
नरयन जगदेवसन् ने बनाया रिकॉर्ड: 277 रन से Vijay Hazare Trophy में इतिहास रचा
जगदेवसन् की अविश्वसनीय शतक
जब नरयन जगदेवसन् ने बेंगलुरु के एम. चिनास्वामी स्टेडियम में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ बल्लेबाज़ी का तांडव किया, तब सभी ने सोचा था कि कुछ बड़ा होने वाला है, पर नतीजा उम्मीदों से भी आगे रहा। 141 गेंदों में 277 रन बनाते हुए वह List A क्रिकेट का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बना गया। इस पर्त पर 25 चौके और 15 छक्के शामिल थे, जिससे पहले के 20 साल पुराने विश्व रिकॉर्ड‑होल्डर एली ब्राउन (268) का नाम धूमिल हो गया।
जगदेवसन् की यह पारी केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड तक सीमित नहीं थी। यह पाचवें लगातार शतक के साथ आई, जो कि पहले कुमार संगक़ारा द्वारा रखे गए चार लगातार शतक के रिकॉर्ड को भी तोड़ गया। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सिर्फ छह मैचों में 799 रन बना कर 159.00 का असाधारण औसत हासिल किया। इस शनि को उन्होंने पहले भी 114* (नो बॉल), 107, 168 और 128 रन बनाकर अपनी निरंतरता साबित कर रखी थी।
उनकी इस जबरदस्त बल्लेबाज़ी ने तमिलनाडु को न सिर्फ जीत दिलाई, बल्कि टीम को एलाइट ग्रुप C में दबदबा बना दिया। इस बड़ी पारी के बाद उनकी टीम ने 506/2 का स्कोर बनाया, जो List A क्रिकेट का नया टीम रिकॉर्ड बन गया, पहले इंग्लैंड का 498/3 था।

तमिलनाडु की रिकॉर्ड‑सम्पदा
जगदेवसन् ने जब बाइटिंग के लिए शुरुआती कोन पर B Sai Sudharsan के साथ जोड़ी बनाई, तो उन्होंने 416 रन की ओपनिंग स्टैंड स्थापित की। यह साझेदारी भी List A में पहली बार 400 से ऊपर पहुँचने वाली सबसे बड़ी पहली‑विड़ साझेदारी बन गई। Sudharsan ने 154 रन बनाकर इस साझेदारी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मिलकर दोनों ने विरोधी को 435 रन से मात दे दी, जब अरुणाचल प्रदेश सिर्फ 71 रन बनाकर ऑल‑आउट हो गया।
विजयी टीम की इस बेजोड़ युद्ध शैली ने देश‑विदेश में क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों को चकित कर दिया। सोशल मीडिया पर #Jagadeesan277 हैशटैग ट्रेंड करता रहा, और कई क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा कि यह अर्द्धशतक नहीं, बल्कि क्रिकेट के इतिहास में एक नया मानदंड स्थापित कर गया है।
अब बात इस बात की है कि यह प्रदर्शन जगदेवसन् को किस दिशा में ले जाएगा। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में वे एक भरोसेमंद विकेट‑कीपर और धूमधाम से चलने वाले दबाव में भी शांति से खेलने वाले खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाते हैं। इस रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग टी20, ODI और टेस्ट में उनकी संभावनाओं को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है।
जैसे ही विजय हजारे ट्रॉफी आगे बढ़ रही है, सभी की निगाहें इस युवा बल्लेबाज़ पर टिकी हैं कि वह इस फ़ॉर्म को कैसे बनाए रखेगा। अगर उनका अभी का फ़ॉर्म जारी रहा, तो भारत के राष्ट्रीय टीम में उन्हें पोज़िशन मिलने की संभावना और भी मजबूत हो गई है। अंत में, यह कह सकते हैं कि नरयन जगदेवसन् ने सिर्फ एक शतक नहीं बनाया, बल्कि क्रिकेट इतिहास में अपना धागा बुना है, जो कई सालों तक चर्चा का कारण बना रहेगा।
bhargav moparthi
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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नरयन ने बेंगलुरु में 277 रन बनाकर सबको चौंका दिया ये पिच पर उनकी पकड़ कमाल की थी
वाह क्या धूमधाम 😍 इस रिकॉर्ड से हमारे युवा खिलाड़ी का भरोसा और भी बढ़ेगा
नरयन जगदेवसन् की इस शतक ने List A क्रिकेट के इतिहास में एक नई परिभाषा स्थापित की है। यह पारी 141 गेंदों में 277 रन बनाकर पिछले विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गई है। इस इन्क्रीमेंट में 25 चौके और 15 छक्के शामिल थे, जो शुद्ध शक्ति का प्रमाण है। उनका औसत 159.00 इस टूर्नामेंट में निरंतरता का संकेत देता है। पाँच लगातार शतकों का क्रम पहले केवल चार तक सीमित था, अब यह पाँच तक पहुंच गया। यह स्थिरता उनके तकनीकी प्रशिक्षण और मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है। टीम ने इस पारी के बाद 506/2 बना कर टीम रिकॉर्ड भी तोड़ा है, जो विश्व स्तर पर दुर्लभ है। इस प्रकार उनका योगदान केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि टीम के सामूहिक प्रदर्शन को भी ऊँचा करता है। उनकी शैली में दबाव में भी शांति और आग का संतुलन देखी गई, जो एक विश्वस्तरीय खिलाड़ी की निशानी है। इस प्रदर्शन ने selectors का ध्यान भी अपने ओर आकर्षित किया है। यदि यह फॉर्म जारी रहा, तो वह राष्ट्रीय टीम में स्थान सुरक्षित कर सकते हैं। इस पारी ने भारतीय क्रिकेट में नए मानदंड स्थापित किए हैं, जो भविष्य में कई कलाकारों को प्रेरित करेंगे। सभी विशेषज्ञ इस तथ्य से सहमत हैं कि यह केवल एक बड़ा शतक नहीं बल्कि एक युगांतकारी प्रदर्शन है। इस तरह की उपलब्धि युवा वर्ग को अधिक मेहनत करने हेतु प्रेरित करती है। अंत में कहा जा सकता है कि यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक सुनहरी पन्ना बन गया है।
सच में यह प्रेरणादायक है, टीम के लिए बड़ी उछाल लेकर आएगा