
विकलांग कबड्डी सितारा परवज ने प्रो कबड्डी में दिखाया जबरदस्त प्रदर्शन
जब बात कबड्डी की होती है, तो अक्सर नाम में बड़े सितारे, उनके जगरना और टर्नओवर की चर्चा होती है। लेकिन इस बार प्रो कबड्डी के मंच पर एक ऐसा नाम छा गया जो अधिकांश दर्शकों को नया लगा – परवज। वह एक विकलांग खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी अनोखी ताकत और धैर्य से इस खेल को नया रूप दिया।
परवज की कहानी और तैयारी
परवज का जन्म एक छोटे गाँव में हुआ था जहाँ खेल का कोई विशेष माहौल नहीं था। बचपन में ही वह दो पैर नहीं चलाने वाले थे, लेकिन उसके भीतर एक अटूट जिद थी। उसके पिता, जो स्वयं स्थानीय खेल क्लब में प्रशिक्षक थे, ने उसे कबड्डी के मूल नियम और टेक्नीक्स सिखाना शुरू किया। शुरुआती दिनों में परवज को बहुत सी बाधाओं का सामना करना पड़ा – वह रैम्प पर सीधे खड़ा नहीं हो पाता था, इसलिए उसे विशेष सहयोगी उपकरण बनवाने पड़े।
वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद परवज ने राज्य स्तर के टूर्नामेंट में अपनी जगह बनायी। उसकी तेज़ी, सही समय पर रैडिक्शन (स्प्रिन्ट) और बिंदु पर दबाव डालने की क्षमता ने कई कोचों को चकित कर दिया। अंत में 2023 में उसकी टीम को राष्ट्रीय विजेता बनाते हुए, उसे राष्ट्रीय स्तर पर एक जगह मिली। यही क्षण था जब प्रो कबड्डी लीग के अधिकारी उसकी कहानी से रूबरू हुए और एक विशेष प्रदर्शन मैच की योजना बनाई।

प्रो कबड्डी में विशेष प्रदर्शन मैच
दिसंबर 2023 में मुंबई में आयोजित एक बड़े इवेंट में परवज ने प्रो कबड्डी की आधिकारिक मैट पर कदम रखा। यह एक फ्री‑डगर (एक्सहिबिशन) मैच था जिसमें परवज ने एक नियमित टीम के साथ दो क्वार्टर खेला। उसकी टीम ने उसे फुल‑कोचिंग सपोर्ट और विशेष सहायक उपकरण प्रदान किए थे, जिससे वह बिना किसी बाधा के खेल में पूरी तरह शामिल हो सका।
मैच के दौरान परवज ने कई बार रैडिक्शन किया, विरोधी खिलाड़ियों को टॅग किया और अपनी टीम को महत्वपूर्ण पॉइंट्स दिलाए। दर्शकों ने भी उसकी ऊर्जा को सराहा और तालीयों से उसका स्वागत किया। पारंपरिक कबड्डी के नियमों में थोड़ी लचीलापन दिखाते हुए, प्रबंधकों ने उसके लिए विशेष नियम भी लागू किए – जैसे कि यदि वह दो बार लगातार रैडिक्शन नहीं कर पाता तो खेल को रोककर उसे पुनः स्थिति देने का समय दिया जाता था।
मेच के अंत में परवज ने कुल 12 सफल टैग और 8 सफल रैडिक्शन किए – यह आंकड़े किसी भी प्रो खिलाड़ी के लिए सराहनीय हैं, बशर्ते वह सक्षम शरीर से खेले। इस प्रदर्शन ने न केवल उसके व्यक्तिगत सपने साकार किए, बल्कि विकलांग खिलाड़ियों के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन गया।

प्रतिक्रिया और भविष्य की राह
मैच के बाद कई कोच, खिलाड़ियों और आम दर्शकों ने परवज की प्रशंसा की। प्रसिद्ध कोच अनिल शर्मा ने कहा, "परवज ने यह साबित किया कि शारीरिक बाधाएँ केवल मन में ही होती हैं। उसका साहस और तकनीक पूरी लीग के लिए एक सीख है।" दूसरी ओर, विकलांग अधिकार संगठनों ने इस घटना को एक बड़ा कदम माना और प्रो कबड्डी लीग से भविष्य में ऐसे और अवसरों की उम्मीद जताई।
परवज ने स्वयं बताया कि उसका लक्ष्य अब सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि विकलांग खिलाड़ियों के लिए नियमित टूर्नामेंट में जगह बनाना है। वह अपने अगले सीज़न में एक मुख्य लीग टीम के साथ शामिल होने की आशा रखता है और राष्ट्रीय स्तर पर चयन प्रक्रिया में भी भाग लेना चाहता है।
प्रो कबड्डी लीग ने अब इस प्रदर्शन को एक एम्बैसडर प्रोग्राम का हिस्सा बनाने की घोषणा की है, जहाँ परवज जैसी कहानियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे न केवल खेल का दायरा विस्तारित होगा, बल्कि समाज में विकलांगी लोगों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
bhargav moparthi
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