विनिमय दर: भारत में डॉलर, यूरो और रुपये की कीमत कैसे बदलती है

जब आप विदेश जाते हैं, ऑनलाइन चीज़ें खरीदते हैं या अपने बच्चे का विदेशी शिक्षा फीस भरते हैं, तो आपको विनिमय दर, एक देश की मुद्रा का दूसरे देश की मुद्रा के साथ बदलने का अनुपात. इसे एक्सचेंज रेट भी कहते हैं, जो हर दिन बदलता है। ये दर सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि आपके बजट का हिस्सा है। अगर डॉलर 83 रुपये से बढ़कर 85 रुपये हो जाए, तो आपका अमेरिकी ऑर्डर 2 रुपये ज्यादा महंगा हो जाएगा।

रुपया, भारत की आधिकारिक मुद्रा, जो विदेशी व्यापार और निवेश के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी कीमत बैंक ऑफ़ इंडिया, विदेशी निवेश, तेल की कीमत और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। जब अमेरिका ब्याज दर बढ़ाता है, तो निवेशक भारत से पैसा निकालकर अमेरिका में डाल देते हैं। इससे रुपया कमजोर होता है। वहीं, जब भारत से निर्यात बढ़ता है—जैसे टीसीएस या टाटा कैपिटल जैसी कंपनियाँ विदेशों में पैसा कमाती हैं—तो डॉलर की मांग बढ़ती है और रुपया मजबूत होता है।

बैंक ऑफ़ इंडिया, भारत का केंद्रीय बैंक, जो विनिमय दर को स्थिर रखने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करता है. अगर रुपया बहुत तेज़ी से कमजोर हो रहा है, तो यह अपने डॉलर के भंडार से डॉलर बेचकर रुपये की मांग बढ़ाता है। यही कारण है कि अक्टूबर 2025 में जब टाटा कैपिटल और LG इलेक्ट्रॉनिक्स के IPO ने 5 बिलियन डॉलर जुटाए, तो बैंक ऑफ़ इंडिया ने रुपये को संभाला।

विनिमय दर सिर्फ बैंकों और कंपनियों का मामला नहीं है। अगर आप आंध्र प्रदेश में साइक्लोन मिचौंग के बाद विदेशी सहायता पाना चाहते हैं, तो वह सहायता डॉलर में आती है। अगर रुपया कमजोर है, तो उस डॉलर से ज्यादा चीज़ें खरीदी जा सकती हैं। वहीं, अगर आप इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट मैच देखने के लिए एक वीडियो सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो वह डॉलर या डॉलर के समकक्ष में होता है। विनिमय दर आपके बैंक खाते का हिस्सा बन चुकी है।

अक्टूबर 2025 में भारत में आये बड़े IPO, बैंक बंदी के दिन, और विदेशी कंपनियों के निवेश के बाद, विनिमय दर ने अपना असर दिखाया। यहाँ आपको ऐसे ही असली उदाहरण मिलेंगे—जहाँ डॉलर का उछाल या रुपये की गिरावट ने लोगों के जीवन को बदल दिया।

कनाडाई डॉलर ने 2025 में रुपये के खिलाफ रिकॉर्ड 8.59% की बढ़ोतरी की, बन गया सबसे मजबूत 4 दिसंबर 2025

कनाडाई डॉलर ने 2025 में रुपये के खिलाफ रिकॉर्ड 8.59% की बढ़ोतरी की, बन गया सबसे मजबूत

2025 में कनाडाई डॉलर ने भारतीय रुपये के खिलाफ 8.59% की बढ़ोतरी करके रिकॉर्ड विनिमय दर 64.54 रुपये प्रति डॉलर बनाया, जिससे भारतीय निर्यात बढ़ा और आयात महंगा हुआ।

bhargav moparthi 14 टिप्पणि