साइक्लोन मिचौंग: भारत के तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव और तैयारियाँ

साइक्लोन मिचौंग, एक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात है जो बंगाल की खाड़ी में बनकर भारत के पूर्वी तट पर टकराया। यह तूफान ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बंगलादेश के कई जिलों में भारी बारिश, 120 किमी/घंटा से अधिक की हवाओं और तटीय बाढ़ का कारण बना। इसका नाम लाओस ने दिया था, जो एक प्राचीन राज्य के नाम पर रखा गया है, लेकिन इसका असर आधुनिक भारत के लाखों लोगों के जीवन पर पड़ा।

इस साइक्लोन ने मौसम विज्ञान, भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार एक अत्यधिक खतरनाक घटना है जिसे अक्सर अलर्ट लेवल 4 पर रखा जाता है के आधार पर भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन इसकी गति और दिशा में अचानक बदलाव ने तैयारियों को और भी कठिन बना दिया। जब तक लोग घरों में छिपे हुए थे, तब तक तटीय क्षेत्रों में नदियाँ उफन गईं, बिजली के खंभे गिरे, और हजारों घर बह गए। आपातकालीन तैयारी, जिसमें आश्रय स्थल, खाद्य आपूर्ति और बचाव टीमों की तैनाती शामिल है ने जान बचाई, लेकिन इसके बावजूद लोगों को बरसों की कमाई खोनी पड़ी।

इस तूफान के बाद भारत ने तटीय क्षेत्र, जिनमें लगभग 7,500 किमी का तट और 1.5 करोड़ लोग शामिल हैं के लिए नई नीतियाँ बनाईं। अब जब कोई साइक्लोन का अलर्ट आता है, तो तुरंत रेड ज़ोन के लोगों को स्थानांतरित किया जाता है। अब बच्चों को स्कूलों में आपातकालीन अभ्यास भी कराए जाते हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है—जिन गाँवों में रेडियो नहीं है, जहाँ नेटवर्क नहीं है, वहाँ अभी भी लोग अंधेरे में हैं।

इस पेज पर आपको साइक्लोन मिचौंग के बारे में वो सब कुछ मिलेगा जो आपको जानना चाहिए—कैसे यह बना, किन जगहों पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, किन लोगों ने बचाव कार्य किए, और अगली बार आप खुद कैसे तैयार हो सकते हैं। यहाँ आपको ऐसे लेख मिलेंगे जो बताते हैं कि जब आकाश बदल जाए, तो आपको क्या करना चाहिए।

साइक्लोन मिचौंग ने आंध्र प्रदेश में धमाकेदार लैंडफॉल किया, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बाढ़ और मौतें 24 नवंबर 2025

साइक्लोन मिचौंग ने आंध्र प्रदेश में धमाकेदार लैंडफॉल किया, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बाढ़ और मौतें

साइक्लोन मिचौंग ने आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल किया, जिससे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 17 लोगों की मौत हो गई और 41,000 से अधिक लोग बेघर हो गए। चेन्नई में बाढ़ ने हवाई अड्डा, सड़कें और घर बहा दिए।

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