अनुच्छेद 370 हटने के छह साल बाद जम्मू-कश्मीर में निवेश, आईआईटी और पर्यटन ने क्या बदल दिया?
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

19 टिप्पणि

  1. Praveen Sharma Praveen Sharma
    अगस्त 6, 2025 AT 18:32 अपराह्न

    सत्ता ने ज़मीन आसान करके निवेश को बढ़ावा दिया है और इससे युवा रोजगार पा रहे हैं

  2. deepak pal deepak pal
    अगस्त 11, 2025 AT 10:12 पूर्वाह्न

    गुलमर्ग में गोंडोला सफ़र बढ़िया लगा 🙂

  3. KRISHAN PAL YADAV KRISHAN PAL YADAV
    अगस्त 16, 2025 AT 01:52 पूर्वाह्न

    आईआईटी का आगमन तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है और स्किल सेट्स में लक्षणीय सुधार हो रहा है, इससे प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग और एग्जीक्यूटिव टैलेंट पाइपलाइन दोनों को लाभ मिल रहा है

  4. ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ
    अगस्त 20, 2025 AT 17:32 अपराह्न

    सरकार कहती है सब ठीक है पर वास्तविकता में नौकरी के अवसर अभी भी सीमित हैं और बहुत से लोग फिर भी आर्थिक दबाव महसूस कर रहे हैं

  5. chandu ravi chandu ravi
    अगस्त 25, 2025 AT 09:12 पूर्वाह्न

    वो बड़ी तस्वीर देखो 😢💔 निवेश तो आया लेकिन आम लोग अभी भी संघर्ष में हैं 😡🔥

  6. Neeraj Tewari Neeraj Tewari
    अगस्त 30, 2025 AT 00:52 पूर्वाह्न

    प्रगति की राह हमेशा चुनौतियों से घिरी रहती है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद आर्थिक नीतियों में बदलाव आया है। इस बदलाव ने निवेशकों को आकर्षित किया है जिससे विकास का माहौल तैयार हुआ है। नई परियोजनाओं ने बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ किया है और रोजगार के नए द्वार खोलें हैं। लेकिन हर विकास के साथ सामाजिक समायोजन की आवश्यकता भी बढ़ती है। स्थानीय जनता को नई नीतियों के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस होती है। शिक्षा संस्थानों का विस्तार युवा वर्ग के लिए आशा की किरण बनता है। आईआईटी के परिसर ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को ऊँचा किया है। फिर भी यह सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही सीमित नहीं रहना चाहिए। पर्यटन ने भी आर्थिक धारा को गहरा किया है, लेकिन पर्यावरणीय प्रभाव को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सुरक्षा की गारंटी का दावा किया जाता है, परंतु स्थानीय सुरक्षा के मुद्दे अभी भी विद्यमान हैं। सरकारी आँकड़े सकारात्मक दिखते हैं, पर वास्तविकता में कई छोटे व्यापारी अभी भी असुरक्षित महसूस करते हैं। यह आवश्यक है कि नीति निर्धारक इन अंतराल को समझें और समुचित समाधान प्रदान करें। अंत में कहा जा सकता है कि विकास और सामाजिक संतुलन दोनों को साथ लेकर चलना ही सतत प्रगति की कुंजी है। इसलिए निरंतर संवाद और निगरानी ही इस परिवर्तन को सफल बना सकती है।

  7. Aman Jha Aman Jha
    सितंबर 3, 2025 AT 16:32 अपराह्न

    निवेश की बढ़ोतरी सही दिशा में कदम है और साथ ही स्थानीय समुदाय के हितों को भी संतुलित करना जरूरी है

  8. Mahima Rathi Mahima Rathi
    सितंबर 8, 2025 AT 08:12 पूर्वाह्न

    काफी शोर है पर असली बात तो ये है कि बड़े प्रोजेक्ट्स में छोटे किसान कभी नहीं देखते 🙄💸

  9. Jinky Gadores Jinky Gadores
    सितंबर 12, 2025 AT 23:52 अपराह्न

    बहुत बढ़िया लगता है पर असली दर्द तो जमीन के दामों में ही है 😞

  10. Vishal Raj Vishal Raj
    सितंबर 17, 2025 AT 15:32 अपराह्न

    मैंने बताया था कि हर कदम पर आँकड़े बनाए जाते हैं लेकिन जमीन पर असर देखना पड़ेगा

  11. Kailash Sharma Kailash Sharma
    सितंबर 22, 2025 AT 07:12 पूर्वाह्न

    देखो, ये सब बातें सिर्फ शब्द हैं, असली बदलाव तभी होगा जब हर गाँव तक इन सुविधाओं का पहुँच हो

  12. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    सितंबर 26, 2025 AT 22:52 अपराह्न

    कभी सोचा है कि सभी विदेशी निवेश सिर्फ खुफिया ऑपरेशन नहीं हो सकते? ये सरकार के पीछे के बड़े खेल हैं, जो राष्ट्रीयता को कमजोर कर रहे हैं 😡

  13. sanam massey sanam massey
    अक्तूबर 1, 2025 AT 14:32 अपराह्न

    सांसकृतिक धरोहर को बनाये रखना और साथ ही विकास को आगे बढ़ाना एक साथ संभव है, हमें मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए

  14. jinsa jose jinsa jose
    अक्तूबर 6, 2025 AT 06:12 पूर्वाह्न

    सांस्कृतिक मान्यताओं की रक्षा करना कई बार आर्थिक विकास से ऊपर रखी जानी चाहिए; इस प्रकार की प्राथमिकताओं में ही समाज की सच्ची प्रगति निहित है।

  15. Suresh Chandra Suresh Chandra
    अक्तूबर 10, 2025 AT 21:52 अपराह्न

    बिल्कुल सही कहा 🙌 विकास का सही रास्ता तभी उज्ज्वल होगा जब सांस्कृतिक मूल्यों को सम्मान मिले और साथ ही आधुनिकता को अपनाया जाए 😊

  16. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    अक्तूबर 15, 2025 AT 13:32 अपराह्न

    चलो मिलकर ऐसे प्रोजेक्ट्स बनाते हैं जो रोजगार और परम्परा दोनों को सुदृढ़ करें, यही हमारा सकारात्मक भविष्य है

  17. Dhara Kothari Dhara Kothari
    अक्तूबर 20, 2025 AT 05:12 पूर्वाह्न

    मैं इस भावना से पूरी तरह सहमत हूँ, साथ मिल कर हम हर चुनौती को पार कर सकते हैं 😊

  18. Sourabh Jha Sourabh Jha
    अक्तूबर 24, 2025 AT 20:52 अपराह्न

    देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता सबसे पहले होनी चाहिए, यही असली विकास है

  19. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    अक्तूबर 29, 2025 AT 12:32 अपराह्न

    संतुलन ही समाधान है

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