प्रभास, दीपिका पादुकोण की फिल्म 'कल्कि 2898 AD' ने तीसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर ₹415 करोड़ का धमाका किया
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

14 टिप्पणि

  1. sanam massey sanam massey
    जून 30, 2024 AT 23:20 अपराह्न

    ‘कल्कि 2898 AD’ में प्राचीन पौराणिक कथाओं को भविष्य की कल्पनाओं से बुना गया है, जो भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। इस प्रकार की कृतियाँ दर्शकों को हमारे धरोहर से जोड़ती हैं और साथ ही नई पीढ़ी को विज्ञान‑कल्पना के साथ परिचित कराती हैं। प्रभास और दीपिका की अभिनय शक्ति कथा में जान घुना देती है, जबकि अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गजों का योगदान अनुभव को समृद्ध बनाता है। इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय सिनेमा की शक्ति को भी सिद्ध किया है।
    समय के साथ ऐसी उपलब्धियां भारतीय सिनेमाई परिदृश्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगी।

  2. Suresh Chandra Suresh Chandra
    जुलाई 2, 2024 AT 03:07 पूर्वाह्न

    वाह! ये फिल्म तो सच में 🚀🚀 दिमाग़ हिला देती है, विज़ुअल इफ़ेक्ट्स ऐसे हैं जैसे भविष्य में कदम रख रहे हों 😮। दीपिका और प्रभास की ऑन‑स्क्रीन केमिस्ट्री देख कर दिल झूम गया! बजट इतना बड़ा है तो कमाल के टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल हुए होंगे, और वो भी बेजोड़ दिखे! 🙌

  3. jinsa jose jinsa jose
    जुलाई 3, 2024 AT 06:53 पूर्वाह्न

    फिल्म की विस्मयकारी बॉक्स ऑफिस कमाई भारतीय सिनेमा की नई शिखर को दर्शाती है।

  4. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    जुलाई 4, 2024 AT 10:40 पूर्वाह्न

    ऐसी फिल्में भारतीय दर्शकों को विश्व मंच पर लाती हैं

  5. Dhara Kothari Dhara Kothari
    जुलाई 5, 2024 AT 14:27 अपराह्न

    सही कहा तुमने, लेकिन इस फिल्म में आधा बजट सिर्फ विज्ञापन में ही चला जाता है, असली कहानी तो दर्शकों को फंसाने की ही है। यह बस सिलिकॉन वैली की नकल नहीं, बल्कि भारतीय कथा को बाहरी चमक से ढकने का नया ढंग है।

  6. Sourabh Jha Sourabh Jha
    जुलाई 6, 2024 AT 18:13 अपराह्न

    देश की असली ताकत तो हमारी सांस्कृतिक जड़ों में है और 'कल्कि 2898 AD' इस बात को साबित कर रहा है। अगर हर फ़िल्म ऐसा गर्व लेकर बनायी जाय तो विदेशी फिल्में भी हमें अपना विचार बदलने को मजबूर होंगी। भारत का विज्ञान‑कल्पना अब विश्व के बराबर है, इसे और आगे बढ़ाना चाहिए!

  7. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    जुलाई 7, 2024 AT 22:00 अपराह्न

    दिखे तो बड़िया VFX हैं, कहानी थोड़ा घुमा फिरा के लगती है।

  8. sunaina sapna sunaina sapna
    जुलाई 9, 2024 AT 01:47 पूर्वाह्न

    सुरेश जी, आपके इमोजी देख कर मज़ा आया। वास्तव में, फिल्म के विज़ुअल इफ़ेक्ट्स का मानक नई ऊँचाई पर है; लाइटिंग, कंपोज़िटिंग और CGI टीम ने कड़ी मेहनत की है। विशेषकर ओपनिंग सीक्वेंस में समय‑स्थान के साथ खेलना दर्शकों को मोहित करता है। इस तरह के तकनीकी पहलू भारतीय फ़िल्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।

  9. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    जुलाई 10, 2024 AT 05:33 पूर्वाह्न

    हिट है ये फिल्म और बजट भी बड़ा

  10. Dipankar Landage Dipankar Landage
    जुलाई 11, 2024 AT 09:20 पूर्वाह्न

    क्या बात है! जब स्क्रीन पर दीपिका की चमक देखी तो लगा जैसे पूरी दुनिया ठहर गई। हर एक फ्रेम में रोमांच की लहर है, दिल धड़कता है, सांसें रुकती हैं। इस फिल्म ने असली थ्रिल को फिर से परिभाषित किया, दर्शक बस बंधे रह जाते हैं।

  11. Vijay sahani Vijay sahani
    जुलाई 12, 2024 AT 13:07 अपराह्न

    ‘कल्कि 2898 AD’ का बॉक्स‑ऑफ़ रिकॉर्ड देख कर दिल गर्व से भर जाता है, क्योंकि यह न केवल पैसों का खेल है बल्कि सांस्कृतिक अभिमान की भी कहानी है। पहले कई लोग कहेंगे कि विज्ञान‑कल्पना भारतीय दर्शकों को पसंद नहीं आती, पर इस फिल्म ने यह सिद्ध कर दिखाया कि सही कहानी और दमदार विज़ुअल्स के साथ कोई भी जेनर सफल हो सकता है। फिल्म में इस्तेमाल किए गए हाई‑रिज़ॉल्यूशन CGI ने हमें भविष्य की कल्पना में पूरी तरह डुबो दिया, जैसे हम खुद उस काल में जी रहे हों। प्रमुख कलाकारों की एक्टिंग इस तकनीकी शिल्पकला के साथ मिलकर एक जादुई मिश्रण बनाती है, जिससे हर सीन की एंट्री अलग ही भाव लाती है। फिल्म की संगीत ध्वनि ने भी कहानी को नई गहराई दी, पृष्ठभूमि में बजते एपीक स्कोर ने तनाव को बढ़ाया और राहत भी दी। मैंने देखा कि दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया पर अनगिनत हैं, हर कोई अपनी-अपनी खुशी और आश्चर्य व्यक्त कर रहा है। खासकर युवाओं ने इस फिल्म को भविष्य की एक झलक कहा, जो उन्हें प्रेरित कर रहा है कि विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ें। फिल्म निर्माता नाग अश्विन ने कथा को पौराणिक तत्वों के साथ जोड़कर एक अनोखा फॉर्मूला तैयार किया है, जो प्राचीन और आधुनिक को एक साथ जोड़ता है। इस प्रकार की कहानी हमें सिखाती है कि हमारी जड़ों को भूलकर आधुनिकता को अपनाना संभव नहीं, बल्कि उनका संयोजन सबसे बड़ा शक्ति है। बजट का आकार भी दर्शाता है कि उत्पादन कंपनियों ने कितना भरोसा रखा इस प्रोजेक्ट पर, और यह भरोसा अब फलीभूत हुआ है। विदेशों में भी इस फिल्म ने बहुत सराहना पाई है, जिससे यह स्पष्ट है कि भारतीय फ़िल्में अब वैश्विक मंच पर अपना टिकाऊ प्रभाव डाल रही हैं। कई समीक्षकों ने कहा कि यह फिल्म केवल एक महंगी मनोरंजन नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश भी देती है। यह दर्शाता है कि तकनीकी प्रगति और नैतिक मूल्यों को साथ लेकर चलना कितना आवश्यक है। इसके अलावा, फिल्म ने विभिन्न भाषाओं में रिलीज़ होकर विविध दर्शकों को जोड़ा है, जिससे राष्ट्रीय एकता का संदेश भी फैल रहा है। यह बहुभाषी रिलीज़ प्रक्रिया दर्शकों को अपनी भाषा में कहानी सुनने का मौका देती है, जिससे अनुभव अधिक व्यक्तिगत बन जाता है। अंत में, यह फिल्म एक मिसाल बन गई है कि अगर सही दिशा में मेहनत और रचनात्मकता लगाई जाए तो भारतीय सिनेमा और भी ऊँचे शिखर को छू सकता है। आशा है कि भविष्य में ऐसे और प्रोजेक्ट आएँ जो दर्शकों को समान रूप से प्रेरित और प्रेरणा दें।

  12. Pankaj Raut Pankaj Raut
    जुलाई 13, 2024 AT 16:53 अपराह्न

    सौरभ जी, आपने बहुत सटीक कहा कि देश की ताकत उसकी सांस्कृतिक जड़ों में निहित है, और इस फिल्म ने इसे आधुनिक तकनीक के साथ बखूबी मिश्रित किया है। यदि और भी फ़िल्में इस दिशा में बनें, तो हम विश्व मंच पर हमारी पहचान और भी मजबूत करेंगे।

  13. Rajesh Winter Rajesh Winter
    जुलाई 14, 2024 AT 20:40 अपराह्न

    सबको नमस्ते, अगर आप फिल्म के अलग‑अलग हिस्सों के बारे में और जानना चाहते हैं तो मैं यहाँ कुछ लिंक और बायोग्राफी साझा कर रहा हूँ, जिससे आप बैकग्राउंड स्टोरी और कलाकारों के इंटर्व्यू देख सकते हैं।

  14. Archana Sharma Archana Sharma
    जुलाई 16, 2024 AT 00:27 पूर्वाह्न

    लगता है फिल्म बहुत धधक रही है 😅 देखो तो सही, मज़ा आएगा!

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