शुभ मुहूर्त: सही समय कैसे चुनें और जल्दी जांचें

क्या आपकी शादी, गृहप्रवेश या किसी बड़े काम के लिए सही समय चाहिए? शुभ मुहूर्त चुनना भारी लग सकता है, लेकिन कुछ सरल नियम और तेज़ चेकलिस्ट से आप जल्दी निर्णय ले सकते हैं। यहाँ सीधे, उपयोगी और वैदिक तरीके बताऊँगा जिन्हें घर पर भी फॉलो कर सकते हैं।

बुनियादी बातें जो तुरंत जान लेनी चाहिए

सबसे पहले समझें: एक 'मुहूर्त' की अवधि करीब 48 मिनट होती है — दिन को 30 हिस्सों में बाँटने पर हर हिस्सा लगभग 48 मिनट का आता है। अच्छे मुहूर्त के लिए आमतौर पर इन बातों पर ध्यान दें:

- पंचांग देखें: तिथि, वरण (वार), नक्षत्र और योग की जानकारी देरी से नहीं, तुरंत जरूरी है।

- राहु काल और गुलिक समय टालें: इन समयों में नए काम शुरू करने से बचें। राहु काल हर दिन अलग रहता है—सूर्योदय व सूर्यास्त के बीच के समय से निकाला जाता है।

- ग्रहण और सूर्य/चंद्रग्रहण के दिन न लें: ग्रहण वाले दिन कोई शुभ काम तय करना ठीक नहीं माना जाता।

- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह सूर्य उदय से लगभग 1.5 घंटे पहले का समय खासकर पूजा और ध्यान के लिए उत्तम माना जाता है।

इन बिंदुओं से आप पहले-फरस्ट कट बना सकते हैं कि कौन से दिन और घंटे असल में काम के हो सकते हैं।

कैसे चुनें—प्रैक्टिकल स्टेप बाय स्टेप

1) अपनी घटना की प्राथमिकता तय करें: विवाह, गृहप्रवेश, व्यापार शुरू या पूजा—हर प्रकार के काम के लिये कुछ तिथियाँ सामान्यतः बेहतर मानी जाती हैं।

2) पंचांग ऑनलाइन चेक करें: मोबाइल पर किसी भरोसेमंद पंज़ांग ऐप या वेबसाइट खोलें और उस दिन का तिथि, नक्षत्र, योग और राहु काल नोट कर लें।

3) नक्षत्र देखें: शादी जैसे आयोजनों के लिए अक्सर पसंद की जाने वाली नक्षत्रें हैं — रोहिणी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, पुनर्वसु। ये सार्वजानिक तौर पर उपयोग में लाई जाती हैं पर स्थानीय परंपरा पर भी ध्यान दें।

4) तिथि और पाक्ष: सामान्य तौर पर शुभ कार्यक्रमों के लिए शुक्ल पक्ष की तिथियों को वरीयता दी जाती है; अमावस्या और ग्रहण वाले दिन आमतौर पर टालें।

5) अंतिम पुष्टि: यदि कार्यक्रम बड़ा और जटिल है, तो पंडित या ज्योतिषी से अंतिम मुहूर्त पक्का कर लें। सरल कार्यक्रमों के लिए ऊपर दिए नियम और ऐप काफी होते हैं।

छोटी टिप्स: अगर मेहमान दूर से आ रहे हों तो दिन का मध्यम समय चुनें; रात के बहुत देरी वाले मुहूर्त को टालें। शादी या गृहप्रवेश में सामान और सेवाओं की उपलब्धता पहले टेस्ट कर लें।

शार्ट चेकलिस्ट: पंचांग, राहु काल चेक, ग्रहण न हो, नक्षत्र देखें, अंतिम पुष्टि — बस ये पाँच स्टेप और आपका मुहूर्त तैयार।

अगर चाहें तो "दैनिक दीया" पर मुहूर्त से जुड़े ताज़ा लेख और स्थानीय खबरें भी देखें—यहाँ के आर्टिकल्स आपको तारीखें और क्षेत्रीय रिवाज समझने में मदद करेंगे। शुभ मुहूर्त चुनना जटिल नहीं है, बस सही जानकारी और थोड़ी समझ की ज़रूरत है।

देवशयनी एकादशी 2024: तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम और पारण समय 18 जुलाई 2024

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देवशयनी एकादशी 2024 में 17 जुलाई को मनाई जाएगी। यह एकादशी वह दिन है जब भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं और चार महीने तक शुभ कार्य जैसे विवाह और नए उपक्रम अवरुद्ध रहते हैं। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। व्रत का पारण 18 जुलाई को सुबह 5:34 से 8:19 बजे के बीच होगा।

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