
भारत-UK FTA: टैरिफ घटने से व्यापार और संबंध दोनों मजबूत होंगे
भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या है और इसका असर क्या होगा?
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने आखिरकार तीन साल की मैराथन बातचीत के बाद 6 मई 2025 को ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर मुहर लगा दी। भारत और UK के इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आ गया है। अब 90 प्रतिशत से ज्यादा सामान पर टैरिफ हट चुका है और 99 प्रतिशत भारतीय एक्सपोर्ट UK में बिना किसी ड्यूटी के सीधे पहुंच पाएंगे। इस फैसले से हर तरह के प्रॉडक्ट्स—चाहे इलेक्ट्रॉनिक्स हों, कपड़े हों या दूसरी इंडस्ट्रियल आइटम्स—की कीमत और पहुंच दोनों ही बेहतर होंगी।
सबसे ज्यादा चर्चा उन प्रॉडक्ट्स की हो रही है जिनकी मांग दोनों देशों में बहुत है, जैसे जिन, व्हिस्की और ऑटोमोबाइल। अब इन प्रीमियम प्रोडक्ट्स की कीमत भारतीय बाजार में कम आंकी जाएगी, जिससे आम ग्राहक के लिए ये चीजें किफायती हो सकेंगी। वहीं, भारत के लिए UK की मार्केट खोलने वाले प्रावधान से खासकर IT, फार्मा और टेक्सटाइल सेक्टर का सीधा फायदा होगा।

प्रोफेशनल्स और निवेश के लिए नए रास्ते
इस FTA की सबसे खास बात यह है कि इसमें सिर्फ सामानों की ही बात नहीं हुई, बल्कि पेशेवरों के लिए भी नई राह बनी है। 'डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट' के तहत अब जो भारतीय प्रोफेशनल UK में अस्थाई तौर पर काम करने जाएंगे, उन्हें तीन साल तक वहां की सोशल सिक्योरिटी में कोई अतिरिक्त योगदान देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे भारतीय कंपनियों के टैलेंट को बाहर भेजना सस्ता और आसान होगा।
यह कदम भारत के युवा प्रोफेशनल्स के लिए गेम चेंजर है। अभी तक UK जाने पर दो देशों में सोशल सिक्योरिटी देना पड़ता था, जो महंगा था। अब यह बोझ हट गया है, साथ ही UK की पॉइंट-बेस्ड इमिग्रेशन पॉलिसी में भी भारत के लिए कुछ खास रियायत दी गई हैं। इससे दोनों देशों के बीच वर्कफोर्स एक्सचेंज बढ़ेगा और नए व्यापार के मौके बनेंगे।
- 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार $21.34 अरब पहुंच गया।
- इस FTA का मकसद है अगले कुछ साल में द्विपक्षीय व्यापार £25.5 अरब सालाना तक ले जाना।
- भारत को ट्रेड सरप्लस फायदा मिल रहा है—यानि भारत UK को ज्यादा एक्सपोर्ट करता है, कम्पेर टू इंपोर्ट्स।
सरकारी उम्मीद है कि इस एग्रीमेंट से भारतीय उपभोक्ताओं को कई चीजें सस्ती मिलेंगी, वहीं UK की कंपनियों को भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार में सीधा रास्ता मिलेगा। इससे टेक्नोलॉजी, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन के नए रास्ते भी खुलने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत-UK संबंधों के लिए 'ऐतिहासिक माइलस्टोन' कहा, जो सिर्फ व्यापार ही नहीं, साझेदारी की नई मिसाल है।

Veeran Khatri
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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