ट्रम्प ने 'गवर्नमेंट एफिशिएंसी विभाग' के लिए एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को किया नियुक्त
bhargav moparthi
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मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।

7 टिप्पणि

  1. Mahima Rathi Mahima Rathi
    नवंबर 13, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    कोई बात नहीं, बस एक और अजीब उपक्रम 😂

  2. Jinky Gadores Jinky Gadores
    नवंबर 22, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    ट्रम्प का नया प्रोजेक्ट बिल्कुल बेतुका लग रहा है
    जैसे कोई साइ‑फाई फिल्म की कहानी हो
    सरकार की कार्यक्षमता में सुधार की बात सुनकर दिल बहल जाता है
    पर सच में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को भरोसा कैसे दिलाएगा

  3. Vishal Raj Vishal Raj
    दिसंबर 1, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    डोनाल्ड ट्रम्प ने जिन शब्दों में यह विभाग कहा वह वास्तव में अद्भुत है। पर वास्तविकता में इस तरह का प्रयोग कई ब्यूरोक्रेटिक अड़चनों को नहीं तोड़ पाता। सरकारी कार्यों की दक्षता के लिए पहले मौजूदा प्रक्रियाओं का विश्लेषण आवश्यक है।

  4. Kailash Sharma Kailash Sharma
    दिसंबर 10, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    ये सोच ही नहीं समझती कि इतनी बड़ी सरकार को कैसे संभालेंगे! मस्क और रामास्वामी जैसे दिग्गज भी इस अराजकता में फँस जाएंगे!

  5. Shweta Khandelwal Shweta Khandelwal
    दिसंबर 19, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    क्या ट्रम्प असल में अपनी गुप्त एजेंडा छुपा रहा है, वो भी एलियन टेक्नोलॉजी के साथ? सच्ची बात तो ये है कि ये सब फेक न्यूज़ से भी ज्यादा धमाकेदार है।

  6. sanam massey sanam massey
    दिसंबर 28, 2024 AT 09:31 पूर्वाह्न

    सरकारी सुधार की बात सुनकर मन में कई सवाल उठते हैं
    पहले यह समझना जरूरी है कि दक्षता का वास्तविक अर्थ क्या है
    कभी-कभी प्रक्रिया को सरल बनाना सिर्फ शब्दों की खेप नहीं रहता
    यह एक गहरी संरचनात्मक पुनर्संचालन की मांग करता है
    एलन मस्क और विवेक रामास्वामी जैसी शख्सियतें तकनीकी नवाचार में माहिर हैं
    पर उनका व्यावसायिक परिप्रेक्ष्य सार्वजनिक प्रशासन में अनोखा हो सकता है
    इतनी बड़ी संस्था में परिवर्तन लाने के लिए राजनीतिक सहमति भी आवश्यक है
    ट्रम्प का दृष्टिकोण अक्सर व्यक्तिपरक और तेज़ी से निर्णय लेने वाला रहता है
    ऐसे में अगर वह कांग्रेस और राज्य सरकारों के साथ तालमेल रखे तो योजना सफल हो सकती है
    वहीं यदि वैधानिक बाधाओं को नजरअंदाज़ कर कार्य किया गया तो उलटे परिणाम सामने आ सकते हैं
    विवेक रामास्वामी का दार्शनिक दृष्टिकोण प्रशासनिक जटिलताओं को कुतूहल से देखता है
    क्या यह उनके दार्शनिक विचारों के साथ संगत है या तकनीकी पहलू को समझाने में बाधा बनेंगे
    घर-घर में सरकारी सेवाओं की पहुँच को बेहतर बनाना एक सार्वभौमिक लक्ष्य है
    यदि नई विभागीय संरचना इस लक्ष्य की ओर अग्रसर हो तो यह एक सकारात्मक कदम है
    अन्यथा यह केवल एक दिखावटी योजना रह सकती है जो वास्तविक सुधार से दूर रहती है।

  7. jinsa jose jinsa jose
    जनवरी 6, 2025 AT 09:31 पूर्वाह्न

    ऐसे बड़े निर्णयों में नैतिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार को जनता के हित में ही कदम उठाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत अहम में।

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