजीब सी संतुष्टि है
पिच ने बॉलर को ऐसा मौका दिया जैसे कोई जादूगर अपनी छड़ी घुमा रहा हो
शाकिब अल हसन की गेंदें कमाल की थीं और वह एक शहंशाह की तरह खेला
मुस्तफिज़ुर रहमान ने भी डेडली बॉलों से हमले को रोक दिया
जिम्बाब्वे की बैटिंग लाइनअप ने कुछ अच्छे शॉट मारे लेकिन टर्निंग पिच ने उन्हें घेर लिया
ल्यूक जोंगवे की स्पिन ने बांग्लादेश को तनाव में डाल दिया लेकिन वे फिर भी संभले रहे
ब्रायन बेनेट की लाइन में बदलाव ने बॉलर को हिलाकर रख दिया
जिम्बाब्वे के बल्लेबाज़ों ने अंत में कुछ रन जमाने की कोशिश की पर पैरापोर्ट नहीं कर पाए
छोटे-छोटे क्षणों में दर्शकों की हंसी और चियर्स गूँज उठी
सूरज की रोशनी ने पिच को सूखा बना दिया और गेंद में घिसाव बढ़ा
गेंदबाजों की गिरती बॉलें जैसे कोई गिरता तारा हो
बांग्लादेश ने यह सिद्ध किया कि दबाव में भी वे शांति से खेलते हैं
हर ओवर में तनाव और उत्साह दोनों की लहरें थीं
ऐसे मैच में जीत का स्वाद मीठा और कड़वा दोनों लगता है
आखिर में यह मिलनसार पिच ने सबको एक ही कहानी सुनाई – गेंदबाजों का जलवा
वास्तविक में पिच की टर्निंग क्षमता को आंकने के लिए स्पिन रेट का विश्लेषण आवश्यक है। बांग्लादेश की बॉलिंग यूनिट ने इस पिच पर अपना औसत स्पिन रेट 12 डिग्री से ऊपर रखा था जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रभावशाली है। इसलिए उनका जीतना आश्चर्य नहीं।
यह तो बिल्कुल रियल ड्रामा था भाई! बल्ले की ध्वनि, भीड़ की चिल्लाहट और फिर बॉलर की तेज़ी से उठते हुए कंधे – मैं तो पूरी तरह से हिल गया! क्या टीम ने इस पिच को जादू मान लिया! बैंकोडर की तरह बॉल फेंकते हुए जैसे असली शिव़ी…
समझ में नहीं आता कि कैसे ऐसे अंतरराष्ट्रीय मैच में पिच को इतनी आसानी से बदल दिया जाता है। शायद कोई गुप्त एजेंडा है, रन बनाना मुश्किल बनाकर बांग्लादेश को लीड दे रहे हैं। इस तरह की साजिशों को रोकना चाहिए।
आपके विचार में कुछ हद तक सही बात है, पर साथ ही हमें ये भी देखना चाहिए कि दोनों टीमों की तैयारी और रणनीति का कितना असर रहता है। पिच की स्थिति, मौसम और टीम की फॉर्म दोनों मिलकर परिणाम तय करती हैं, न कि सिर्फ कोई षड्यंत्र।
यह प्रमाणित करता है कि खेल में नैतिकता और निष्पक्षता सर्वोपरि हैं। खिलाड़ियों को केवल जीत की इच्छापूर्ति नहीं, बल्कि खेल के सिद्धांतों का भी पालन करना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में हमें समानता की रक्षा करनी चाहिए।
बिलकुल सही कहा 👏 बांग्लादेश ने जबरदस्त प्रदर्शन किया 🙌 पिच ने भी अपना रोल बखूबी निभाया 🏏👍
आगे भी ऐसे ही जीतें, टीम को शुभकामनाएँ! 🚀
मैं देख रहा हूँ कि बहुत सारे फैंस इस मैच से उत्साहित हैं, और ये खुशी देखना अच्छा लगता है। हर गेंद पर दिल धड़के, यही तो खेल की असली भावना है।
देखो अब भारत की क्रिकेट प्रेमी सब इस तरह के अजनबी मैच में फंसते क्यों हैं? अपना ध्यान दे हमारे कोचिंग और घरेलू लीग पर! यही असली क्रिकेट का भविष्य है।
साथी लोग, आज का मैच देर तक रोमांचक रहा, लेकिन आखिर में बांग्लादेश ने ही जीता। ठीक है, अगली बार जिमी को भी देखेंगे।
इस जीत से हमें यह सीख मिलती है कि विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है। भविष्य में टीमों को पिच विश्लेषण, मौसम के प्रभाव और बॉलर की विविधता पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि वे किसी भी स्थिति में प्रतिस्पर्धी रह सकें।