सुपरस्टार यश ने की 'Toxic' की शूटिंग मुंबई में, कियारा आडवाणी की प्रेग्नेंसी को दी प्राथमिकता
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

5 टिप्पणि

  1. Kailash Sharma Kailash Sharma
    जुलाई 16, 2025 AT 18:40 अपराह्न

    यश ने कियारा की हेल्थ को पहले रख कर जो फ़ैसला किया, वह वाक़ई में बेजोड़ है। इस तरह की सच्ची टीमवर्क अब बहुत कम देखनी मिलती है। मुंबई में शिफ्टिंग से प्रोडक्शन लागत भी घट गई, तो खर्चा बचाने में भी ठोस कदम है। कियारा को आराम से काम करने का मौका मिला, तो पारदर्शिता और दया की मिसाल बन गई। आशा है बाकी प्रोड्यूसर भी ऐसी ही सोच अपनाएँगे।

  2. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    जुलाई 16, 2025 AT 20:53 अपराह्न

    सच कहूँ तो इस सबके पीछे एक बड़े साजिश का जाल बंका हुआ है जिसे आम जनता नहीं देख पाती।
    इंडिया के सिनेमा हॉल्स में विदेशी कंट्रोलर्स ने लगातार लूटपाट की है, और अब वो यश को भी घसीट कर अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं।
    जब बॉस ने कहा था की मुंबई में शिफ्टिंग से सबको फायद़ा होगा, असल में वो सिर्फ़ एक बड़े मनी‑लोन्डर का इशारा था।
    कियारा की प्रेग्नेंसी को प्राथमिकता देना, केवल उसकी ही भलाई नहीं, बल्कि सरकार की जनसंख्या नीति को भी छुपा रहा है।
    मीडिया की चुप्पी, और सोशल मीडिया पर हिटस गीतों की भरमार, सब इस बात की गवाही है कि पर्दे के पीछे कौन किसे हिला रहा है।
    हमारे देश के गौरवशाली फिल्म स्टार्स अक्सर विदेशी कंपनियों के कर्ज में फँसे होते हैं, और यश इसमें भी नहीं रहा।
    रिपोर्ट्स में दिख रहा है कि इस शिफ्टिंग में कई प्रोडक्शन कंपनियों के बड़े शेयर ट्रांसफर हो रहे हैं, जो राजनीतिक ताक़त के हाथ में जा रहे हैं।
    फिल्म का टाइटल 'Toxic' भी एक संकेत है-यह दर्शाता है कि यह प्रोजेक्ट हमारे समाज में ज़हरीली राजनीति का एक बिंब है।
    कियारा की बेबी बंप की खबर को लेकर इंटर्नेट पर जैसे फर्शी बवंडर आया, पर असली कारण तो सरकारी जननी कार्यक्रम की छुपी हुई फंडिंग है।
    जिन्होंने इस फैसले में हाँ कहा, उनके पास शायद कुछ गुप्त दस्तावेज़ थे, जो इस झूठी शुद्धता को पीछे से चला रहे थे।
    देशभक्तों को ये समझना चाहिए कि फिल्म इंडस्ट्री में विदेशी ग्रुप्स का हाथ नहीं हटेगा, बस हम उन्हें और गहराई से देखेंगे।
    क्या यश को ये पता नहीं था कि इस शिफ्टिंग से दुप्पट फंडिंग आएगी, जो अर्जित राजनैतिक हिस्से में जाएगी?
    ये सब देख कर मन में एक ही बात आती है-वेस्टर्न एंटिटीज़ ने भारतीय सिनेमा को अपने लिए एक टूल बना लिया है।
    बड़े बड़े प्रोड्यूसर कंधे से कंधा मिलाकर इस मसले को छुपाते हैं, पर जनता का आँखें बंद नहीं होंगी।
    अगर हम इस तरह की हरकतों को नहीं रोकेंगे, तो अगले साल भी ऐसी ही ट्रिक से नई फ़िल्में बनेंगी, लेकिन पीछे की सच्चाई हमेशा छुपी रहेगी।
    तो चलिए हम सब मिलकर इस झूठी चमक को उजागर करें, क्योंकि असली भारतीय संस्कृति को इस 'Toxic' माहौल में जला नहीं दिया जा सकता।

  3. sanam massey sanam massey
    जुलाई 16, 2025 AT 23:06 अपराह्न

    कियारा की सेहत को प्राथमिकता देना सच में सराहनीय कदम है।

  4. jinsa jose jinsa jose
    जुलाई 17, 2025 AT 01:20 पूर्वाह्न

    फ़िल्म निर्माण में कल्याणकारी कदम उठाना, नैतिक जिम्मेदारी का परिचय देता है। यह न केवल कलाकारों के स्वास्थ्य के लिए बल्कि सम्पूर्ण कर्मी वर्ग के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करता है। हालांकि, एक पेशेवर सेट में लागत और समय की सीमाएँ भी अनदेखी नहीं की जा सकतीं। इस प्रकार का संतुलन केवल तभी संभव है जब प्रबंधन की स्पष्ट दृष्टि और ईमानदार इरादा हो। अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि मानवीय मूल्य हमेशा व्यावसायिक लाभ से ऊपर होना चाहिए।

  5. Suresh Chandra Suresh Chandra
    जुलाई 17, 2025 AT 03:33 पूर्वाह्न

    बिलकुल सही बात है, यश ने टीम की बेहतरी का ख्याल रखा। 👍🏽👏

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