दिमाग खाने वाला अमीबा (Naegleria fowleri) — क्या जानें?

नाम सुनकर डर लगता है, पर जानकारी होना ज़रूरी है। यह अमीबा गर्म मीठे पानी में मिलता है — तालाब, गर्म झरने, नहरें और कभी-कभी घरेलू पानी की टंकी में भी। यह तब खतरनाक बनता है जब पानी नाक के रास्ते मस्तिष्क तक पहुँचता है। संक्रमण दुर्लभ है, पर तेज़ी से बढ़ता है और समय पर इलाज न मिले तो गंभीर हो सकता है।

पहचान और लक्षण

संक्रमण के लक्षण आम सर्दी-जुकाम जैसी शुरुआत कर सकते हैं: तेज सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाना और उल्टी। कुछ दिनों में गले में जकड़न, भ्रम, स्मरण शक्‍ति में कमी, दौरे और कोमा तक हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर नाक से एक्सपोजर के 1–9 दिनों में दिखाई देते हैं। अगर नहाने या तैरने के बाद तेज सिरदर्द और उल्टी हो तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएँ।

ध्यान रखें: यह बीमारी बहुत तेज़ी से बढ़ती है। देर करना खतरनाक होता है। डॉक्टर संक्रमण की पुष्टि के लिए सीएसएफ (स्पाइनल टैप) और माइक्रोस्कोपी/मॉलिक्युलर टेस्ट कर सकते हैं।

रोकथाम: झटपट और आसान कदम

रोकथाम सरल है और रोजमर्रा की आदतों से की जा सकती है। गर्म खुले पानी में तैरते वक्त नाक में पानी जाने से रोकें — नोज क्लिप पहनें या नाक बाँधें। तालाब, नहर और गर्म झरने में टहलते या तैरते समय विशेष सावधानी रखें। बच्चों को गहरे पानी में उछलने-डुबकी से रोकें।

घरेलू पानी में भी सावधानी बरतें: नाक से पानी डालने वाली प्रक्रियाएँ (Neti pot या नेसल इरिगेशन) केवल उबालकर ठंडा किया गया या उचित क्लोरीनेशन वाला पानी ही इस्तेमाल करें। कूलर और टंकी के पानी को नियमित साफ़ करें और मानक क्लोरीन स्तर बनाए रखें।

क्या पीने से खतरा है? नहीं। साधारण रूप से अमीबा पीने से नहीं पहुँचता; समस्या तब आती है जब पानी नाक से सीधे अंदर जाता है। इसलिए न पीने के लिए पानी पर बहुत अधिक चिंता न करें, पर नाक की साफ-सफाई में सावधानी ज़रूर रखें।

अगर संदेह हो तो क्या करें? तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाएँ और एक्सपर्ट से मिलें। प्रारम्भिक इलाज में एंटी-ऐमिबिक दवाएँ दी जा सकती हैं; कुछ मामलों में इंटेंसिव केयर और न्यूरोलॉजिकल सपोर्ट की ज़रूरत होती है। जितनी जल्दी पहचान होगी, इलाज उतना ही असरदार हो सकता है।

मिथक और वास्तविकता: यह संक्रमण बहुत ही दुर्लभ है पर अंतिम स्थिति गंभीर रहती है। रोजमर्रा की सामान्य पानी वाली गतिविधियाँ ज्यादातर सुरक्षित हैं बशर्ते नाक में पानी जाने से बचें। सार्वजनिक जागरूकता और पानी की सही सफाई से जोखिम और कम किया जा सकता है।

अगर आपको कोई संदिग्ध लक्षण दिखे या हाल ही में गर्म ताजे पानी में तैराकी की हो, तो देर न करें — डॉक्टर से तुरन्त मिलें। जानकारी और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

दिमाग खाने वाले अमीबा मानव शरीर में कैसे प्रवेश करता है? 5 जुलाई 2024

दिमाग खाने वाले अमीबा मानव शरीर में कैसे प्रवेश करता है?

Naegleria fowleri या 'दिमाग खाने वाला अमीबा' एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण का कारण बनता है। यह अमीबा आमतौर पर नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है जब संक्रमित पानी जोर से सूंघा या इनहेल किया जाता है। इसके बाद यह अमीबा मस्तिष्क तक पहुँच जाता है और गंभीर संक्रामकता पैदा करता है।

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