
गैंबीर-अगरकर ने किया रोहित-कोहली को 2027 वर्ल्ड कप से बाहर, गिल को नया ओडीआई कप्तान
जब गौतम गैंबीर, मुख्य कोच और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साथ मिलकर अजित अगरकर, मुख्य चयनकर्ता के साथ एक ‘गैंबीर‑अगरकर आदेश’ जारी किया, तो भारतीय क्रिकेट का भविष्य तुरंत ही बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा हो गया।
दबाव भरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जो 19 अक्टूबर 2025 से ऑस्ट्रेलिया के सफेद गेंद दौरे की घोषणा के साथ हुआ, इस नई योजना की पुष्टि की गई। इस दौरान शुबमन गिल को नया ओडीआई कप्तान घोषित किया गया, जबकि रोहित शर्मा और विराट कोहली को 2027 के दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ऑडीआई विश्व कपदक्षिण अफ्रीका के दीर्घकालिक विचार‑निर्धारण से हटा दिया गया।
पृष्ठभूमि और चयन प्रक्रिया
2024 की वर्ल्ड कप जीत के बाद रोहित और कोहली ने टी‑20आई में सेवानिवृत्ति ली थी, फिर मई 2024 में टेस्ट से रिटायर हुए। इस समय, बीसीसीआई ने एक बारीकी से तैयार शेड्यूल के तहत दो‑तीन साल में 24 ओडीआई मैच तय किए थे, जिससे खिलाड़ियों की फॉर्म का मापन किया जा सके। परंतु गैंबीर‑अगरकर ने कहा, "हमारी योजना यह है कि वरिष्ठ खिलाड़ी केवल एक फॉर्मेट में न रहकर, घरेलू लिस्ट‑ए टूर्नामेंट में भी सक्रिय रहें"।
विजय हज़ारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) का उल्लेख उन्होंने विशेष रूप से किया। "यदि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में फ्री हैं, तो उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलने की जरूरत है," अगरकर ने ज़ोर दिया। यह बात उस समय और ज़्यादा महत्व रखती है जब कोहली ने आखिरी बार 2012‑13 में लिस्ट‑ए खेला था, और रोहित का अंतिम घरेलू खेल 2018 की सेमी‑फ़ाइनल में रहा था।
नई नेतृत्व और रणनीति
गैंबीर ने अपने कोचिंग करियर के शुरुआती चरण में इस बात पर बल दिया कि "भारत को अगली पीढ़ी के अटरों के लिए जगह बनानी होगी"। शुबमन गिल को कप्तान बनाते हुए, उन्होंने पीएस माने – "एक ऐसी टीम बनानी है जिसमें युवा ऊर्जा और अनुभवी समझ का संतुलन हो" – कहा। गिल के पास अभी तक 30 ओडीआई मैच का अनुभव है, पर उनका स्ट्राइक‑रेट और क्लच परफॉर्मेंस भेदभेदी रहे हैं, जिससे वे भविष्य की आशा बनते हैं।
नए कोच‑सेलेक्टर टीम ने पहले ही कहा है कि "ऑडिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी, और यदि रोहित‑कोहली भविष्य में अपनी फॉर्म बनाए रखते हैं, तो उन्हें शॉर्ट‑टर्म मैच के लिए भी बुलाया जा सकता है"। इस अर्थ में, उनकी वर्तमान 15‑सदस्यीय ऑस्ट्रेलिया ऑडीआई श्रृंखला में चयन को "देखने का एक अवसर" माना गया है, न कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धता।

वरिष्ठ खिलाड़ियों का भविष्य
रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों को अब केवल एक फॉर्मेट में खेलने की अनुमति है – ओडीआई। लेकिन यह भी स्पष्ट नहीं है कि वे 2027 तक लगातार फॉर्म बनाए रख पाएँगे या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि "बिना लगातार अंतरराष्ट्रीय खेल के, वे फॉर्म में गिरावट देख सकते हैं"।
एक वरिष्ठ विश्लेषक, जो बॉलिंग कोच धीरज जैन ने, कहा: "विराट का टेक्निक तो अभी भी तेज़ है, पर उनका शारीरिक तनाव बढ़ रहा है। वहीं रोहित की टॉप-ऑर्डर पर टिके रहने की क्षमता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह घरेलू लिस्ट‑ए में फिर से कदम रख पाते हैं या नहीं"।
कोहली और रोहित अब तक अपने करियर में 600 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं, लेकिन अब आधी उम्र में आगे के दो‑तीन साल में केवल 12‑12 ओडीआई खेल पाएँगे। इस आंकड़े को देखते हुए कई लोग पूछते हैं कि "क्या यह पर्याप्त होगा उनकी चयन क्षमता को आयाम देने के लिए"।
आगामी शेड्यूल और प्रभाव
ऑस्ट्रेलिया टूर के अलावा, भारत के पास दक्षिण अफ्रीका (घर) के खिलाफ एक टेस्ट श्रृंखला, और न्यूज़ीलेंड व न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दो‑तीन ओडीआई श्रृंखला भी है। ये सभी मैच 2025‑2026 के बीच होने वाले हैं, यानी कुल मिलाकर लगभग 24 ओडीआई मैच निर्धारित हैं। यह कैलेंडर ऐसा है कि "हर साल लगभग 12 ओडीआई होते हैं, जो कि चयन समिति को प्लेयर फॉर्म का निरन्तर आँक ले सकने में मदद करेगा" – अगरकर ने कहा।
- टूर ऑस्ट्रेलिया: 19 अक्टूबर 2025 से शुरू
- विजय हज़ारे ट्रॉफी: अगस्त‑सितंबर 2025 में आयोजित
- दक्षिण अफ्रीका वि. भारत (होम) टेस्ट: जनवरी 2026
- न्यूज़ीलेंड वि. भारत ओडीआई श्रृंखला: अप्रैल 2026
इन सभी अवसरों को देखते हुए, अगर रोहित‑कोहली को अपनी फिटनेस टिकाने में सफलता मिलती है, तो उन्हें 2027 के विश्व कप में एक बैक‑अप विकल्प के रूप में रखा जा सकता है। लेकिन बीसीसीआई के ऊपर अभी भी स्पष्ट दिशा‑निर्देश नहीं आए हैं।

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की राह
क्रिकट एनालिस्ट अनिल गणेश ने कहा: "गैंबीर‑अगरकर का कदम साहसी है, लेकिन यदि युवा नेता गिल अपने आप को स्थापित कर लेता है, तो भारत का मध्य‑क्रम मजबूत हो जाएगा"। वे यह भी जोड़ते हैं कि "अक्सर बीसीसीआई के बड़े बदलाव तब सही परिणाम देते हैं जब वे दीर्घकालिक विकास पर फोकस करते हैं, न कि केवल एक टूर्नामेंट"।
दूसरी ओर, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सब्बिर सरदार ने विचार व्यक्त किया: "रोहित‑कोहली का अनुभव बहुत बड़ा है, उनके बिना टीम की लीडरशिप एक खाली जगह होगी; इसलिए चयनकर्ता को उनके अनुभव को मेंटरशिप के रूप में उपयोग करना चाहिए, न कि केवल खिलाड़ी के रूप में"।
संक्षेप में, गैंबीर‑अगरकर ने जिस दिशा‑निर्देश को अपनाया है, वह भारतीय क्रिकेट को नई पीढ़ी की ओर मोड़ रहा है। परंतु इस मोड़ के साथ एक बारीकी से तैयार योजना और सतत संवाद को बनाए रखना आवश्यक है – इससे ही भारत का क्रिकेट भविष्य में भी चमकेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रोहित शर्मा और विराट कोहली को 2027 विश्व कप से बाहर करने का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण उनके सीमित अंतरराष्ट्रीय खेलने के अवसर हैं। दो‑तीन वर्षों में केवल 24 ओडीआई मैच निर्धारित हैं, जिससे फॉर्म बनाए रखना मुश्किल माना गया है। साथ ही कोच‑सेलेक्टर टीम ने घरेलू लिस्ट‑ए टूर्नामेंटों में लगातार प्रदर्शन की आवश्यकता पर बल दिया है।
शुबमन गिल को नया ओडीआई कप्तान क्यों बनाया गया?
गिल ने हाल के ओडीआई में स्थिरता दिखायी है, और उसकी उम्र (24) युवा ऊर्जा को दर्शाती है। कोच‑सेलेक्टर ने इसे अगले चरण के लिए “भविष्य‑उन्मुख नेतृत्व” कहा है, जिससे नई पीढ़ी को दिशा‑निर्देश मिलेंगे।
रोहित‑कोहली को घरेलू विजय हज़ारे ट्रॉफी में खेलने की जरूरत क्यों है?
विजय हज़ारे ट्रॉफी लिस्ट‑ए फॉर्मेट में आयोजित होती है, जिससे खिलाड़ी अपनी बैटिंग रफ़्तार और शॉट‑टाइमिंग को पुनः परीक्षण कर सकते हैं। यदि वे इस टूर्नामेंट में निरंतर प्रदर्शन करेंगे, तो चयनकर्ता उन्हें ओडीआई शॉर्ट‑टर्म विकल्प के रूप में देख सकते हैं।
भविष्य में भारत को कौन‑से प्रमुख ओडीआई मैचों का सामना करना पड़ेगा?
ऑस्ट्रेलिया टूर (अक्टूबर 2025), दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट (जनवरी 2026), और न्यूज़ीलेंड ओडीआई श्रृंखला (अप्रैल 2026) प्रमुख कार्यक्रम हैं। इन मैचों के कुल संख्या करीब 24 होगी, जो 2027 के विश्व कप तक का मुख्य आधार बनेगी।
क्या रोहित‑कोहली 2027 विश्व कप में फिर से खेलने का मौका पा सकते हैं?
संभव है, लेकिन इसके लिये उन्हें निरंतर घरेलू और ओडीआई फॉर्म में प्रदर्शन करना होगा। अगरकर ने स्पष्ट किया है कि "कोई भी खिलाड़ी तब तक नहीं चुना जाएगा जब तक वह फिट और फॉर्म में न हो"। इसलिए उनका भविष्य पूरी तरह से प्रदर्शन पर निर्भर रहेगा।
bhargav moparthi
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गैंबीर‑अगरकर का नया आदेश भारतीय टीम के दीर्घकालिक विकास को प्राथमिकता देता है। यह कदम युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही रोहित‑कोहली और विराट‑कोहली को सीमित भूमिका में रखना अनुभव का संतुलन बनाता है। शुबमन गिल को कप्तान बनाकर टीम में नई ऊर्जा जुड़ी है। इस नीति से भविष्य में टीम की निरंतर सफलता सम्भव हो सकती है।