व्रत रखना आध्यात्मिक और पारंपरिक कारणों से होता है, पर सही तरीके और नियमों का पता होना जरूरी है। आप नवरात्रि, एकादशी, कार्तिक या किसी व्यक्तिगत व्रत पर हों — कुछ बुनियादी नियम हर व्रत पर लागू होते हैं। यह लेख सरल भाषा में बताएगा कि व्रत से पहले क्या करें, दिनभर क्या ध्यान रखें और व्रत कैसे सुरक्षित ढंग से तोड़ें।
सबसे पहले अपने स्वास्थ्य की जांच कर लें। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, गर्भावस्था या गर्भनिरोधक दवाओं पर हों तो डॉक्टर से सलाह लें। व्रत का संकल्प (सankalp) सुबह उठकर करें, साफ कपड़े पहनें और मां/देवी/ईष्टदेव की विधि से पूजा कर लें। अगर फल-हर (फलों और सूखे मेवों) वाला व्रत है तो पहले से घर में सब कुछ तैयार रखें — पानी, ताजा फल, सूखे मेवे, और हल्का खाना जैसे दही या खिचड़ी।
व्रत का समय और तिथि धार्मिक पंचांग पर निर्भर करती है। कुछ व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक होते हैं, कुछ तिथि विशेष के अनुसार हैं। तिथि की शुद्धता के लिए अपने स्थानीय पंचांग या मंदिर से पुष्टि कर लें।
व्रत के दिन धीरे-धीरे और शांत मन से काम करें। भारी शारीरिक मेहनत टालें। पानी की पर्याप्त मात्रा लें, खासकर गर्म मौसम में — निर्जलीकरण से चक्कर या कमजोरी हो सकती है। यदि आप पूरी तरह उपवास रखते हैं (निराहार), तो सुबह और शाम हल्का पानी-पानी वाला सेवन करने पर विचार करें यदि स्वास्थ्य नकारात्मक प्रभाव दे।
भोजन की बात करें तो कई व्रतों में आमतौर पर फलों, दूध, दही, साबूदाना या कुछ विशेष अनाज ही माने जाते हैं। साबुत अनाज लेने से पहले पूजा-पाठ का नियम देखें। अगर फल-हर व्रत हैं तो सूखे मेवे और केला-संतरा जैसे फल रखें — ये ऊर्जा देते हैं और हल्के रहते हैं।
व्रत तोड़ते समय जल्दबाजी न करें। पहले एक गिलास पानी या कुछ फल लें, 15-30 मिनट बाद हल्का खिचड़ी या दलिया लें। भारी तला-भुना और मसालेदार खाना तुरंत न खाएँ — इससे पेट में परेशानी हो सकती है।
कौन व्रत न रखे? गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ, लंबे समय से डायबिटीज या रक्तचाप के मरीज, और हाल ही में ऑपरेशन कराए लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना व्रत नहीं रखना चाहिए। बच्चों और बुढ़ापे में भी पूरा उपवास सुरक्षित नहीं होता।
अंत में, व्रत का मुख्य उद्देश्य मन को शांत रखना और आत्म-संयम सीखना होता है। नियमों का पालन करते हुए अगर स्वास्थ्य पर असर दिखे तो तुरंत व्रत तोड़ लें और आवश्यक मदद लें। छोटे-छोटे तैयारियों और समझदारी से व्रत धर्म और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद बने रहते हैं।
टिप्स: व्रत से एक दिन पहले हल्का भोजन लें, पानी खूब पीएँ, दवा की खुराक डॉक्टर से मिलाकर रखें और पूजा के दौरान शांति बनाए रखें। ये छोटे कदम व्रत को सहज और सुरक्षित बनाते हैं।
देवशयनी एकादशी 2024 में 17 जुलाई को मनाई जाएगी। यह एकादशी वह दिन है जब भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं और चार महीने तक शुभ कार्य जैसे विवाह और नए उपक्रम अवरुद्ध रहते हैं। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। व्रत का पारण 18 जुलाई को सुबह 5:34 से 8:19 बजे के बीच होगा।