प्रधानमंत्री मोदी के महात्मा गांधी पर बयानों पर पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
प्रधानमंत्री मोदी के गांधी पर बयान पर विवाद
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता लुइट कुमार बर्मन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर हतिगांव पुलिस स्टेशन, गुवाहाटी में शिकायत दर्ज करवाई है। बर्मन ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री द्वारा महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी अत्यधिक अपमानजनक है और इससे देशवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि महात्मा गांधी के बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं थी जब तक कि फिल्म 'गांधी' नहीं बनी। इस बयान का अर्थ यह था कि भारत ने गांधी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने में असफलता पाई है।
लुइट कुमार बर्मन, जिन्होंने 2021 में असमिया फिल्म 'बूम्बा राइड' बनाई थी और जिसे राजत कमल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, का मानना है कि गांधी को दुनिया से परिचित कराने के लिए किसी फिल्म की आवश्यकता नहीं है। बर्मन ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को महात्मा गांधी और भारतीय जनता का अपमान बताया है। उन्होंने पुलिस को दिए गए अपने बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी करके गांधी की महानता को कमतर साबित करने की कोशिश की है।
शिकायत की जांच में जुटी पुलिस
हतिगांव पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने पुष्टि की है कि बर्मन की शिकायत पर प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हर पहलू की जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बर्मन अपनी शिकायत में यह भी बताएंगे कि महात्मा गांधी का योगदान भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय और अति उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि गांधी का नाम और काम दुनिया भर में प्रसिद्ध है और प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उनकी विरासत को ठेस पहुंचाने वाला है।
मीडिया और राजनीतिक जगत में हलचल
यह मामला मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री के इस बयान की कड़ी निंदा की है और इसे न केवल महात्मा गांधी बल्कि देश की जनता का अपमान बताया है।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है। गांधी के समर्थक और प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक इस बयान को लेकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने सिर्फ एक फिल्म के प्रभाव को इंगित किया था और इसे गलत संदर्भ में लिया जा रहा है।
महात्मा गांधी की विरासत
महात्मा गांधी, जिन्हें 'राष्ट्रपिता' का औपचारिक खिताब मिला है, ने अहिंसा के सिद्धांत पर चलकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनका जीवन और संदेश आज भी देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
गांधी के आचरण और उनके द्वारा अपनाए गए सत्याग्रह और अहिंसात्मक प्रतिरोध के तरीकों ने न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी, बल्कि विश्व भर में अन्य स्वतंत्रता आंदोलनों को भी प्रेरित किया। उनकी जीवनी और विचारधारा पर आधारित कई लेख, पुस्तकें और फिल्में बनी हैं, जो उनकी मानवीयता और सार्वभौमिकता को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान इस संदर्भ में आया है जब उनके नेतृत्व में भारत सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से महात्मा गांधी के सिद्धांतों और विचारधारा को आगे बढ़ाने का दावा कर रही है। ऐसे में यह बयान निश्चित रूप से विवादस्पद बन गया है और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बन गया है।
अन्य विवादित टिप्पणियाँ
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयानों से विवाद उत्पन्न किया हो। इससे पहले भी कई बार उनके विवादित बयानों ने राजनीतिक जगत में हलचल मचाई है। उनकी कुछ टिप्पणियाँ न केवल विरोधियों बल्कि उनके समर्थकों में भी बहस का मुद्दा बनी हैं।
चुनावी रैलियों के दौरान दिए गए उनके भाषणों में भी कई बार वे ऐसे मुद्दों पर बोल चुके हैं जिन्हें लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, प्रधानमंत्री के समर्थक इन बयानों को उनके सटीक और स्पष्टवादी दृष्टिकोण के रूप में देखते हैं, जो उनके नेतृत्व की विशेषता मानी जाती है।
आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या प्रधानमंत्री मोदी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे। साथ ही, यह घटना गांधीजी की विरासत को लेकर जनता के बीच एक नई बहस छेड़ सकती है और उनके योगदान की परकाष्ठा पर प्रकाश डाल सकती है।
Veeran Khatri
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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