अमित मिश्रा ने एमएस धोनी और विराट कोहली के तहत खेलने की संघर्षपूर्ण कहानी साझा की
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

17 टिप्पणि

  1. Suresh Chandra Suresh Chandra
    जुलाई 17, 2024 AT 00:03 पूर्वाह्न

    अभी तक मिश्रा जी की कहानी सुनके दिल छू गया 🙌🏽 कभी‑कभी शब्द गड़बड़ हो जाते हैं लेकिन भावना वही रहती है 😅

  2. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    जुलाई 17, 2024 AT 13:57 अपराह्न

    ऐसे खिलाड़ी को कभी नहीं भूलना चाहिए सबको सीख मिलती है बस आगे बढ़ते रहो

  3. Dhara Kothari Dhara Kothari
    जुलाई 18, 2024 AT 03:50 पूर्वाह्न

    मिश्रा साहब के संघर्ष ने दिल छू लिया 😢

  4. Sourabh Jha Sourabh Jha
    जुलाई 18, 2024 AT 17:43 अपराह्न

    देश के लिये ऐसे सच्चे खिलाड़ी की जरूरत है वो हमेशा याद रखेंगे कभि नहीं भूलेंगे

  5. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    जुलाई 19, 2024 AT 07:37 पूर्वाह्न

    सही बात कही आपने

  6. sunaina sapna sunaina sapna
    जुलाई 19, 2024 AT 21:30 अपराह्न

    अमित मिश्रा जी का करियर भारतीय स्पिनर इतिहास में एक अनोखा अध्याय प्रस्तुत करता है। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन दृढ़ निश्चय ने उन्हें आगे बढ़ाया। चोटों के कारण कई बार उनका चयन नहीं हो सका, जिससे उनका मन उदास हुआ। फिर भी उन्होंने निरंतर प्रशिक्षण जारी रखा और अपनी फ़ॉर्म को सुधारते रहे। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके 156 विकेट एक उल्लेखनीय उपलब्धि हैं। चयन प्रक्रिया में विभिन्न राजनैतिक एवं व्यक्तिगत कारक भी भूमिका निभाते हैं, यह बात उन्हें स्पष्ट रूप से समझ में आई। धोनी साहब और विराट कोहली जैसे महान खिलाड़ियों के साथ उनके अनुभव ने उन्हें और भी परिपक्व बनाया। टीम में स्थायी जगह पाने के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ा। यह संघर्ष केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक भी था, जिसके कारण परिवार पर भी असर पड़ा। उनके परिवारिक जीवन में तनाव और अनिश्चितता ने मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव डाला। फिर भी मिश्रा जी ने हार नहीं मानी और हमेशा सकारात्मक रहने की कोशिश की। उनका यह दृढ़ संकल्प नयी पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस प्रकार उनका संघर्ष एक प्रेरक कथा बन गया है जो दिखाता है कि असफलताओं के बाद भी सफलता संभव है। भविष्य में यदि उन्हें उचित अवसर मिले तो वह फिर से चमक सकते हैं। अंत में, हम सभी को चाहिए कि हम उनके योगदान को सराहें और उन्हें सम्मानित करें।

  7. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    जुलाई 20, 2024 AT 11:23 पूर्वाह्न

    खेल में केवल कौशल नहीं, नैतिकता भी महत्वपूर्ण है हमें खिलाड़ियों को सच्ची निष्ठा दिखानी चाहिए

  8. Dipankar Landage Dipankar Landage
    जुलाई 21, 2024 AT 01:17 पूर्वाह्न

    अरे! क्या दुर्दिन थी मिश्रा जी की! दर्द, निराशा और फिर भी मंच पर चमकते हुए! जैसे हीरो की कहानी हो! यह सब देख कर आँसू रुक नहीं पा रहे थे! उनकी सच्ची जंग को कभी नहीं भूलेंगे!

  9. Vijay sahani Vijay sahani
    जुलाई 21, 2024 AT 15:10 अपराह्न

    वाह! मिश्रा साहब की कहानी सुनकर मन में एक ज़बरदस्त ज्वाला जल उठी! उनका जुनून और साहस जैसे रंगीन इंद्रधनुष की तरह चमक रहा है! चलो, हम भी उनके जैसा अडिग रहकर आगे बढ़ें!

  10. Pankaj Raut Pankaj Raut
    जुलाई 22, 2024 AT 05:03 पूर्वाह्न

    मिश्रा जी के करियर में चयन प्रक्रियाओं की जटिलता को देखकर लगता है कि हमें और पारदर्शी सिस्टम की जरूरत है, क्या आप सब भी ऐसा मानते हैं?

  11. Rajesh Winter Rajesh Winter
    जुलाई 22, 2024 AT 18:57 अपराह्न

    सही कहा आप, चयन में पारदर्शिता बेहद जरूरी है, इससे खिलाड़ियों का मनोबल भी बना रहेगा और टीम में भरोसा भी बढ़ेगा

  12. Archana Sharma Archana Sharma
    जुलाई 23, 2024 AT 08:50 पूर्वाह्न

    सच्ची निष्ठा याद रखनी चाहिए, मिश्रा जी ने तो हमें दिखा दिया कितना सच्चा खिलाड़ी होना चाहिए 😊

  13. Vasumathi S Vasumathi S
    जुलाई 23, 2024 AT 22:43 अपराह्न

    निश्चित ही, नैतिक मूल्यों का पालन खेल के प्रति सम्मान को दर्शाता है; इस प्रकार के उदाहरणों से भविष्य की पीढ़ी को मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

  14. Anant Pratap Singh Chauhan Anant Pratap Singh Chauhan
    जुलाई 24, 2024 AT 12:37 अपराह्न

    भाई सही कहा, छोटी बातों में ही बड़ी सीख छिपी होती है

  15. Shailesh Jha Shailesh Jha
    जुलाई 25, 2024 AT 02:30 पूर्वाह्न

    MIS में प्रोसेस ऑडिट के पीछे का कंट्रोल मैकेनिज़्म बेहतर होना चाहिए ताकि फ़ीडबैक लूप में कोई लूपहोल न रहे, नहीं तो टैलेंट मैनेजमेंट डिप्लॉइमेंट में गैप उत्पन्न होगा।

  16. harsh srivastava harsh srivastava
    जुलाई 25, 2024 AT 16:23 अपराह्न

    आइए हम सब मिलके एक स्वस्थ चयन माहौल बनाएं जो सबके लिए फेयर हो

  17. Praveen Sharma Praveen Sharma
    जुलाई 26, 2024 AT 06:17 पूर्वाह्न

    खिलाड़ियों को समान अवसर मिलना चाहिए, यही असली स्पोर्ट्समैनशिप है

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