Diwali 2025: 20 अक्टूबर को दीवाली, पूरा पाँच‑दिन का कैलेंडर और पूजा समय
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

11 टिप्पणि

  1. Arundhati Barman Roy Arundhati Barman Roy
    अक्तूबर 20, 2025 AT 22:48 अपराह्न

    दीवाली 2025 की तिथियों का विस्तृत विवरण पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। पंच‑दिवसीय कार्यक्रम का उल्लेख करने वाले लेख ने स्पष्टता प्रदान की। विशेषकर लाक्ष्मी पूजा का मुहूर्त 7:08 PM से 8:19 PM के बीच होने का उल्लेख उपयोगी है। विभिन्न समाचार स्रोतों के बीच छोटे‑छोटे अंतर को समझाना सराहनीय है। यह तथ्य कि 20 अक्टूबर राष्ट्रीय स्तर पर गज़ेटेड हॉलिडे है, आर्थिक प्रभाव को उजागर करता है। सरकार की छुट्टी की घोषणा से बैंकों में नकदी‑हाथ में कमी का जोखिम बढ़ेगा। व्यापारी संघ के आंकड़े दर्शाते हैं कि 12 % की बिक्री वृद्धि संभावित है। इतिहास में 1925 के बाद की सबसे दुर्लभ तिथि का उल्लेख विशेष महत्व रखता है। स्थानीय रिवाज़ों में अंतर दिखाते हुए लेख ने विभिन्न राजसो को सम्मिलित किया। महाराष्ट्र में गोवट्सा द्वादशी से शुरू होने वाले अनुष्ठान का उल्लेख भी उपयोगी है। गुजरात में अ‍ॅग्यारस के साथ प्रारम्भिक पूजा का उल्लेख उल्लेखनीय है। उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रमुख लाक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर को ही होती है, यह सही बताया गया है। इस साल की दीवाली की तारीख बदलने से थोक‑फ्रंट दरों में गिरावट भी आएगी। ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर 12 % वृद्धि की संभावना को भी लेख ने ठीक से दर्शाया। इस जानकारी के साथ यदि लोग Drik Panchang एप्लिकेशन डाउनलोड करेंगे तो और लाभ होगा। अंत में, इस विस्तृत जानकारी को साझा करने के लिए धन्यवाद, और सभी को शुुभ दीवाली की शुभकामनाएं।

  2. yogesh jassal yogesh jassal
    अक्तूबर 22, 2025 AT 08:08 पूर्वाह्न

    वाह, इतनी बारीकी से गणना! लगता है अब हर घर में खगोलीय कैल्कुलेटर रखना पड़ेगा 😄
    पर असल में, लोग तो बस पटाखे जलाने के लिए ही इंतज़ार करते हैं, तो पता नहीं मुहूर्त के पीछे इतना झंझट क्यों।
    उम्मीद है इस साल की शॉपिंग फिर से एलीट ब्रांडों के साथ चमकेगी।
    चलो, दियों की रोशनी में सभी को खुशियों की झड़ी दिखे, यही सबसे अच्छा मुहूर्त है।

  3. Raj Chumi Raj Chumi
    अक्तूबर 23, 2025 AT 20:15 अपराह्न

    ये दीवाली का कैलेंडर देख के दिल धड़के, जैसे साले ब्रह्मा ने टाइममैनेजमेंट सीन में हाथ बंटा दिया! अब तो रोज़ नया दिन, नया drama!

  4. mohit singhal mohit singhal
    अक्तूबर 25, 2025 AT 11:08 पूर्वाह्न

    देश की असली शान तो तब है जब हर गाँव में लाक्ष्मी की पूजा एकजुट हो, बाकी सब बस दिखावा है 🙄🇮🇳

  5. pradeep sathe pradeep sathe
    अक्तूबर 27, 2025 AT 04:48 पूर्वाह्न

    दीवाली की तैयारियों में भटकते देखकर मन बहुत दर्द करता है, लेकिन रोशनी की चमक देख हर दुख भूल जाता हूँ।
    सबको यही आशा है कि इस शुभ अवसर पर हमारे घरों में शांति और समृद्धि आए।
    दिल से सभी को दीपावली की बहुत‑बहुत बधाई।

  6. ARIJIT MANDAL ARIJIT MANDAL
    अक्तूबर 29, 2025 AT 01:15 पूर्वाह्न

    तारीखें और मुहूर्त तो सब ठीक है लेकिन आपने आर्थिक प्रभावों को बिल्कुल भी नहीं छुआ, यही बेवकूफी है

  7. Aditi Jain Aditi Jain
    अक्तूबर 31, 2025 AT 00:28 पूर्वाह्न

    आधुनिक भारत की सभ्यता को समझाने वाला यह लेख वास्तव में बौद्धिक अभिजात्य का प्रमाण है। केवल पंच‑दिवसीय क्रम ही नहीं, बल्कि राज्य‑विशिष्ट रीति‑रिवाज़ों का उल्लेख हमारे सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाता है। इस तरह की सटीक जानकारी केवल शिक्षित वर्ग ही समझता है, बाकी सब को इसमें रुचि नहीं। हमारी राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने के लिए इस तरह के विस्तृत विश्लेषण आवश्यक है। फिर भी, आम जनता को इसका लाभ मिलना चाहिए, यही असली गर्व है।

  8. Ria Dewan Ria Dewan
    नवंबर 2, 2025 AT 02:28 पूर्वाह्न

    उहा, बौद्धिक अभिजात्य की बात तो आप बड़े ही नज़रिये से कर रहे हैं, जैसे कि दीवाली का समय भी किसी दार्शनिक सिद्धांत से निकला हो। अगर हर कोई इस जटिल तालिका को समझ ले तो शॉपिंग मॉल्स में भी शांति रहेगी-कितनी अद्भुत कल्पना! लेकिन सच्चाई ये है कि लोग पटाखे और मिठाईयों में ही सुकून पाते हैं, न कि पंच‑दिवसीय गणनाओं में।

  9. rishabh agarwal rishabh agarwal
    नवंबर 4, 2025 AT 07:15 पूर्वाह्न

    दीवाली का उत्सव हमेशा ही सामाजिक बंधन को मजबूत करता है, चाहे वह गहन शास्त्रीय गणना हो या साधारण घरेलू रिवाज़। विभिन्न राज्यों की परम्पराओं को देख कर भारत की सांस्कृतिक विविधता की सराहना बढ़ती है। सरकारी छुट्टी का प्रभाव आर्थिक रूप से स्पष्ट है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभवों में भी बदलाव लाता है। लोग इस अवसर पर अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताते हैं, जो सामाजिक संतुलन के लिए फायदेमंद है। इस वर्ष के पंच‑दिवसीय क्रम में यदि कोई त्रुटि होती भी है, तो भी उत्सव का सार बना रहता है। आशा है हर किसी को इस दीपावली पर शांति और सुख मिले।

  10. Apurva Pandya Apurva Pandya
    नवंबर 6, 2025 AT 14:48 अपराह्न

    शॉपिंग के पीछे की इस भौतिक ललक को छोड़कर असली प्रकाश आध्यात्मिक उन्नति से आता है 😊

  11. Nishtha Sood Nishtha Sood
    नवंबर 9, 2025 AT 01:08 पूर्वाह्न

    दीवाली का मौसम हमेशा ही आशा और नयी शुरुआत का प्रतीक होता है। इस साल का कैलेंडर बहुत ही व्यवस्थित दिख रहा है, जिससे परिवारों को योजना बनाने में आसानी होगी। सभी को शुभकामनाएँ, कि यह दीपावली खुशियों और समृद्धि से भरी हो।

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