पंचांग – आपके दैनिक जीवन का कैलेंडर गाइड

जब हम पंचांग, हिंदू कैलेंडर का वह भाग जो तिथियों, नक्षत्रों, योगों और मुहूर्तों को व्यवस्थित करता है. Also known as हिंदू कैलेंडर, it helps millions plan पूजा, विवाह और अन्य शुभ कार्य। भारत में पंचांग को रोज़मर्रा की योजना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, चाहे वह करवा चौथ हो या कोई सरकारी कार्य।

मुख्य घटक – तिथि, नक्षत्र, योग और मुहूर्त

पहला मुख्य घटक है तिथि, चंद्रमा के प्रकाश में गिनती की गई दिनांक, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर से अलग होती है. तिथि हमें बताती है कि आज कौन‑सा पंचम या द्वादशी है, जिससे जाटपत्र, वैध व्रत और महोत्सव तय होते हैं। दूसरा, नक्षत्र, ज्योतिषीय दृष्टि से चंद्रमा के मार्ग के 27 भागों में से एक निर्धारित करता है कि कौन‑से सितारे हमारे कार्य में सहयोग देंगे। नक्षत्र और तिथि के बीच घनिष्ठ संबंध है; जैसे जुबिनी नक्षत्र के दौरान दक्षतापूर्वक व्यवसायी कार्य करना लाभदायक माना जाता है। तीसरा, योग, तिथि + नक्षत्र के संयोजन से बनता एक विशेष काल, जो शुभ या अशुभ हो सकता है, वह तय करता है कि कोई काम शुरू करना चाहिए या रुकना चाहिए। अंत में, मुहूर्त, दिन का वह समय जब ग्रहों की स्थिति कार्य को सफल बनाती है हमें सटीक घंटा‑मिनट बताता है, जैसे कि पूजा या शादियों के लिए सबसे अनुकूल समय। ये चार घटक मिलकर पंचांग को सिर्फ एक तालिका नहीं, बल्कि एक जीवन‑निर्देश बनाते हैं।

पंचांग का दूसरा प्रमुख पहलू पक्ष, चंद्रमा का दो भागों में विभाजन – शुक्ल (अधिकतम 15 दिवस) और कृष्ण (15 दिवस) है, जो पूरे वर्ष को दो भागों में बाँटता है। पक्ष निर्धारित करता है कि कौन‑से पर्व शुक्ल पक्ष में मनाए जाते हैं (जैसे ओणम्) और कौन‑से कृष्ण पक्ष में (जैसे अहीर). यह विभाजन तिथि और नक्षत्र को और भी स्पष्ट बनाता है, जिससे हर दिन का आध्यात्मिक महत्व आसान हो जाता है। यह संरचना हमें वर्ष भर के सामाजिक और धार्मिक कैलेंडर को समझने में मदद करती है, चाहे वह राष्ट्रीय छुट्टी हो या निजी व्रत।

इन सभी तत्वों की आपस की कनेक्शन को स्पष्ट करने वाले कुछ सरल वाक्य हैं: "पंचांग तिथि को दर्शाता है", "तिथि नक्षत्र से जुड़ी है", "नक्षत्र योग बनाते हैं", "योग मुहूर्त निर्धारित करता है" और "पक्ष पूरे कैलेंडर को दो हिस्सों में बाँटते हैं". इन संबंधों को समझते हुए आप अपनी दैनिक रूटीन, व्यावसायिक योजना या धार्मिक कार्यक्रम को पूरी तरह से अनुकूल बना सकते हैं। आज के डिजिटल युग में कई ऐप्स ड्रिक पंचांग, बुकमाईपूजा आदि स्रोतों से डेटा ले रहे हैं, लेकिन मूल सिद्धांत वही रहे हैं – पंचांग एक विज्ञान और कला दोनों है।

नीचे आपको इस साइट पर उपलब्ध लेखों की एक सूची मिलेगी, जहाँ हम विभिन्न तिथियों, नक्षत्रों, योगों और मुहूर्तों पर गहराई से चर्चा करते हैं। चाहे आप करवा चौथ की पूजा मुहूर्त जानना चाहते हों, या किसी विशेष अहीर की तिथि देखना चाहते हों, हमारी कवरेज में सब कुछ मिलेगा। पढ़ते रहें, क्योंकि आगे आने वाले पोस्ट आपके जीवन में सही समय चुनने में मदद करेंगे।

12 अक्टूबर 2025 रविवार का पंचांग: तिथि, नक्षत्र और शुभ मुहूर्त 12 अक्तूबर 2025

12 अक्टूबर 2025 रविवार का पंचांग: तिथि, नक्षत्र और शुभ मुहूर्त

12 अक्टूबर 2025 रविवार को कार्तिक मास की षष्ठी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र, अभिजित व विजय मुहूर्त सहित स्कंद षष्ठी व्रत और सूर्यदेव पूजन का विस्तृत पंचांग।

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