संक्रमण तब होता है जब किसी रोगजनक—वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या पारासाइट—से आपका शरीर संक्रमित हो जाता है। शुरू में लक्षण हल्के लग सकते हैं, लेकिन समय पर पहचान और सही कदम बीमारी को बढ़ने से रोकते हैं। नीचे सरल और काम की समझाइश है जो आप आज ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
हर संक्रमण के लक्षण अलग हो सकते हैं, फिर भी कुछ आम संकेत हैं जिन्हें नजरअंदाज मत करें। तेज बुखार या बुखार जो कम नहीं हो रहा, लगातार खांसी, सांस लेने में दिक्कत, असामान्य थकान, तेज सिरदर्द, पेट दर्द या दस्त, त्वचा पर घाव/लालिमा। अगर कोई भी लक्षण अचानक बिगड़े या तेज हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों और बुजुर्गों में लक्षण तेज हो सकते हैं। छोटे बच्चों में खाने-पीने में कमी, चिल्लाना या सुस्ती और बुजुर्गों में भ्रम या चक्कर आना अलार्मिंग संकेत हैं।
संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरल नियम बहुत असर दिखाते हैं। सबसे पहले हाथ धोएं — कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से, खासकर खाने से पहले और सर्विस करने के बाद। अगर साबुन नहीं है तो 60% अल्कोहल वाला हैंड सैनिटाइज़र इस्तेमाल करें।
मास्क पहनें जब आप घर से बाहर हों या घर में संक्रमित व्यक्ति के करीब हों। भीड़ भरे और बंद कमरे टालें; वेंटिलेशन बढ़ाएं — खिड़कियाँ खोलें। सतहों को नियमित तौर पर साफ रखें, खासकर दरवाज़े के हैंडल, स्मार्टफोन और किचन काउंटर।
घर पर संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करते समय मास्क और दस्ताने पहनें, और बेडशीट/कपड़े अलग धोएं। संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखें जब तक लक्षण कम न हों या डॉक्टर ने कहा हो।
हाइड्रेशन और आराम सबसे जरूरी हैं। बुखार या दर्द के लिए पैरेलैटामॉल जैसी ओवर‑द‑काउंटर दवा ले सकते हैं, पर एंटीबायोटिक केवल डॉक्टर के लिखे बिना न लें—वायरल संक्रमण में ये फायदेमंद नहीं होते और हानिकारक हो सकते हैं।
टेस्ट कब करवाएँ: यदि आपके लक्षण तेज हों, सांस लेने में दिक्कत हो, या डॉक्टर ने सलाह दी हो तो आरटी‑पीसीआर/रैपिड टेस्ट कराएँ। भीड़-भरे स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने से पहले फोन पर सलाह लें या टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल करें।
कब डॉक्टर दिखाएँ: साँस लेने में कठिनाई, लगातार तेज बुखार, चक्कर, चेतना में बदलाव, या बेहोशी जैसी स्थिति में तुरंत आपातकालीन सेवा लें। बच्चों और बुजुर्गों के लक्षण तेज हों तो देर न करें।
टीकाकरण संक्रमण रोकने का सबसे असरदार तरीका है—जहाँ वैक्सीन उपलब्ध हों, समय पर लगवाएँ। इसके साथ ही रोगों के बारे में भरोसेमंद जानकारी रखें और अफवाहों पर भरोसा न करें।
अगर आपको कोई खास दवा या घरेलू नुस्खा अपनाना है और संदेह हो, तो पहले डॉक्टर से पुष्टि कर लें। छोटा सावधानी भरी कदम अक्सर बड़ी परेशानी से बचाते हैं।
जरूरत पड़े तो हमलोगों को बताएं — सही जानकारी मिलते ही आप बेहतर फैसले ले पाएंगे। सुरक्षित रहें, साफ़ रहें और जब भी लक्षण दिखाई दें तो समय पर सही कदम उठाएँ।
Naegleria fowleri या 'दिमाग खाने वाला अमीबा' एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण का कारण बनता है। यह अमीबा आमतौर पर नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है जब संक्रमित पानी जोर से सूंघा या इनहेल किया जाता है। इसके बाद यह अमीबा मस्तिष्क तक पहुँच जाता है और गंभीर संक्रामकता पैदा करता है।