IIT कानपुर का JEE एडवांस परीक्षा के लिए प्रयास सीमा निर्णय में बदलाव
IIT कानपुर ने JEE एडवांस के लिए तीन प्रयास सीमा निर्णय वापस लिया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने हाल ही में जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) एडवांस परीक्षा में छात्रों को तीन प्रयासों तक सीमित करने के अपने पहले के निर्णय को वापस ले लिया है। यह निर्णय पहली बार 2025 सत्र से लागू किया जाना था लेकिन संस्थान के संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) की बैठक के बाद इसे वापस लिया गया।
इन प्रयासों की सीमा कम करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर दबाव को कम करना और परीक्षा में बार-बार प्रयास करने के लिए कोचिंग सेंटरों को हतोत्साहित करना था। हालांकि, आईआईटी के अधिकारियों ने विचार के बाद निर्णय लिया कि वर्तमान नियम, जिसमें छात्रों को लगातार दो वर्षों में दो प्रयास दिए जाते हैं, जारी रहना चाहिए।
छात्रों के लिए राहतपूर्ण निर्णय
यह निर्णय उन कई छात्रों के लिए राहत के रूप में आया है, जो अपने दूसरे या तीसरे प्रयास की तैयारी कर रहे थे और नए सीमा के कारण चिंतित थे। अब उन्हें पहले की तरह ही दो बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। यह निर्णय छात्रों के तनाव को कम करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए प्रभावी कदम माना जा रहा है।
आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए JEE एडवांस परीक्षा एक अनिवार्य परीक्षा है। यह परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है और इसके रिजल्ट से ही छात्रों का विभिन्न आईआईटी और टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश तय होता है।
JEE एडवांस के महत्व की पुनः पुष्टि
इस नई नीति के तहत, छात्रों के पास मौका रहेगा कि वे अपनी तैयारी को एक बार फिर से मजबूत कर सकें और अपने सपनों की प्राप्ति के लिए पूरी तैयारी के साथ JEE एडवांस में शामिल हो सकें। यह निर्णय खासतौर पर उन छात्रों के लिए फायदेमंद होगा जो एक बार में सफलता प्राप्त नहीं कर पाए थे।
जेईई एडवांस का महत्व सिर्फ एक प्रवेश परीक्षा तक सीमित नहीं है। यह छात्रों के जीवन और करियर के लिए नई दिशाओं को खोलता है, और उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाता है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्र न केवल आईआईटी में प्रवेश पा सकते हैं, बल्कि वे देश के अन्य शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।
छात्रों के लिए यही महत्वपूर्ण है कि वे इस अवसर का सदुपयोग करें और बिना तनाव के तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें। अब जबकि प्रयास की सीमा को पूर्ववत किया जा चुका है, छात्रों को यह समझना होगा कि परीक्षा में सबसे महत्वपूर्ण उनकी तैयारी और मानसिक संतुलन है। ये गुण ही उन्हें सफलता की ओर ले जा सकते हैं।
bhargav moparthi
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
12 टिप्पणि
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नियम फिर से दो‑बार की अनुमति पर वापस आना एक समझदार कदम है। इससे छात्रों को दबाव कम होता है और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
बिल्कुल सही कहा आपने यह सीमा छात्रों को निरंतर मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। दो बार की मौका संभाल कर अधिक योजना बनानी चाहिए।
देखते रहो 😊
जैसे कि एंट्रेंस ड्रिल, टाइम मैनेजमेंट मॉड्यूल और सिमुलेटेड टेस्ट पैटर्न, दो बार की कोशिश से इन सबको इंटीग्रेट करना आसान होता है।
मैं समझता हूँ कि दो‑बार की अनुमति से कुछ लोग कमज़ोर हो जाते हैं, पर असली खेल तो तैयारी में है।
😭 इतना स्ट्रेस्स नहीं चाहिए बस एक मौका चाहिए और हम अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे 😭
इस फैसले ने कई छात्रों के दिलों में आशा की लहर दौड़ा दी है
दो बार की कोशिश का मतलब यह नहीं कि पहली बार में कमज़ोर रहें
बल्कि यह एक रणनीतिक अवसर है अपनी तैयारी को रीफ़्रेश करने का
कई बार शुरुआती बार में तकनीकी गलतियां सामने आती हैं
वही गलतियां अगले प्रयास में सुधारी जा सकती हैं
निरंतर अभ्यास और टाइम टेबल की पॉलिश से स्कोर में उल्लेखनीय सुधार दिखता है
यह भी ध्यान रखना चाहिए कि केवल दो बार नहीं बल्कि सही दिशा में मेहनत करना महत्वपूर्ण है
कोचिंग सेंटरों का दबाव वास्तव में छात्रों को अधिक तनाव देता है
अब जब सीमा वापस हुई है तो वो भी आराम से अपने प्लान को लागू कर सकते हैं
व्यक्तिगत रूप से मैं सुझाव दूँगा कि एक बूस्ट मॉड्यूल तैयार करें
जिसमें पिछली बार की कमजोरियों को टारगेट किया जाए
साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है
परीक्षा की तैयारी सिर्फ एडवांस प्रश्नपत्र नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास भी बनाता है
इसलिए इस नई नीति को उपयोगी मानें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें
अंत में याद रखिए कि सफलता की कुंजी निरंतरता और सकारात्मक सोच है
बिलकुल सहमत हूँ आपका विचार बहुत समझदारी से लिखा है, थोड़ा और प्लान डालें तो बेहतरीन रहेगा।
हम्म, ये बदलाव शायद सिर्फ प्रबंधन का दिखावा है, असली मदद तो नहीं मिली। 😒
🙁 बहुत सारा दिखावा है इस फैसले में, असली कठिनाई तो अभी बाकी है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल के आँकड़े दिखाते हैं कि दो‑बार की अनुमति से औसत स्कोर में 5% तक बढ़ोतरी हुई है।
तो फिर अब सबको अपनी तैयारी में धूम मचानी चाहिए, और देर मत करो!