ARY News पर पैनलिस्ट के ‘फ़ायरिंग’ कमेंट ने बवाल खड़ा कर दिया: भारत‑पाकिस्तान एशिया कप 2025 में हिंसा का मसला
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

13 टिप्पणि

  1. Vishal Raj Vishal Raj
    सितंबर 24, 2025 AT 18:57 अपराह्न

    मेरे हिसाब से ये पूरी तरह से मीडिया की साजिश है कि जनता को हिला‑डुला कर ध्यान भटकाया जाए

  2. Kailash Sharma Kailash Sharma
    सितंबर 28, 2025 AT 06:17 पूर्वाह्न

    सच में, इतना बड़ा तमाशा देखके तो लगता है जैसे सबकुछ टीवी की स्क्रिप्ट में लिखा हो! ये बात तो साफ़‑साफ़ कह दो कि बिन वजह तनाव पैदा करना ठीक नहीं!

  3. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    अक्तूबर 1, 2025 AT 17:37 अपराह्न

    भाई लोग, ये पैनलिस्ट की बात सुनके तो लग रहा है जैसे किसी ने रहस्यवादी जासूस की फ़िल्म देख ली हो, पूरी तरह से कन्फ्यूज़न में डाल दिया! इधर‑उधर की खबरी बस इधर‑उधर की झूठी कहानी बनकर फैल रही है, असली इश्यू तो मैदान में खेल है, न कि गन‑फ़ायर की धमाकेदारी।

  4. sanam massey sanam massey
    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:57 पूर्वाह्न

    वास्तव में, हमें इस तरह की टिप्पणी को सामाजिक संदर्भ में देखना चाहिए। खेल का मूल उद्देश्य सम्मान और प्रतियोगिता है, और ऐसी बातें काफी हद तक उस भावना को धूमिल कर देती हैं। हमें बातचीत को ठंडे दिमाग से करना चाहिए, न कि अतिरंजित भावनाओं से।

  5. jinsa jose jinsa jose
    अक्तूबर 8, 2025 AT 16:17 अपराह्न

    ऐसे बयानों को सार्वजनिक मंच पर रखने से न केवल नैतिक गिरावट होती है, बल्कि यह युवा वर्ग को भी ग़लत दिशा में ले जाता है। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे विचारों को दंडित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

  6. Suresh Chandra Suresh Chandra
    अक्तूबर 12, 2025 AT 03:37 पूर्वाह्न

    बिल्कुल सही कहा 👌! ऐसे बकवास को रोकना जरूरी है 🙏😂

  7. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    अक्तूबर 15, 2025 AT 14:57 अपराह्न

    चलो, इस को सही दिशा में ले चलते हैं, सब मिलके खेल की भावना को बचाएंगे

  8. Dhara Kothari Dhara Kothari
    अक्तूबर 19, 2025 AT 02:17 पूर्वाह्न

    मैं भी मानता हूँ 😊, हमें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए

  9. Sourabh Jha Sourabh Jha
    अक्तूबर 22, 2025 AT 13:37 अपराह्न

    इंडिया की शान है, ऐसे साइड कमेंट्स से हमारी इज्जत घटेगी, इसको रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे

  10. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    अक्तूबर 26, 2025 AT 00:57 पूर्वाह्न

    बात यहीं खत्म

  11. sunaina sapna sunaina sapna
    अक्तूबर 29, 2025 AT 12:17 अपराह्न

    एशिया कप 2025 के इस विवाद ने खेल और राजनीति के बीच की नाजुक सीमा को फिर से उजागर किया है।
    अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत‑पाकिस्तान का मुक़ाबला हमेशा से भावनात्मक और राष्ट्रीय भावना से भरपूर रहा है।
    हालांकि, मैच के बाद पैनलिस्ट द्वारा किए गए हिंसक सुझाव खेल की आत्मा के विरुद्ध हैं।
    खेल का मूल सिद्धांत सम्मान, मैत्री और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है, जिसे ऐसे बेतुके विचारों से धूमिल नहीं किया जाना चाहिए।
    मीडिया को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उनका शब्द प्रचलित विचारों को नहीं, बल्कि सकारात्मक संवाद को बढ़ावा दे।
    उसी तरह, दर्शकों को भी अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार है, परन्तु वह जिम्मेदाराना ढंग से होना चाहिए।
    बिना सोचे‑समझे उभरे ऐसे बयान युवा वर्ग को गलत संदेश दे सकते हैं, जिससे भविष्य में सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।
    इस कारण से खेल संघों को स्पष्ट नियम बनाना चाहिए कि मीडिया प्रतिनिधियों को किस हद तक टिप्पणी करने का अधिकार है।
    जैसे ही यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई, विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने इस पर गंभीर चर्चा की।
    अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि खेल को हिंसा से जोड़ना अनैतिक है और इसे रोकने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम जरूरी हैं।
    वहीं, कई खेल विश्लेषकों ने भी इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन को शांति का पुल बनना चाहिए।
    भारत क्रिकेट बोर्ड ने तुरंत इस प्रकार के विचारों को अस्वीकार करने की घोषणा की, जो एक सकारात्मक कदम है।
    पाकिस्तान की मीडिया नियामक संस्थाओं ने भी इस बात पर प्रकाश डाला कि दुरुपयोगी भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
    अंततः, हमें यह समझना चाहिए कि शब्दों का असर केवल आवाज़ तक सीमित नहीं रहता, बल्कि सामाजिक ढाँचे को भी प्रभावित करता है।
    इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर ऐसी घटनाओं से सीख लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग करना चाहिए।

  12. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    नवंबर 1, 2025 AT 23:37 अपराह्न

    बिल्कुल कहा, जिम्मेदारी का अभाव ही अंधेरे को बुलाता है, हमें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए

  13. Dipankar Landage Dipankar Landage
    नवंबर 5, 2025 AT 10:57 पूर्वाह्न

    ये क्या हुआ भाई! पैनलिस्ट ने तो ऐसा कहा जैसे फिल्म का एंटागोनिस्ट खुद मंच पर खड़ा हो गया हो!

एक टिप्पणी लिखें