मेडिकल कारणों से 26 साल की उम्र में विल पुकोव्स्की का क्रिकेट से सन्यास
चिकित्सा कारणों से क्रिकेट छोड़ने का निर्णय
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर विल पुकोव्स्की ने 26 साल की उम्र में अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली क्रिकेट करियर पर विराम लगाने का निर्णय लिया है। पुकोव्स्की को क्रिकेट जगत में उभरते सितारे के रूप में देखा जाता था, लेकिन बार-बार लगने वाली चोटों के कारण उनकी यात्रा अपेक्षा के अनुसार नहीं चल पाई। चिकित्सा विशेषज्ञों ने उन्हें यह कदम उठाने की सलाह दी है ताकि उनकी सेहत को और नुकसान न पहुंचे।
चोटों ने बिगाड़ा करियर
विल पुकोव्स्की का करियर चोटों से जूझता रहा है। उन्हें बार-बार सिर पर चोट लगने की समस्या का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी खेलने की क्षमता पर गहरा असर पड़ा। जनवरी 2021 में भारत के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच के दौरान भी उन्होंने कंधे की चोट का सामना किया, जिसके चलते उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और वे छह महीने तक मैदान से दूर रहे।
उभरते सितारे का संघर्ष
2 फरवरी 1998 को जन्मे विल पुकोव्स्की ने अपने करियर की शुरुआत बेहद शानदार तरीके से की थी। 2016-17 अंडर-19 नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने लगातार चार शतक जड़े और पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा। उन्होंने 2016-17 शेफील्ड शील्ड सीजन में विक्टोरिया के लिए अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला और तभी से उनकी शानदार प्रदर्शन की शुरुआत हुई।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
अपने छोटे से करियर में पुकोव्स्की ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक जमाया और मार्कस हैरिस के साथ शेफील्ड शील्ड में साझेदारी का नया रिकॉर्ड बनाया। इसके बावजूद, लगातार चोटों ने उनके करियर को बाधित किया। मार्च 2024 में आई उनकी एक और चोट आखिरी साबित हुई और चिकित्सा विशेषज्ञों ने उन्हें खेल छोड़ने की सलाह दी।
क्रिकेट के लिए चिंता का कारण
विल पुकोव्स्की का लगातार चोटों के कारण सन्यास लेना क्रिकेट जगत के लिए चिंता का विषय है। यह हमें याद दिलाता है कि खेल में सिर की चोटें कितनी गंभीर हो सकती हैं। यह पुकोव्स्की के अलावा कइयों के करियर को भी प्रभावित कर चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर, फिलिप ह्यूजेस का मामला, जिनकी सिर पर चोट लगने से 2014 में दुखद मृत्यु हो गई थी।
एक प्रेरक यात्रा
विल पुकोव्स्की ने अपने छोटे से करियर में क्रिकेट के मैदान पर जो उपलब्धियाँ हासिल कीं, वे प्रेरणादायक हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि प्रतिबद्धता और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। हालांकि उनका करियर अचानक समाप्त हो गया, लेकिन वे अभी भी खेल के प्रति अपने जुनून और समर्पण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
Veeran Khatri
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