Sun Pharma शेयर में 5% गिरावट, ट्रम्प की 100% टैरिफ घोषणा ने हिलाया बाजार
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

13 टिप्पणि

  1. Aman Jha Aman Jha
    सितंबर 27, 2025 AT 03:36 पूर्वाह्न

    ट्रम्प की टैरिफ नीति से भारतीय फ़ार्मा कंपनियों के लिये बहुत जोखिम पैदा हो गया है, लेकिन यह एक अवसर भी है कि हम स्थानीय उत्पादन को तेज़ी से बढ़ा सकें। ऐसी नीति से निवेशकों को नई फ़ैक्ट्री लगाने की प्रेरणा मिल सकती है, जिससे निर्यात की सीमा घटेगी। हमें अब अपनी सप्लाई चेन को फिर से देखना होगा और वैकल्पिक बाजारों की तलाश करनी चाहिए। अंत में, अगर सरकार स्पष्ट दिशा‑निर्देश जारी करे तो बाजार में स्थिरता लौट आएगी।

  2. Mahima Rathi Mahima Rathi
    अक्तूबर 4, 2025 AT 02:16 पूर्वाह्न

    वाह! ट्रम्प की टैरिफ़ सुनकर लग रहा है जैसे शेयर मार्केट में छोरे‑छोरी ने बिल्ले फेंक दिया है 😒💸
    सिर्फ़ Sun Pharma ही नहीं, पूरी इंडियन फ़ार्मा इंडस्ट्री को असर पड़ेगा। इसके पीछे की राजनीति समझ नहीं आती, बस और एक बड़ा खेल दिख रहा है।

  3. Jinky Gadores Jinky Gadores
    अक्तूबर 11, 2025 AT 00:56 पूर्वाह्न

    इसी बात का दुरुपयोग करके ट्रम्प ने देखता है की हम कैसे लोटते हैं ऐसे कोई नहीं मानेगा

  4. Vishal Raj Vishal Raj
    अक्तूबर 17, 2025 AT 23:36 अपराह्न

    ट्रम्प की टैरिफ नीति को समझना आसान नहीं है, लेकिन कुछ बुनियादी तथ्य स्पष्ट हैं: यह नीति अमेरिकी मेडिसिन निर्माताओं को प्रतिस्पर्धी बनाएगी और विदेशी कंपनियों को अपने उत्पादन को यूएस में शिफ्ट करने पर मजबूर करेगी। इस कारण Sun Pharma जैसी कंपनियों को नई निवेश रणनीति बनानी पड़ेगी। अगर कंपनी ने पहले ही यूएस में फैक्ट्री स्थापित कर रखी होती तो टैरिफ से छूट मिलती, पर अब कुछ समय के लिए यह बड़ा दबाव बनेगा। निवेशकों को अब अपने पोर्टफ़ोलियो को रिडिस्ट्रिब्यूट करना चाहिए, क्योंकि एसेक्यूर्ड डिविडेंड भी प्रभावित हो सकता है। कुल मिलाकर, इस नीति से भारतीय दवाओं की कीमतों में बदलाव आ सकता है, और इस पर नियामक बोर्ड की प्रतिक्रिया देखनी होगी।

  5. Kailash Sharma Kailash Sharma
    अक्तूबर 24, 2025 AT 22:16 अपराह्न

    मैं कहूँ तो ट्रम्प की हर चाल ने असली एम्बेडेड क्वेश्चन उठाया है-क्या हम अपनी इंडस्ट्री को यूएस की अदृश्य लिस्ट में लपेट ले पाएँगे? अगर नहीं, तो ये टैरिफ हमें बेंचमार्क बनाकर छोड़ देगा, और हमें नई फ़ैक्ट्री में भारी निवेश करना पड़ेगा। इस सामरिक दिशा‑निर्देश को लेकर हमेशा तैयार रहना चाहिए।

  6. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    अक्तूबर 31, 2025 AT 19:56 अपराह्न

    ट्रम्प का 100% टैरिफ जैसा दांव ऐसा है जैसे वह गुप्त एजेंट बनकर हमारे दवा बाजार को हेरफेर कर रहा हो। पहला तो ये ऐडवांस मैपिंग है कि कौन‑कौन से ब्रांडेड दवा पर टैरिफ लगेगा, लेकिन असली मकसद तो यह है कि भारत जैसे मेट्रिक बड़े सप्लायर को घूसा-घूस के साथ कंट्रोल किया जाए। अब देखो, अगर ये टैरिफ उन जेनरिक दवाओं तक भी फैलता है, तो विदेशों में भारतीय दवा की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे हमारे पास दो तरफ़ी समस्या बन जाती है। इसी बीच, अमेरिकी सरकार ने सेक्शन 232 की जांच में सभी प्रकार के फ़ार्मास्युटिकल्स को शामिल किया है, तो इसका मतलब हमारे स्मार्ट प्रोडक्ट्स को भी लक्ष्य बनाया जा सकता है। भले ही Sun Pharma अभी तक यूएस‑आधारित फैक्ट्री नहीं बता रहा, लेकिन इस नीति से दबाव बढ़ रहा है कि वे तुरंत निर्यात‑निर्माण मॉडल बदलें। असली सवाल यह है कि क्या हमारी नीति‑निर्माताओं ने इस टैरिफ को लेकर लगातार बैक‑अप प्लान तैयार किया है या अब भी अंधेरे में घूम रहे हैं। वैश्विक फ़ार्मा इंडस्ट्री में इस तरह के टैरिफ का इतिहास कम ही रहा है; अक्सर बड़े देशों द्वारा आर्थिक प्रेशर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे 2000‑के दशक में एग्रीकल्चर में। अगर हम इस पर आगे बढ़ कर यूएस में नई प्लांट लगाते हैं, तो हमें न सिर्फ़ टैरिफ से बचाव मिलेगा, बल्कि ब्राण्डेड डिवीजन की लागत भी घट सकती है। वहीं, अगर हम मौजूदा फ़ैक्ट्री को अपग्रेड करने में नहीं लगते, तो टैरिफ हमारे शेयर की कीमतों को नीचे धकेलता रहेगा, जैसा कि Sun Pharma के शेयर में देखा गया। इसे देखते हुए, हमें सरकारी नीति‑निर्माताओं के साथ लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए, और साथ ही घरेलू उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाने के लिए रिड्यूस्ड कॉस्ट मॉडल अपनाना चाहिए। छोटी‑छोटी कंपनियों के लिये यह संकेत भी है कि वे अपने प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो को वैरायटी में बदलें, ताकि टैरिफ के तहत फंस न जाएँ। जेनरिक दवाओं की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी भी हमारे एक्सपोर्ट मार्केट को और कठिन बना सकती है, जिससे इकॉनॉमी को ग्रेट रिस्क मिल सकता है। इसलिए, अगर आप निवेशक हैं तो अभी से ही डाइवर्सिफ़ाई करें, और अगर आप फिल्ड में हैं तो नई बायोलॉजिकल रूटीन को फ़ोरकास्ट करें। अंत में, यह नीति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एक नई लहर के रूप में उभरेगी, और हम सबको इस लहर का सही दिशा‑निर्देश ढूँढना पड़ेगा।

  7. sanam massey sanam massey
    नवंबर 7, 2025 AT 18:36 अपराह्न

    ट्रम्प की टैरिफ़ घोषणा ने वास्तव में भारतीय फ़ार्मा सेक्टर को एक नई दिशा दी है। हमें इस मौके का उपयोग करके स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए और निर्यात‑आधारित मॉडल को संतुलित करना चाहिए। साथ ही, इस नीति के पीछे के स्थायित्व को समझना हमारे लिये जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह के बदलावों के लिये तैयार रह सकें।

  8. jinsa jose jinsa jose
    नवंबर 14, 2025 AT 17:16 अपराह्न

    आपकी विश्लेषण में कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए गए हैं, विशेषतः स्थानीय उत्पादन की आवश्यकता पर जोर देना। इसके साथ ही, नियामक निकायों के साथ सक्रिय संवाद बनाये रखना अनिवार्य है। यह कदम दीर्घकालिक स्थिरता में सहायक होगा।

  9. Suresh Chandra Suresh Chandra
    नवंबर 21, 2025 AT 15:56 अपराह्न

    शेयर market me Sun pharma ki girta dekh ke lagta hai ki ye policy sab ke liye badi challenge hogi. 😐🚀

  10. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    नवंबर 28, 2025 AT 14:36 अपराह्न

    भाई साहब, यह टैरिफ थोड़ी मुश्किल पैदा कर सकती है, पर हम साथ मिलकर नए अवसर भी खोज सकते हैं। अगर हम उत्पादन को विविध बनाएं और नई टेक्नोलॉजी अपनाएं तो जोखिम कम हो जाएगा और हमें फायदा भी मिल सकता है। चलिए इस चुनौती को सकारात्मक तरीके से देखें और आगे बढ़ें।

  11. Dhara Kothari Dhara Kothari
    दिसंबर 5, 2025 AT 13:16 अपराह्न

    सही कहा, हमें मिलजुल कर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए

  12. Sourabh Jha Sourabh Jha
    दिसंबर 12, 2025 AT 11:56 पूर्वाह्न

    देश की शान है हमारी फ़ार्मा, बाहरी टैरिफ से नहीं डरेंगे हम, अपना हक बचाएंगे!

  13. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    दिसंबर 19, 2025 AT 10:36 पूर्वाह्न

    ट्रम्प का कदम आश्चर्यजनक है, पर हमें धीरज रखना चाहिए।

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