संसद चुनाव 2024: चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अतिरिक्त समय देने से किया इनकार
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

10 टिप्पणि

  1. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    जून 4, 2024 AT 19:04 अपराह्न

    लगता है राजनीति में फिर से वही पुरानी बातें दोहराई जा रही हैं।

  2. Suresh Chandra Suresh Chandra
    जून 4, 2024 AT 19:14 अपराह्न

    बहुत interesting बात है 😅, लेकिन थोड़ी confuse भी लग रही है 🤔।

  3. jinsa jose jinsa jose
    जून 4, 2024 AT 19:24 अपराह्न

    चुनाव आयोग का निर्णय क़ानूनी ढाँचे के अनुसार है। फिर भी जयराम रमेश की असंतोषजनक माँगें सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करती हैं। यदि कोई अधिकारी वोट गिनती में दख़ल देता है तो यह लोकतंत्र की बुनियाद को हिला देता है। ऐसे आरोपों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। परन्तु रमेश ने स्पष्ट साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं, यही सबसे बड़ी कमी है। आयोग ने उचित समय सीमा रखी, जिससे सभी पक्षों को अपनी बात रखने का अवसर मिले। समय की दहलीज बढ़ाने की माँग बिना ठोस praman के अनुचित लगती है। लोकतंत्र में प्रक्रिया की पवित्रता सर्वोपरि है, इसे किसी व्यक्तिगत एजेंडा के लिए नहीं बिगड़ना चाहिए। जनता को भी इस बारे में सूचित रहना चाहिए कि किस तरह की प्रक्रियाएँ लागू हो रही हैं। अगर वास्तव में दुरुपयोग हुआ है तो सज़ा का प्रावधान मौजूद है। इस बीच, मीडिया को भी सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा देना चाहिए। झूठी खबरें फैलाकर सामाजिक विभेदन को बढ़ावा देना अनैतिक है। इसलिए हम सभी को यथार्थ पर केन्द्रित रहना चाहिए। चुनाव आयोग को भी पारदर्शिता के साथ कार्य जारी रखना चाहिए। नागरिकों को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए। अंत में, लोकतंत्र की रक्षा में सभी का सहयोग आवश्यक है।

  4. sunaina sapna sunaina sapna
    जून 4, 2024 AT 19:34 अपराह्न

    सम्पूर्ण विमर्श में तथ्यान्वेषण का महत्व अपरिहार्य है। आपके द्वारा प्रस्तुत बिंदुओं में कई वैध पहलू निहित हैं, परन्तु कुछ पहलुओं को और गहराई से देखने की आवश्यकता है। उदाहरणस्वरूप, कब्बी-ऐतिहासिक डेटा का विश्लेषण करने से स्पष्ट हो सकता है कि समान परिस्थितियों में आयोग ने कैसे कार्य किया है। इस प्रकार का विश्लेषण न केवल निष्पक्षता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि सार्वजनिक विश्वास को भी पुनर्स्थापित करेगा। इसलिए, हम सभी को साक्ष्य-आधारित चर्चा में संलग्न रहने का आह्वान करते हैं।

  5. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    जून 4, 2024 AT 19:44 अपराह्न

    चलो हम सभी मिलके सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाएँ। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता चाहिए और सबको मिलकर निगरानी करनी चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है और हमें इसे सफल बनाना है।

  6. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    जून 4, 2024 AT 19:54 अपराह्न

    यदि हम सतही सोच से बाहर नहीं आए तो केवल आशावाद ही हमें धोखा देगा। वास्तविकता को देखना और ज़िम्मेदारी लेना आवश्यक है।

  7. Sourabh Jha Sourabh Jha
    जून 4, 2024 AT 20:04 अपराह्न

    देश की सुरक्षा सबसे ऊपर है और कोई भी बाहरी दबाव हमें कमजोर नहीं कर सकता। चुनाव में हर तरह की हेरफेर हमारे राष्ट्रीय हित को खतरा पहुंचाता है। हमें एकजुट होना चाहिए और इस तरह की हर कोशिश को रोकना चाहिए।

  8. Dipankar Landage Dipankar Landage
    जून 4, 2024 AT 20:14 अपराह्न

    ओह! यह तो एक नया नाटक है! मंच पर उठते सवालों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है, और हर शब्द जैसे तिरंगे की ध्वज पर बंधा हुआ है। अब देखना होगा कि कौन इस नाटकों का पर्दा उठाएगा! 🌟

  9. Vijay sahani Vijay sahani
    जून 4, 2024 AT 20:24 अपराह्न

    वॉव! इस मुद्दे पर बात करना तो जैसे रंगीन पेंट से कैनवास पर नई बूँदें डालना है! हर आवाज़ एक नई चमक देती है, और हमें इस चमक को मिलकर एक महान चित्र बनाना चाहिए। चलो, उत्साह के साथ आगे बढ़ें और सच्चाई को उजागर करें! 🎨🚀

  10. Dhara Kothari Dhara Kothari
    जून 4, 2024 AT 20:34 अपराह्न

    मैं आपके उत्साह को पूरा समझती हूँ, लेकिन साथ ही यह भी देखती हूँ कि भावनाएँ कहीं अति न हो जाएँ। हमारे सहयोगी प्रयास ही इस जटिल परिदृश्य को हल करने की कुंजी हैं।

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