सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम अभिनेता सिद्दीक की गिरफ्तारी पूर्व जमानत बढ़ाई, शिकायत में देरी पर उठाए सवाल
मलयालम अभिनेता सिद्दीक के जमानत का विस्तार
मलयालम फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता सिद्दीक एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उनके खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोपों में गिरफ्तारी पूर्व जमानत का समय दो सप्ताह बढ़ा दिया है। यह मामला उस वक्त मीडिया की सुर्खियों में आया जब एक अभिनेत्री ने आरोप लगाया कि अभिनेता ने 2016 में एक होटल कमरे में उनके साथ बलात्कार किया और इसके पहले एक थियेटर में उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने शिकायत दर्ज करने में हुई देरी पर सवाल उठाते हुए कहा, "शिकायत 8 साल बाद क्यों दर्ज की गई?" इस पर राज्य केरल के वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने समझाया कि शिकायतकर्ता ने पूर्व में इस घटना के बारे में फेसबुक पर जिक्र किया था, लेकिन आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट करने में उन्हें समय लगा ताकि वे इस तरह की गंभीर वारदात की शिकायत कर सकें।
अभिनेता सिद्धीक का रुख
इस मामले में अभिनेता सिद्दीक ने सभी आरोपों को खारिज किया है और दावा किया है कि उनके खिलाफ शिकायतकर्ता ने 2019 से झूठे आरोपों का एक लंबा अभियान शुरू कर दिया था, जिससे उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। मामले की जांच के दौरान और न्यायालय में बचाव के लिए अभिनेता ने खुद को मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया।
यह मामला खासकर इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसके बाद मलयालम फिल्म उद्योग की कार्यशैली और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच करने वाले हेमा कमेटी रिपोर्ट का भी बड़ा असर पड़ा। इसमें फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ व्यापक और निरंतर यौन उत्पीड़न के मामले उजागर हुए और कई प्रमुख फिल्म व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
मामले की सामाजिक और कानूनी महत्व
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर चल रही बहस का हिस्सा है। ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायतकर्ता ने निरंतर सामाजिक दबाव और कानूनी पेचीदगियों के कारण एक लंबा समय लिया ताकि वह इस घटना की आधिकारिक शिकायत दर्ज करा सकें।
फिल्म उद्योग में पावर डायनेमिक्स और महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य परिवेश के मुद्दे भी इस मामले के केंद्र में हैं। अनेक महिला कलाकारों ने कहना शुरू किया है कि पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनकी शिकायतें अक्सर अनदेखी कर दी जाती हैं।
सरल शब्दों में, यह मामला एक बड़े सामाजिक और नैतिक प्रश्न को जन्म देता है कि हमारा समाज यौन उत्पीड़न और शोषण के मामलों को कैसे देखता है और पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
Veeran Khatri
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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