विकलांग कबड्डी – भारत में बढ़ता लोकप्रियता और अवसर
जब विकलांग कबड्डी, एक संशोधित कबड्डी खेल है जिसमें शारीरिक या संवेदनात्मक विकलांगता वाले खिलाड़ी भाग लेते हैं. Also known as Disabled Kabaddi, it blends traditional कबड्डी के तेज़ीभरे तत्वों को समावेशी फ़ॉर्मेट में लाता है। यह रूप भारत के विकलांग खेल, विभिन्न शारीरिक चुनौतियों के साथ भी खेलने योग्य प्रतियोगी खेल की सूची में तेजी से ऊपर आ रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर पैरालिंपिक, वर्ल्ड‑वाइड मल्टीस्पोर्ट इवेंट जहाँ विकलांग एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं में विकलांग कबड्डी को आधिकारिक गेम के रूप में जोड़ने की चर्चा चल रही है, जिससे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दिखाने का मौका मिलेगा। इसी क्रम में, मूल कबड्डी, भारत का पारंपरिक टीम खेल जिसमें रक्षात्मक और आक्रमण दोनों कौशल आवश्यक होते हैं के नियमों को समायोजित करके बंधे‑बाँधें, साँस‑सही काम के लिए विशेष परिवर्तन किए गए हैं। इन सबके बीच, विकलांग कबड्डी एक ऐसी कलीग है जो सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देती है, एथलीट्स को शारीरिक पुनर्वास (रेहैबिलिटेशन) में मदद करती है और स्थानीय क्लबों के साथ जुड़ाव को सुदृढ़ करती है।