क्या आपने कभी सोचा है कि शिव जयंती सिर्फ परेड और झंडों तक सीमित क्यों रह जाती है? शिव जयंती असल में चतुर राजनेता, निडर योद्धा और समाज सुधारक छत्रपति शिवाजी महाराज की याद दिलाती है। अधिकांश लोग इसे 19 फरवरी को मनाते हैं — यह दिन शिवनेरी किले पर शिवाजी महाराज के जन्म से जुड़ा हुआ है। हर साल यह पर्व महाराष्ट्र में सबसे बड़े उत्सवों में से एक बनकर उभरता है, पर आज इसे पूरे देश में सम्मान मिलता है।
1630 में शिवनेरी किले पर जन्मे शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने सिर्फ युद्ध नहीं किए, बल्कि लोक प्रशासन, नौसैनिक शक्ति और किले-मुक्ति के आधुनिक तरीके भी अपनाए। शिवाजी की नीति और जनहितकारी नियम आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। इसलिए हर साल उनकी जयंती पर उनके जीवन के फैसलों और संस्कृति पर चर्चा होती है।
शहरों में परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन-कीर्तन होते हैं। मुंबई, पुणे और रायगढ़ जैसे बड़े स्थानों पर विशेष कार्यक्रम और नाटक लगते हैं जो उनकी लड़ाइयों और शासन को दिखाते हैं। अगर आप घर पर शामिल होना चाहते हैं तो सुबह किसी स्थानीय कार्यक्रम में शामिल हों या टीवी/ऑनलाइन लाइव कवरेज देखें। कई जगहों पर शिवजी से जुड़े प्रदर्शन और छवि पूजन भी होते हैं।
अगर किले दिखने का शौक है तो शिवनेरी, रायगढ़ और प्रतापगढ़ जैसे किले देखने लायक हैं। सुबह जल्दी निकलें, आरामदायक जूते पहनें और पानी साथ रखें। भीड़ और ट्रैफिक को ध्यान में रखें — पर्व के दिन सुरक्षा उपाय कड़े होते हैं, पुलिस निर्देशों का पालन करें।
घर पर मनाने वाले सरल सुझाव: पारंपरिक वेशभूषा, भजन-संगीत, बच्चों को शिवाजी की कहानी संक्षेप में सुनाएं और हल्का-सा प्रसाद बनाएं — पुरण पोळी और आमटी इस दिन लोकप्रिय होते हैं। यदि आप समाज में कुछ करना चाहते हैं तो रक्तदान शिव जयंती के अवसर पर अच्छा विकल्प है या आसपास साफ-सफाई अभियान में हिस्सा लें।
कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले टाइमटेबल और आयोजकों की जानकारी देख लें। अगर आप किसी सार्वजनिक रैली में जाएंगे तो भीड़-भाड़ से बचने के लिए बच्चे और बुजुर्ग साथ रखें, पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
अंत में, शिव जयंती सिर्फ इतिहास याद करने का मौका नहीं है — यह आज की पीढ़ी के लिए नेतृत्व, धैर्य और समाज सेवा की सीख देने का दिन है। क्या आप इस बार सिर्फ परेड देखने तक सीमित रहेंगे या कुछ नया सीखकर उसे अपने जीवन में अपनाएंगे?
19 फरवरी 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने मुंबई के दादर स्थित शिवाजी महाराज मैदान में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस समारोह के साथ महाराष्ट्र में शिव जयंती उत्सव की शुरुआत हुई। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और किले संरक्षण अभियान शामिल थे। न्यूयॉर्क में भी ऐसे कार्यक्रमों की घोषणाएं की गईं।