Ahoi Ashtami – क्या है और क्यों मनाते हैं?

जब हम Ahoi Ashtami, एक ऐसा हिन्दू त्यौहार है जिसमें माता अही (या अही देवी) की पूजा करके बच्चों और परिवार की सुरक्षा मांगी जाती है. Also known as अह्वाय अस्थमी, it marks the eighth day (अष्टमी) of the bright half of the month Kartik according to the पंचांग, हिंदू कैलेंडर जो तिथि, नक्षत्र और मुहूर्त दर्शाता है. यह त्यौहार अक्सर करवा चौथ, भोजन‑व्रत का त्यौहार जिसे विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं और दीवाली, रौशनी का त्योहार जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है के साथ कैलेंडर में पड़ता है, इसलिए दोनों के समय‑सरणी अक्सर एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं। Ahoi Ashtami includes fasting, the preparation of special sweets like "कोरनु" and "पिपली“, और अही देवी को मोती, धान और फूल अर्पित करने की प्रक्रिया। यह व्रत माँ को प्रसन्न करने और घर में शत्रु‑शक्ति को दूर रखने का साधन माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, अही देवी ने अपने 8वें बच्चे को बचाने के लिए अपनी शहद‑जैसी शिशु को जल में डुबोया, फिर फिर से जीवित किया; यही कारण है कि इस दिन माँ‑बच्चा सुरक्षा के लिए अष्टमी व्रत रखती है। क्योंकि यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है, इसलिए समुदाय में अक्सर माताओं को इस दिन विशेष उपहार और आशीर्वाद मिलते हैं।

Ahoi Ashtami की प्रमुख विशेषताएँ

इस पर्व में मुख्यतः तीन कदम होते हैं: पहले दिन स्नान करके शुद्धिकरण, फिर व्रत‑भोजन तैयार करना, और अंत में अही देवी को अर्पण करना। पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त आमतौर पर शाम के समय होते हैं, इसलिए कई परिवार शाम के सवेर के बाद ही पूजा करते हैं। यदि आप अपने शहर में विशेष आयोजन देखना चाहते हैं, तो अक्सर स्थानीय मन्दिरों में अही देवी के नाम पर मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जहाँ भक्त संगीत, नृत्य और कथा‑सत्र में भाग ले सकते हैं। उपरोक्त जानकारी से स्पष्ट है कि Ahoi Ashtami न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि परिवार में पारिवारिक बंधन को मजबूत करने का अवसर भी है। आगे आप इस पेज पर विभिन्न लेख देखेंगे: दीवाली के पंचांग, करवा चौथ के समय‑निर्धारण, और अन्य प्रमुख हिन्दू त्यौहारों की विस्तृत जानकारी। इन लेखों से आपको सही तिथि‑निर्धारण, पूजा‑विधि और उत्सव‑सम्बन्धी टिप्स मिलेंगी, जिससे आप अपने धार्मिक कैलेंडर को आसान बना सकें। अब चलिए, नीचे दिए गए लेखों में डुबकी लगाते हैं और अपने त्यौहार‑प्लान को पूरी तरह से तैयार करते हैं।

Ahoi Ashtami 2025: 13 अक्टूबर को मातृरक्षा का पावन उपवास 13 अक्तूबर 2025

Ahoi Ashtami 2025: 13 अक्टूबर को मातृरक्षा का पावन उपवास

13 अक्टूबर 2025 को माँ अहोई के नाम नीरजला व्रत मनाने वाली अहोई अस्‍ठमी, BookMyPooja और Drik Panchang के अनुसार दोपहर‑शाम के मुहूर्त के साथ, भारत भर की माताओं की आस्था का प्रतीक बनती है।

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