केसोराम इंडस्ट्रीज की चेयरपर्सन मंजुश्री खेतान का 69 वर्ष की आयु में निधन
बीके बिड़ला समूह की प्रमुख कंपनी केसोराम इंडस्ट्रीज की चेयरपर्सन मंजुश्री खेतान का 69 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वह 1998 में केसोराम के बोर्ड में शामिल हुईं और 2013 में कार्यकारी उपाध्यक्ष बनीं। 2019 में अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने गैर-कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका संभाली।
मंजुश्री खेतान को उनके दृढ़ संकल्प के लिए जाना जाता था। उन्होंने कर्ज में डूबी कंपनी को पटरी पर लाने के लिए दिन-रात एक किया, जबकि खुद स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पुनर्गठन के उपाय किए और व्यवसाय में नकदी डाली।
हाल ही में कंपनी के बोर्ड ने अपने सीमेंट व्यवसाय को अल्ट्राटेक सीमेंट को बेचने के लिए संपर्क करने का निर्णय लिया है। यह सौदा नियामक मंजूरी के अधीन है। इससे पहले कंपनी ने अपने सीमेंट व्यवसाय को अलग करने और उसे एक अलग इकाई के रूप में सूचीबद्ध करने की योजना बनाई थी।
शिक्षा, कला और संस्कृति को समर्पित
मंजुश्री खेतान शिक्षा, कला और संस्कृति के प्रति भी उत्साही थीं। उन्होंने अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स और बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स सहित विभिन्न पहलों का समर्थन किया। उनका मानना था कि शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से समाज का विकास किया जा सकता है।
उनके अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों सहित भतीजे कुमार मंगलम बिड़ला और शुभचिंतक शामिल हुए। उनके निधन पर बिजनेस जगत ने शोक व्यक्त किया है। CII के पूर्व अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि वह एक कुशल उद्योगपति थीं और उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कंपनी को मुश्किल दौर से उबारने की कोशिश
केसोराम इंडस्ट्रीज पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक संकट से जूझ रही है। कंपनी पर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। मंजुश्री खेतान ने कंपनी को इस मुश्किल दौर से उबारने के लिए कड़ी मेहनत की।
उन्होंने कंपनी में पुनर्गठन किया और गैर-मुख्य परिसंपत्तियों को बेचकर धन जुटाया। उन्होंने अपने वेतन में भी कटौती की ताकि कंपनी को राहत मिल सके। लेकिन कंपनी के प्रदर्शन में सुधार के प्रयास पर्याप्त साबित नहीं हुए।
पिछले साल कंपनी ने अपने सीमेंट व्यवसाय को बिक्री के लिए रखने का फैसला किया। लेकिन खरीदार ढूंढने में कंपनी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आखिरकार कंपनी ने इस व्यवसाय को अल्ट्राटेक सीमेंट को बेचने का निर्णय लिया।
उद्योग जगत में सम्मानित हस्ती
मंजुश्री खेतान को उद्योग जगत में एक सम्मानित हस्ती के रूप में जाना जाता था। उन्होंने कई उद्योग संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वह FICCI की कार्यकारी समिति की सदस्य और CII की राष्ट्रीय परिषद की सदस्य थीं।
उन्हें उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्हें FICCI महिला उद्यमी पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "मंजुश्री खेतान जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत में एक मजबूत छाप छोड़ी है। उनकी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
मंजुश्री खेतान का जीवन संघर्ष और दृढ़ता की मिसाल है। उन्होंने अपनी क्षमताओं और लगन से एक ऊंचा मुकाम हासिल किया। उनका निधन भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
bhargav moparthi
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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मंजुश्री की मेहनत को हम कभी नहीं भूलेंगे 🙏💔
उनकी दृढ़ संकल्प से कई लोगों को प्रेरणा मिली है उनका योगदान असाधारण रहा है
दिल से उनका सम्मान करता हूँ, ऐसी संघर्षशील महिलाएँ हमारे समाज को मजबूती देती हैं :)
हमारे इंडस्ट्री में ऐसे लीडर की कमी नहीं होनी चाहिए, देश के लिए गर्व का कारण है
बहुत सराहनीय काम था उनका, कड़ी मेहनत ने कंपनी को बचाया
मंजुश्री खेतान जी का जीवन वाकई में उद्योग जगत में एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने अपनी मेहनत से एक बड़े कर्ज़ के बोझ को कम करने की कोशिश की। उनका दृढ़ संकल्प और कार्यशैली कई व्यापारियों को सीखने योग्य माना जाता है। उन्होंने न केवल कंपनी को आर्थिक रूप से स्थिर किया, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया। शिक्षा तथा कला के क्षेत्र में उनका समर्थन कई संस्थाओं की प्रगति का आधार बना। उन्होंने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रोन्नत किया जिससे युवा प्रतिभाएँ उभरीं। उनका नेतृत्व शैली पारदर्शी और सहयोगी थी, जिससे कर्मचारियों में आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने अपने वेतन में कटौती कर कंपनी के हित में कदम उठाए। उनकी यह भावना दर्शाती है कि व्यक्तिगत लाभ से ऊपर कंपनी का कल्याण रखा गया। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। उनकी कई पहलें महिला उद्यमियों को मंच प्रदान करती थीं। उनके द्वारा स्थापित पुरस्कार और शिक्षण संस्थाएँ आज भी सक्रिय हैं। उन्होंने FICCI और CII जैसी संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका पद्मश्री सम्मान उनके योगदान की राष्ट्रीय सराहना को दर्शाता है। अंत में, उनका निधन एक बड़ी क्षति है, पर उनका legado हमेशा याद रहेगा।
ऐसे लोगों को हमेशा सराहा जाना चाहिए उनके कर्म से ही समाज आगे बढ़ता है
वाह! क्या कहानी है! एक सच्ची नायिका, जिसने कंपनी को फिर से इकट्ठा किया, दिल खोलकर बधाई!
मंजुश्री की ऊर्जा और दृढ़ता सभी को प्रेरित करती है! उनका जुनून रंगीन था, जैसे इंधन से भरपूर रेस्टरांस!
उनकी रणनीति बहुते कूल थी, कंपनी की स्थिति बदलने के लिए उन्होंने कई प्रॉजेक्ट चलाए। It's impressive how she managed to keep the morale high despite challenges.
उनका योगदान हमेशा याद रहेगा, हम सबको उनका समर्थन करना चाहिए
मंजुश्री का जीवन हम सबके लिए सीख है, उनके संघर्ष से हमें प्रेरणा मिलती है। उनका साहस हमारे दिलों में कायम रहेगा।
सिर्फ शब्द ही नहीं, उनके कर्म भी चमके थे 😒✨
उनका काम तो बेतुका था पता नहीं कैसे ऐसा हो सका
अच्छी बात है कि उनका नाम अब भी चर्चा में है पर मैं सोचता हूँ क्या और बेहतर हो सकता था
उन्हें याद रखेंगे, सच्ची धीरज की मिसाल
देखो, यह सब सिर्फ एक दिखावा है; उद्योग में बड़ी ताकतों के पीछे सच्ची कहानियाँ छिपी हैं।