यौन उत्पीड़न — पहचानें, रिपोर्ट करें और सुरक्षित रहें

यौन उत्पीड़न से जुड़ी स्थिति कोई भी व्यक्ति झेल सकता है। अक्सर लोग शर्म या डर से चुप रह जाते हैं। पर जानकारी होने से आप तेज़ और असरदार कदम उठा सकते हैं। यहाँ सीधे और व्यावहारिक तरीके दिए गए हैं कि क्या करें और किससे मदद लें।

कदम-ब-कदम: अगर आपके साथ यौन उत्पीड़न हुआ तो क्या करें

1) सुरक्षित जगह पर जाएं: पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें। जहाँ खतरा हो वहां से तुरंत दूर हो जाएँ।

2) साक्ष्य बचाएँ: मैसेज, ईमेल, ऑडियो-वीडियो, तस्वीरें और घटनास्थल के पास के सीसीटीवी की जानकारी रखें। स्क्रीनशॉट लें और तारीख-समय नोट कर लें।

3) गवाह तलाशें: यदि कोई मौजूद था जो देख या सुन सकता है तो उससे बात करके नाम और संपर्क लिखवा लें।

4) चिकित्सा और मानसिक सहायता: अगर शारीरिक चोट है तो नजदीकी सरकारी अस्पताल में तुरंत मेडिकल जांच कराएँ और मेडिकल रिपोर्ट (Medico-legal report) सुरक्षित रखें। मानसिक तनाव के लिए काउंसलर या हेल्पलाइन से संपर्क करें।

5) पुलिस में शिकायत या एफआईआर: स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करें। आप चाहें तो पहले किसी भरोसेमंद NGO या वकील से सलाह लेकर भी आगे बढ़ सकते हैं।

कार्यस्थल और संस्थानों में क्या करें — POSH और अन्य कानूनी रास्ते

यदि घटना कार्यस्थल या कॉलेज जैसी संस्थान में हुई है तो सबसे पहले अपने संस्थान में बने आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee - ICC) या छात्र शिकायत समिति से संपर्क करें। POSH एक्ट (2013) के तहत नियोक्ता को शिकायत सुनने और निष्पक्ष जांच करवाने का दायित्व होता है।

शिकायत के मुख्य चरण: शिकायत लिखित में दें, ICC की जांच, अगर नाखुश हों तो राज्य महिला आयोग या नेशनल कमीशन फॉर विमेन (NCW) से शिकायत कर सकते हैं। POSH में सामान्यत: शिकायत दर्ज करने की समयसीमा 90 दिन होती है, पर विशेष परिस्थितियों में बढ़ोतरी संभव है।

सहायता कैसे पाएं: स्थानीय पुलिस, सरकारी महिला आयोग, कॉलेज/कंपनी की ICC और भरोसेमंद NGO मदद कर सकते हैं। वकील या मुफ्त कानूनी सहायता लेने से प्रक्रिया आसान रहती है।

बायस्टैंडर के तौर पर क्या करें: किसी को देखते हुए जब यौन उत्पीड़न हो तो सीधे खतरनाक स्थिति में हस्तक्षेप करने की बजाय मदद के लिए कॉल करें, गवाह बनें, पीड़ित को सुरक्षित जगह पर ले जाएँ और बाद में घटना की जानकारी रिकॉर्ड करके दें।

अंत में — चुप्पी टूटाना एक पहला और मजबूत कदम है। शोर मचाने की जरूरत नहीं, बस सटीक कदम उठाइए: सुरक्षा, साक्ष्य, रिपोर्ट और सहयोग। आपकी जानकारी किसी भरोसेमंद वकील, महिला आयोग या लोकल NGO से जोड़कर रखें ताकि जब जरूरत पड़े तुरंत मदद मिल सके।

यदि आप तुरंत मदद चाहते हैं तो अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन, राज्य महिला आयोग या नेशनल कमीशन फॉर विमेन (NCW) की वेबसाइट पर उपलब्ध कॉन्टैक्ट और हेल्पलाइन देखें।

दिल्ली कोर्ट ने महिला पहलवानों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण सिंह पर आरोप तय करने का आदेश दिया 11 मई 2024

दिल्ली कोर्ट ने महिला पहलवानों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण सिंह पर आरोप तय करने का आदेश दिया

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कुश्ती संघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराये गए यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया है।

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