SEBI का सख्त कदम: पूर्व टीवी एंकर पंड्या और 7 अन्य पर 5 साल का प्रतिबंध, भारी जुर्माना
प्रवीण पंड्या और साथियों पर SEBI का सख्त कदम
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पूर्व टीवी एंकर प्रवीण पंड्या और सात अन्य लोगों को शेयर बाजार में व्यापार करने से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इस कड़े कदम के साथ-साथ, SEBI ने इन पर भारी जुर्माना भी लगाया है। पंड्या और उनके साथियों पर यह कार्रवाई धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार गतिविधियों के कारण की गई है।
कैसे हुआ यह घोटाला उजागर
प्रवीण पंड्या, जो पहले सीएनबीसी आवाज़ के लोकप्रिय शो के होस्ट थे, ने अपनी जिम्मेदारियों का उल्लंघन करते हुए गोपनीय जानकारी साझा की थी। पंड्या ने नियोजित स्टॉक सुझावों की महत्वपूर्ण जानकारी अल्पेश फुरिया के साथ साझा की। अल्पेश फुरिया ने इस जानकारी का लाभ उठाते हुए खुद के खातों और संबंधित एंटिटीज़ के माध्यम से फायदे के लिए व्यापार किया। जिससे वह सुझाव सार्वजनिक रूप से सामने आने से पहले ही अधिक लाभ कमा सका।
फुरिया ने यह जानकारी आगे ओपू फुनिकांत नाग को भी भेजी थी, जिससे फुरिया को वेतन वृद्धि प्राप्त करने में मदद मिली। इस घोटाले की जांच SEBI ने राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा दिसंबर 2020 में सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर की। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि नवंबर 2019 से जनवरी 2021 के बीच पंड्या के दिए गए सुझावों और फुरिया व संबंधित एंटिटीज़ द्वारा किए गए व्यापारों में उच्च संबंध था।
SEBI के निर्देश और जुर्माना
SEBI ने इस घोटाले में शामिल प्रवीण पंड्या, अल्पेश फुरिया और छह अन्य एंटिटीज़ को पांच साल तक शेयर बाजार में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा, प्रवीण पंड्या और अल्पेश फुरिया पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और शेष छह एंटिटीज़ पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है।
अल्पेश फुरिया और उनके संबंधित खातों ने जो गैरकानूनी लाभ अर्जित किया है, वह 2.34 करोड़ रुपये है, जिसे वापस करने का आदेश दिया गया है। साथ ही, ओपू फुनिकांत नाग को भी 10.20 लाख रुपये का लाभ वापस करने का निर्देश दिया गया है।
SEBI का कड़ा संदेश
यह कार्रवाई SEBI द्वारा एक स्पष्ट संदेश देती है कि बाजार में अनुचित और धोखाधड़ीपूर्ण व्यापार प्रथाओं के प्रति कोई सहनशीलता नहीं होगी। इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल शेयर बाजार की साख प्रभावित होती है, बल्कि आम निवेशकों के हितों को भी भारी नुकसान होता है।
SEBI की यह सख्त कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि बाजार में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे। सेबी हमेशा इस तरह के मामलों पर नज़र रखेगा और दोनों ही छोटे और बड़े संस्थानों को जवाबदेह बनाएगा।
पंड्या और फुरिया की आपत्ति
प्रवीण पंड्या और अल्पेश फुरिया ने SEBI के इस आदेश पर आपत्ति जताई है और उनके खिलाफ सख्त कदम को चुनौती देने की बात कही है। उनके अनुसार, SEBI का फैसला संदिग्ध तथ्यों और निष्कर्षों पर आधारित है और उन्होंने किसी भी अनाधिकृत गतिविधि में शामिल होने से इंकार किया है।
हालांकि, SEBI अपनी जांच के परिणामों पर पूरी तरह साबित है और उसका मानना है कि यह कार्रवाई बाजार की स्थिरता और निवेशकों के विश्वास को स्थापित करने के लिए आवश्यक है।
आगे की संभावना और संकेत
प्रवीण पंड्या और उनके साथियों पर लगाए गए इस प्रतिबंध से बाकी कारोबारियों और निवेशकों को एक सख्त संकेत मिला है कि कोई भी अनैतिक गतिविधि छुप नहीं सकती। निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए ऐसी कार्रवाइयाँ महत्वपूर्ण हैं।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की गतिविधियों पर नज़र रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी सेबी को दें। केवल पारदर्शिता और ईमानदारी से ही हम एक स्थिर और विश्वसनीय बाजार का निर्माण कर सकते हैं।
Veeran Khatri
मैं भारतीय समाचारों का एक अनुभवी लेखक और विश्लेषक हूं। मैं उदयपुर में रहता हूँ और वर्तमान में एक प्रसिद्ध समाचार पत्रिका के लिए कार्यरत हूं। मेरा विशेष क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे हैं। मैं समाचार विश्लेषण प्रदान करने में माहिर हूँ और मुझे नई चुनौतियों का सामना करने में आनंद आता है।
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