फेडरल रिजर्व का साहसिक कदम: ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती
bhargav moparthi
bhargav moparthi

मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

12 टिप्पणि

  1. Suresh Chandra Suresh Chandra
    नवंबर 8, 2024 AT 13:21 अपराह्न

    फेड की नई दर कटाव से लोन लेना अब सस्ता हो गया 😃। छोटे व्यापारियों को तुरंत राहत मिलने की उम्मीद है 🙌। लेकिन सावधानी भी जरूरी, क्योंकि लगातार कटाव से भविष्य में‑inflation‑की‑समस्या बढ़ सकती है।

  2. Digital Raju Yadav Digital Raju Yadav
    नवंबर 12, 2024 AT 00:41 पूर्वाह्न

    कटाव का मतलब है कि खुदरा खर्च में बूस्ट आएगा, इससे GDP बढ़ेगा। फेड ने सही दिशा चुनी, अब देखना पड़ेगा असर।

  3. Dhara Kothari Dhara Kothari
    नवंबर 15, 2024 AT 12:01 अपराह्न

    बैंकिंग सिस्टम में भरोसा फिर से बनना चाहिए, लोगों की जेबें हल्की हों तो मन भी हल्का रहेगा 😊। दर घटाने से बेरोज़गारी को रोकना संभव है, यही फेड की असली जीत है।

  4. Sourabh Jha Sourabh Jha
    नवंबर 18, 2024 AT 23:21 अपराह्न

    हमारे देश में डॉलर की बढ़ती कीमतों से जनता बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। फेड का ये कदम भारत के लिए भी बुरा असर देगा, क्योंकि हमारे आयात महंगे हो जाएंगे।

  5. Vikramjeet Singh Vikramjeet Singh
    नवंबर 22, 2024 AT 10:41 पूर्वाह्न

    सही कहा, अब घर का ख़रचा थोड़ा कम होगा और लोग थोड़ा ज्यादा खर्च करेंगे। यह एक अच्छा संकेत है।

  6. sunaina sapna sunaina sapna
    नवंबर 25, 2024 AT 22:01 अपराह्न

    डॉलर की कीमतें और फेड की नीति दो अलग‑अलग चीज़ें हैं। भारत में मौद्रिक नीति RBI के हाथ में है, इसलिए फेड की दर कटाव का सीधा असर कम ही रहेगा। हालांकि, वैश्विक ब्याज दरों में बदलाव से पूंजी प्रवाह प्रभावित हो सकता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

  7. Ritesh Mehta Ritesh Mehta
    नवंबर 29, 2024 AT 09:21 पूर्वाह्न

    उधार लेने वालों को जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए।

  8. Dipankar Landage Dipankar Landage
    दिसंबर 2, 2024 AT 20:41 अपराह्न

    फेड की 25 बेसिस पॉइंट कटाव ने वित्तीय बाजारों में तड़का लगा दिया।
    इस कदम से निवेशकों को आशा मिली कि आर्थिक मंदी की गति धीमी होगी।
    ब्याज दर घटाने से स्टॉक मार्केट में तरलता बढ़ी और शेयरों की कीमतें ऊपर गईं।
    साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर को भी इस राहत से नया जीवन मिला।
    बैंकिंग संस्थानों ने ऋण देने की शर्तों को आसान किया, जिससे छोटे उद्यमियों को लाभ हुआ।
    उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी देखी गई, क्योंकि उधारी का खर्च कम हो गया।
    कर्मचारीयों ने अपनी आय में संभावित बढ़ोतरी को महसूस किया, जिससे मनोबल ऊँचा रहा।
    परंतु, इस कटाव से डॉलर की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव भी आया, जो निर्यातकों को प्रभावित कर सकता है।
    अधिक ऋण लेने की प्रवृत्ति अगर नियंत्रण में नहीं रखी गई तो भविष्य में ऋण बबले की आशंका बढ़ेगी।
    अभी के आंकड़े बताते हैं कि कोर इन्फ्लेशन अभी भी 3% के ऊपर है, जो एक चेतावनी है।
    फेड को अब सावधानी से आगे बढ़ना होगा, क्योंकि अधिक कटाव से महंगाई फिर से उछाल ले सकती है।
    वित्तीय नीति बनाते समय आर्थिक संकेतकों का संतुलन रखना अनिवार्य है।
    उच्च बंधक दरों की तुलना में यह कदम उपभोक्ताओं को राहत देता है।
    लेकिन, उच्च ऋण स्तर को स्थिर रखने के लिए नियामक निगरानी जरूरी है।
    सही नीति का चयन आर्थिक स्थिरता और विकास दोनों को सुनिश्चित करेगा।
    आखिरकार, फेड का यह साहसिक कदम अगर सही दिशा में जारी रहा तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को नई सैर दिला सकता है।

  9. Vijay sahani Vijay sahani
    दिसंबर 6, 2024 AT 08:01 पूर्वाह्न

    ड्रामा तो बहुत हुआ, पर असली असर तो बाजार की हलचल में है। निवेशक अब थोड़ी सी राहत महसूस कर रहे हैं, पर सतर्क रहना अभी भी ज़रूरी है।

  10. Pankaj Raut Pankaj Raut
    दिसंबर 9, 2024 AT 19:21 अपराह्न

    कटाव से खुदरा सेक्टर को बूस्ट मिलता है, पर साथ ही रियल एस्टेट में भी नई ऊर्जा आनी चाहिए। फेड की नीति को देखते हुए, हम आगे के ट्रेंड को देखना चाहेंगे।

  11. Rajesh Winter Rajesh Winter
    दिसंबर 13, 2024 AT 06:41 पूर्वाह्न

    पहले वाले पॉइंट को बढ़िया बताया, अब देखना पड़ेगा कि दर कटाव के बाद लोन की अप्लिकेशन कैसे बदलती है। छोटा‑बड़ा असर दोनों ही होंगे, इसलिए निगरानी ज़रूरी है।

  12. Archana Sharma Archana Sharma
    दिसंबर 16, 2024 AT 18:01 अपराह्न

    फेड का फैसला साइड-इफ़ेक्ट दे सकता है, लेकिन हमारे लिए मैक्रो इकोनॉमी में कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है :)।

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