IMD का सितंबर 2025 अलर्ट: औसत से ज्यादा बारिश, मॉनसून वापसी 17 सितंबर के बाद
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

8 टिप्पणि

  1. Vishal Raj Vishal Raj
    सितंबर 3, 2025 AT 18:56 अपराह्न

    IMD का अलर्ट सिर्फ आँकड़े नहीं यह जलप्रबंधन की रणनीति में बदलाव का संकेत है। मॉनसून की देर से वापसी से बाढ़ का जोखिम बढ़ता है। किसानों को जल निकासी व्यवस्था जल्दी से जल्दी तैयार करनी चाहिए।

  2. Kailash Sharma Kailash Sharma
    सितंबर 3, 2025 AT 23:06 अपराह्न

    ये बारिश तो देश के हर कोने में बाढ़ की त्रासदी बुन रही है!

  3. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    सितंबर 4, 2025 AT 03:16 पूर्वाह्न

    देखो सरकार की बातों में छिपा है एक बड़ी साजिश जो हमें विदेशी नियंत्रण से बचाने की राह पर नहीं ले जा रही। इस मौसम में नमी का लगातार इजाफा बरसात को और भी खतरनाक बना रहा है, जैसे कोई बाहरी ताकत हमारी फसलों को बीचा रही हो। हमें अपने जल संसाधनों को खुद ही संभालना चाहिए, नहीं तो विदेशी एजेंडा हमारे ऊपर हावी हो जाएगा।

  4. sanam massey sanam massey
    सितंबर 4, 2025 AT 07:26 पूर्वाह्न

    मॉनसून की देर से वापसी हमें प्राकृतिक चक्र की जटिलता पर एक गहरा विचार करने को प्रेरित करती है।
    प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी मौसम विज्ञान ने हमें बताया कि जलवायु परिवर्तन हमारे क्षेत्रीय पैटर्न को लगातार बदल रहा है।
    भारतीय कृषक इतिहास में जल की भूमिका को कभी भी कम नहीं आँका गया है, क्योंकि खेती ही जीवन का मूलधारा है।
    अब जब बरसात का हिसाब 109% LPA तक पहुंच रहा है, तो हमें सोचना चाहिए कि बाढ़ के साथ साथ जल संग्रहण की संभावनाएँ भी क्या हैं।
    जलाशयों में अतिरिक्त जल का संचय रबी के मौसम में सिंचाई को स्थिर रखने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके लिए सही नियोजन आवश्यक है।
    स्थानीय समीक्षक अक्सर कहते हैं कि बुनियादी ढांचे में सुधार ही एकमात्र उपाय है, परन्तु सामाजिक जागरूकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
    ग्रामीण इलाकों में जल निकासी की कमजोरियों को दूर करने के लिए समुदाय-आधारित समाधान अपनाए जा सकते हैं।
    शहरी क्षेत्रों में पुरानी नालियों का सफाई कार्यक्रम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए, नहीं तो ट्रैफिक जाम और जलभराव के साथ जुड़ी समस्याएँ बढ़ेंगी।
    तकनीकी तौर पर वॉटर मैनेजमेंट टूल्स का उपयोग करके हम वास्तविक‑समय में जल स्तर की निगरानी कर सकते हैं।
    इस प्रकार की डेटा‑ड्रिवन रणनीति न केवल आपदा प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि भविष्य की योजना बनाते समय भी मददगार सिद्ध होगी।
    हमें यह भी याद रखना चाहिए कि जल के अभाव में भी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, इसलिए संतुलित जल उपयोग ही सतत विकास का मूल सिद्धांत है।
    पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के साथ तालमेल बिठाने के लिए नीतियों में लचीलापन होना चाहिए।
    यह लचीलापन न केवल बाढ़ रोकथाम के लिए बल्कि जल संरक्षण के लिए भी आवश्यक है।
    अंत में, प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे अपने समुदाय में जल संरक्षण के उपायों को अपनाएँ और अन्य लोगों को जागरूक करें।
    केवल सामूहिक प्रयास ही हमें इस अनिश्चित मौसम के दौर में सुरक्षित और समृद्ध बनाये रख सकते हैं।

  5. jinsa jose jinsa jose
    सितंबर 4, 2025 AT 11:36 पूर्वाह्न

    प्रकृति के इस अनुकूलन को देख कर हमें नैतिक जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न बाढ़ के खतरों को कम करने हेतु सार्वजनिक नीति में सख्त नियम आवश्यक हैं। दुर्भाग्यवश कई बार कर्ता लोग इस बात को नज़रअंदाज़ करते हैं, जिससे कमजोर वर्गों पर असमान प्रभाव पड़ता है। हमें यह मानना चाहिए कि प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसान हो या शहरी कार्यकर्ता, फसल और सुरक्षा दोनों का समान अधिकार रखता है। इस कारण जल प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सिद्धांतों को अपनाना अनिवार्य है।

  6. Suresh Chandra Suresh Chandra
    सितंबर 4, 2025 AT 15:46 अपराह्न

    भाई लोगो, इस बारिश में बहुत कुछ समझना पड़ेगा 😅। जल निकासी के सिस्टम अभी भी पुराने फॉर्मेट में है, ठीक से काम नहीं कर रहा। अगर जल्दी नहीं सुधरेंगे तो बहुत बुरा हो सकता हे। 🙏

  7. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    सितंबर 4, 2025 AT 19:56 अपराह्न

    चलो इस देर से मॉनसून को अवसर मानें और जल संग्रहन को बढ़ाएं 😊 हम सब मिलकर बाढ़ को रोक सकेंगे

  8. Dhara Kothari Dhara Kothari
    सितंबर 5, 2025 AT 00:06 पूर्वाह्न

    मैं समझती हूँ कि यह बारिश बहुत परेशान कर रही है लेकिन निरंतर शिकायत से कुछ नहीं होगा हमें मिलकर समाधान निकालना होगा

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