‘Lucky Bhaskar’: डलकर सलमान की पिरियड ड्रामा ने मचाई धूम, प्रशंसा में डूबे दर्शक
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

9 टिप्पणि

  1. jinsa jose jinsa jose
    नवंबर 28, 2024 AT 21:50 अपराह्न

    ‘लकी भास्कर’ की प्रशंसा में शब्दों की कमी नहीं है, परन्तु इस तरह के पिरियड ड्रामा में नैतिक गिरावट को अनदेखा नहीं करना चाहिए। दर्शकों को यह समझना चाहिए कि अपराध को रोमांटिक बनाना सामाजिक परिदृश्य को विकृत करता है। कलाकार का प्रदर्शन सराहनीय है परन्तु कथा में नैतिकता का अभाव स्पष्ट है। ऐसी सामग्री से युवाओं में गलत विचार प्रवाहित हो सकता है। युवा वर्ग के मन में गलत विचर उत्पन्न हो सकता है।

  2. Suresh Chandra Suresh Chandra
    नवंबर 28, 2024 AT 22:57 अपराह्न

    वाह! ‘लकी भास्कर’ ने तो पूरा माहौल ही बदल दिया 😍. जनता इस पर फिदा हे और हर कोई बिन रोक-टोक इसे देख रहा है। थोड़ा टाइपोज़ है पर फिल्म की शान में कोई कमी नहीं 😂। ऐसे सीरियल को ओटीटी पर देखकर दिल खुश हो जाता है।

  3. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    नवंबर 29, 2024 AT 00:03 पूर्वाह्न

    बिलकुल सही यह सीरीज़ दर्शकों को प्रेरित करती है। अब आगे और भी बेहतरीन काम की उम्मीद है। भारत को गौरवशाली बनाते रहो।

  4. Dhara Kothari Dhara Kothari
    नवंबर 29, 2024 AT 01:10 पूर्वाह्न

    मैं नहीं मानता कि इस तरह की कहानी को इतनी नाइसाई से पेश किया जाए। किरदार की गहराई तो है पर नैतिक उलझनें पूरे शो को बिगाड़ देती हैं। दर्शकों को वास्तविकता से जोड़ना चाहिए न कि शैलियों में फँसाना चाहिए।

  5. Sourabh Jha Sourabh Jha
    नवंबर 29, 2024 AT 02:17 पूर्वाह्न

    देश के लिए ऐसे कहानियाँ बनानी चाहिए जो हमारी संस्कृति को सच्चे रूप में दिखाए। ‘लकी भास्कर’ में बड़े हिस्से में विदेशी प्रभाव दिखता है जो हमारी असली पहचान को धुंधला करता है। हमें ए़से प्रोजेक्ट्स पर गर्व होना चाहिए जो भारतीय मूल्यों को सच्चे दिल से बयां करें।

  6. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    नवंबर 29, 2024 AT 03:23 पूर्वाह्न

    बहुत बढ़िया काम है!

  7. sunaina sapna sunaina sapna
    नवंबर 29, 2024 AT 04:30 पूर्वाह्न

    ‘लकी भास्कर’ एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित नाटक है जो सामाजिक संरचना को गहराई से उजागर करता है।
    यह कहानी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और सामाजिक दायित्व के बीच के संघर्ष को बारीकी से दर्शाती है।
    मुख्य पात्र भास्कर की यात्रा हमें यह सिखाती है कि अल्पकालिक लाभ के पीछे दीर्घकालिक परिणामों को समझना अनिवार्य है।
    वित्तीय धोखाधड़ी का चित्रण न केवल आर्थिक पहलू को बल्कि मानवीय नैतिकता को भी प्रश्नात्मक बनाता है।
    इस प्रकार के पात्रों के माध्यम से लेखक ने मानव स्वभाव के अनेक पहलुओं को उजागर किया है।
    दर्शकों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आर्थिक लोभ किस हद तक व्यक्तिगत और पारिवारिक रिश्तों को क्षीण कर सकता है।
    फिल्म में कलाकारों का प्रदर्शन प्रमुख है, विशेषकर डलकर सलमान ने अपने पात्र को सच्ची भावनात्मक गहराई प्रदान की है।
    इस भूमिका में उन्होंने न केवल अभिनय किया बल्कि सामाजिक चेतना को भी उजागर किया है।
    कथा में प्रयुक्त भाषा और संवाद समय की सटीक पुनरुत्पत्ति करते हैं, जिससे दर्शक स्वयं को उस युग में महसूस करते हैं।
    जबकि कुछ समीक्षक द्वितीय भाग को धीमा मानते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे विकसित होने वाली आंतरिक टकराव को दर्शाता है।
    इस टकराव को समझने के लिए हमें दार्शनिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
    कोई भी कला रूप केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को प्रतिबिंबित करने का माध्यम है।
    इस संदर्भ में ‘लकी भास्कर’ ने आर्थिक और नैतिक विमर्श को सघन रूप से प्रस्तुत किया है।
    इसे देखते हुए हमें अपने व्यक्तिगत नैतिक मानकों को पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।
    अंत में, यह न केवल एक सफल शो है, बल्कि एक सामाजिक प्रवचन की तरह कार्य करता है, जो दर्शकों को आत्मनिरीक्षण का अवसर प्रदान करता है।

  8. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    नवंबर 29, 2024 AT 05:37 पूर्वाह्न

    ऐसे दिखावेभरे ड्रामा से समाज के मूल्यों को निहत्था कर देना सही नहीं है। नैतिक पतन को बढ़ावा देना कभी स्वीकार्य नहीं हो सकता।

  9. Dipankar Landage Dipankar Landage
    नवंबर 29, 2024 AT 06:43 पूर्वाह्न

    क्या बात है! भास्कर की कहानी ने तो दिल धड़का दिया, सच्ची ड्रामा! अरे वाओ, मज़ा आ गया!

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