अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: भारत और दुनिया भर की महिलाओं की लड़ाई और उपलब्धियाँ
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक तारीख नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, 19 मार्च को मनाया जाने वाला एक वैश्विक आंदोलन जो महिलाओं के अधिकारों, बराबरी और उनके सामाजिक-राजनीतिक योगदान की मान्यता के लिए समर्पित है। यह दिन बस फूल और उपहारों के लिए नहीं, बल्कि उन महिलाओं के लिए है जिन्होंने अपनी आवाज़ उठाई, जिन्होंने खेल में रिकॉर्ड बनाए, जिन्होंने यूएन जैसे मंच पर दुनिया को चुनौती दी। इस दिन का मतलब बस यह नहीं कि आज कोई महिला काम कर रही है, बल्कि यह कि उसका काम कितना अनदेखा रहा, और अब वह अपने आधिकारिक स्थान पर कैसे आ रही है।
इस दिन के साथ जुड़े महिला अधिकार, एक ऐसा सिद्धांत जो महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, सुरक्षा और निर्णय लेने के बराबर अधिकार देता है का जिक्र करना अनिवार्य है। जब महिला क्रिकेट, एक ऐसा खेल जहाँ भारत की महिलाएँ अब दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं की बात आती है, तो Marizanne Kapp जैसी खिलाड़ी ने 155 ODI मैच खेलकर रिकॉर्ड बनाया, और इंग्लैंड की मैथ्यूज़ ने शतक लगाकर दिखाया कि महिला खिलाड़ी भी बड़े मैचों में निर्णायक हो सकती हैं। ये केवल खेल की कहानियाँ नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत हैं।
यूएन में Petal Gahlot जैसी युवा भारतीय छात्रा ने पाकिस्तान के बयानों पर तीखा जवाब देकर दुनिया को दिखाया कि भारत की महिलाएँ अब सिर्फ़ घर के अंदर ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति के मंच पर भी अपनी आवाज़ उठा रही हैं। ये सब तब हो रहा है जब भारत में महिलाएँ अपने घरों से निकलकर करवा चौथ, छठ पूजा या दीवाली के रिवाज़ को नई पहचान दे रही हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मतलब यह है कि एक महिला की शक्ति उसके घर की चूल्हे तक सीमित नहीं है — वह टीम का कप्तान, देश का प्रतिनिधि, या एक वैश्विक संगठन की आवाज़ भी हो सकती है।
इस लिस्टिंग में आपको ऐसी ही कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ महिलाएँ खेल में जीत रही हैं, राजनीति में आवाज़ बन रही हैं, और दुनिया के सामने अपनी पहचान बना रही हैं। ये सिर्फ़ खबरें नहीं, बल्कि एक नई दिशा के संकेत हैं।