भारत-मालदीव संबंधों में सुधार की दिशा में मोदी और मुइज्जु की मुलाकात
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

6 टिप्पणि

  1. Pankaj Raut Pankaj Raut
    अक्तूबर 8, 2024 AT 02:13 पूर्वाह्न

    भाईयों, मोदी और मुइज्जु की मुलाकात से भारत- मालदीव रिश्ते में नई ब्रीद आएगी। हमने देखना है कि इंटर्नल पेमेंट्स कैसे एन्हांस हो रहे हैं। अगर सही दिशा में जाया तो दोनों देश को सिक्योरिटी लाब मिलेंगे।

  2. Rajesh Winter Rajesh Winter
    अक्तूबर 8, 2024 AT 22:40 अपराह्न

    कुल मिलाके अक्का, ये मीटिंग दोनों देशों के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल है

  3. Archana Sharma Archana Sharma
    अक्तूबर 9, 2024 AT 20:53 अपराह्न

    यह मुलाकात वास्तव में दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक माइलस्टोन है।
    मोदी जी और राष्ट्रपति मुइज्जु ने सामरिक सहयोग के नए आयाम खोलने की बात रखी है।
    समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका को मालदीव ने सराहा है और इस पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट एग्रीमेंट किए हैं।
    ‘पड़ोसी पहले’ नीति इस समय में बहुत प्रासंगिक साबित होगी, क्योंकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर एक-दूसरे का प्रभाव बहुत है।
    भोज में उपस्थित अन्य दक्षिण एशियाई नेताओं ने भी इस पहल को सराहा है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग का माहौल बनता है।
    हम उम्मीद करते हैं कि यह सत्र आगे चलकर आर्थिक सहयोग की नई पहलें लेकर आएगा।
    इंडिया‑आउट जैसी नीतियों को अब पुनः समीक्षा की जरूरत है, और इस मुलाकात से वही संकेत मिलता है।
    समुद्री मार्गों पर सुरक्षा बनाए रखने के लिए संयुक्त जलस्तरीय ड्रिल्स की संभावना भी खुली है।
    अब दोनों देश मिलकर टूरिज्म को प्रोमोट कर सकते हैं, जिससे स्थानीय रोजगार बढ़ेगा।
    साथ ही जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी एकजुट आवाज़ उठाना आवश्यक है, और इस संदर्भ में मालदीव की भूमिका अपरिहार्य है।
    भारत की ‘सागर’ नीति को समर्थन मिल रहा है, जिससे क्षेत्र में स्थिरता आएगी।
    भविष्य में सिक्योरिटी एग्रीमेंट्स को अपडेट करने की प्रॉसेस तेज़ होगी।
    डिप्लोमैटिक टक्स के तहत व्यापारिक बाधाओं को भी कम किया जाएगा।
    इन सभी कदमों से दोनों जनसंख्या के मानवीय संबंध और मजबूत होंगे।
    और अंत में, यह मुलाकात एक सकारात्मक दिशा में कदम है जो हमारे साझा भविष्य को उज्जवल बनाता है 😊.

  4. Vasumathi S Vasumathi S
    अक्तूबर 10, 2024 AT 19:06 अपराह्न

    संबोधित किए गए बिंदुओं में से कुछ विशेष रूप से रणनीतिक महत्व के हैं, जैसे संयुक्त जलस्तरीय अभ्यास और जलवायु सहयोग। इन पहलुओं के कार्यान्वयन हेतु एक विस्तृत कार्यदृश्य तैयार करना आवश्यक होगा। साथ ही आर्थिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौतों की पुनः समीक्षा आवश्यक दिखती है। इससे न केवल निवेश प्रवाह में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता भी सुनिश्चित होगी। कुल मिलाकर, यह मुलाकात दोनो देशों के दीर्घकालिक हितों के अनुरूप प्रतीत होती है।

  5. Anant Pratap Singh Chauhan Anant Pratap Singh Chauhan
    अक्तूबर 11, 2024 AT 17:20 अपराह्न

    इसे देखते हुए, दोनों पक्षों को सहयोग बढ़ाना चाहिए।

  6. Shailesh Jha Shailesh Jha
    अक्तूबर 12, 2024 AT 15:33 अपराह्न

    बिल्कुल, सहयोग को सिर्फ़ शब्दों में नहीं, बल्कि ठोस KPI‑ड्रिवेन प्रोजेक्ट्स में बदलना होगा। वर्तमान में जो इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉटलनेक है, वह जल्दी से हटाना पड़ेगा, नहीं तो दोनों देशों की एम्बेडेड रिस्क बढ़ेगी। रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो को एन्हांस करना, मरीन सिक्योरिटी फ्रेमवर्क को ऑटोमैटाइज करना और ट्रेड फसिलिटेशन को डिजिटलाइज़ करना प्राथमिकता होनी चाहिए। इस प्रकार का एजी‑ड्रिवेन अप्रोच ही वास्तविक प्रगति लाएगा। अगर नीतियों में डेडलाइन सेट नहीं की गई तो किसी भी पहल की वैधता पर सवाल उठेगा। इसलिए, दोनों सरकारों को एकेडमिक थिंक‑टैंक और प्राइवेट सेक्टर के साथ इंटीग्रेटेड एंटिटी बनाकर पायलट प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने चाहिए।

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