क्या आपके इलाके में जलभराव का खतरा है? पानी अचानक घर या सड़कों पर आ जाए तो घबराना आसान है, पर कुछ साधारण कदम आपका और परिवार का सुरक्षित रख सकते हैं। यहाँ सीधे और काम के तरीके दिए हैं जो आप अभी अपनाकर नुकसान कम कर सकते हैं।
सबसे पहले अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा पर ध्यान दें। तेज बहते पानी में चलना या वाहन चलाना खतरनाक है—मोटर चालकों और पैदल चलने वालों को रुकना चाहिए। अगर पानी तेज बह रहा है तो उच्च स्थान की ओर चले जाएँ।
बिजली सबसे बड़ा जोखिम होती है। घर में पानी आने पर मुख्य सप्लाई (मेन स्विच) बंद कर दें, पर जब तक आप सुरक्षित ऊँचे स्थान पर हों। अगर पानी विद्युत मीटर या बोर्ड तक पहुँच चुका है तो बिजली बंद कराना प्राथमिकता बनाएं।
जरूरी दवाइयाँ, कागजात (पहचान-पत्र, बैंक कागजात), मोबाइल चार्जर और पर्स रखें। इन्हें वाटरप्रूफ बैग में रखें या ऊँची शेल्फ पर रख दें। बच्चों और बुजुर्गों को साथ रखें और डॉक्टर की सलाह वाली दवाइयाँ अलग रखें।
गंदा पानी पीने और खाना बनने के लिए सुरक्षित नहीं होता। बोतलबंद पानी या उबला हुआ पानी रखें। बिजली बंद होने पर भी खाने-पीने की चीजें कम नुकसान वाली रखें—खाने को कवर करें और गीली चीजें फेंक दें।
जलभराव से पहले नाली और ड्रेनेज साफ रखें। कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक और पत्तियाँ नालियों में अटककर पानी रोकते हैं। मोहल्ले में मिलकर साफ-सफाई कराना सबसे असरदार उपाय है।
घर की निचली मंजिल पर कीमती सामान ऊँचे स्थान पर रखें। यदि संभव हो तो इलेक्ट्रिकल प्वाइंट्स ऊँचे करें और उपकरणों को पानी से बचाएँ। छोटे छेद-राह के रास्ते बंद करें ताकि कीचड़ और पानी अंदर कम आए।
सैंडबैग या मिट्टी की बैरीकेड लगाना छोटे-स्थानीय स्तर पर मदद कर सकता है। वाहन को ऊँचे और सुरक्षित स्थान पर पार्क करें। इंश्योरेंस और जरूरी हेल्पलाइन नंबर पहले से नोट कर लें—लोकल म्युनिसिपलिटी और 112 जैसी आपात सेवाएँ काम आती हैं।
जलभराव के बाद भी सावधान रहें: जगह सूखने पर भी जाँच ज़रूरी है। बिजली उपकरणों को किसी योग्य इलेक्ट्रिशियन से ही चालू कराएँ। खाने-पीने, कपड़े और बिस्तर जो पूरी तरह भीग गए हों, उन्हें अच्छी तरह धोकर सूखा कर रखें या फेंक दें। मकानों की दीवारें और फर्श को कीटाणु मुक्त करने के लिए क्लोरीन या घरेलू क्लीनर का इस्तेमाल करें।
डर या चिंता महसूस हो तो पड़ोसियों और स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क में रहें। नुकसान की फोटो और कागजात संभाल लें—ये बाद में मदद और बीमा दावे के काम आएंगे।
जलभराव से निपटना मुश्किल लेकिन सम्भव है। थोड़ी तैयारी और हम-आवाज़ी से आप अपनी सुरक्षा बढ़ा सकते हैं और नुकसान कम कर सकते हैं। जरूरत पड़ी तो स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवा 112 से मदद लें।
मुंबई में भारी बारिश से जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बीएमसी ने छह घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की है। बारिश से ट्रेन सेवाएँ बाधित हुई और कई बसों के मार्ग बदलने पड़े। मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया है।